हिमाचल सरकार ने एक बच्ची को दिया 'चाइल्ड ऑफ स्टेट' का टैग, जानिए ये क्या होता है

हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदा के चलते अपने माता-पिता को खोने वाली नीतिका नाम की मासूम बच्ची को राज्य सरकार ने 'चाइल्ड ऑफ स्टेट' घोषित किया है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह घोषणा मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना के तहत की गई है. इस योजना का उद्देश्य उन बच्चों की देखभाल करना है जो किसी भी आपदा या संकट में अपने माता-पिता को खो चुके हैं.

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हिमाचल प्रदेश में आई बाढ़ के चलते अपने माता-पिता को खो चुकी 10 महीने की बच्ची की देखबाल राज्य सरकार करेगी. (Photo: AI Generated) हिमाचल प्रदेश में आई बाढ़ के चलते अपने माता-पिता को खो चुकी 10 महीने की बच्ची की देखबाल राज्य सरकार करेगी. (Photo: AI Generated)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 28 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 11:55 AM IST

हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में बादल फटने से आई बाढ़ में अनाथ हुई 10 महीने की बच्ची नीतिका को 'राज्य की बच्ची' घोषित किया गया है और सरकार ने उसकी शिक्षा और पालन-पोषण का खर्च उठाने का वादा किया है. आइए जानते हैं चाइल्ड ऑफ स्टेट क्या होता है.

बाढ़ में बच्ची ने खो दिए माता-पिता और दादी

30 जून और 1 जुलाई की रात को तलवाड़ा गांव में बादल फटने से बच्ची ने अपने माता-पिता और दादी को खो दिया. उसके पिता रमेश (31) की मृत्यु हो गई, जबकि उसकी मां राधा देवी (24) और दादी पूर्णु देवी (59) अभी भी लापता हैं. रमेश घर में घुस रहे पानी का बहाव मोड़ने के लिए बाहर निकले थे, जबकि उनकी पत्नी और मां मदद के लिए उसके पीछे-पीछे आईं और फिर वे वापस नहीं लौटीं. 

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एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हिमाचल प्रदेश सरकार की मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना के तहत नीतिका को "राज्य की बच्ची" घोषित किया गया है.  पीटीआई वीडियोज़ से बात करते हुए, राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा, "राज्य सरकार एक दीर्घकालिक योजना के तहत बच्ची के पालन-पोषण, शिक्षा और भविष्य की पूरी ज़िम्मेदारी लेती है. यह बच्ची भविष्य में जो भी बनना चाहे, डॉक्टर, इंजीनियर या अधिकारी, सरकार उसका सारा खर्च उठाएगी. 

चाइल्ड और स्टेट क्या होता है?

चाइल्ड ऑफ स्टेट यानी ऐसा बच्चा जिसकी देखभाल, सुरक्षा और पालन-पोषण की जिम्मेदारी सरकार (राज्य) ने ली हो. इस बच्ची की देखबाल सुख-आश्रय योजना के तहत की जाएगी. 2023 में शुरू की गई सुख-आश्रय योजना के तहत अनाथों को कई लाभ प्रदान किए जाते हैं, जिनमें 18 से 27 वर्ष की आयु के अविवाहित अनाथ बच्चों को भोजन, आश्रय, वस्त्र, उच्च शिक्षा और कौशल विकास प्रदान करना शामिल है, जिनके पास रहने के लिए कोई घर नहीं है और जो बेरोजगार हैं.

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चाइल्ड ऑफ स्टेट के तहत बच्चों को वस्त्र और त्यौहार भत्ता, शिक्षा के लिए एक जगह से दूसरी जगह जाना, उच्च शिक्षा, व्यावसायिक प्रशिक्षण या कौशल विकास के दौरान व्यक्तिगत खर्चों को पूरा करने के लिए वजीफा, स्टार्टअप के लिए धन और घर बनाने के लिए अनुदान मिलता है.

चाइल्ड ऑफ स्टेट में बच्चे को सरकारी बाल गृहों (child care institutions) में रखा जाता है. उसकी शिक्षा, रहन-सहन, इलाज आदि का खर्च सरकार उठाती है. बच्चे के अधिकारों की रक्षा के लिए बाल कल्याण समिति (CWC) निगरानी करती है.

अब बच्ची कहां है

नीतिका को पड़ोसी प्रेम सिंह ने घर में अकेली रोते हुए पाया, जिसने उसके रिश्तेदार बलवंत, जो पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता जय राम ठाकुर के निजी सुरक्षा अधिकारी हैं, को सूचित किया. अभी बच्ची अपनी मौसी किरना देवी, जो मृतक रमेश की छोटी बहन हैं, के साथ तलवाड़ा गांव से लगभग 20 किलोमीटर दूर शिकौरी गांव में रह रही है.

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