अहमदाबाद में राइट टु एजुकेशन के तहत पढ़ने वाले 140 छात्रों के एडमिशन शहर के जिला शिक्षाधिकारी द्वारा रद्द कर दिए गए हैं. रद्द कर दिए गए एडमिशन ऐसे छात्रों के हैं, जिनके अभिभावकों ने आय का फर्जी सर्टिफिकेट बनवाकर आरटीई के तहत अपने बच्चों का प्रवेश सुनिश्चित करवाकर असल में गरीब और सामान्य बच्चों का अधिकार छीना है.
गुजरात में राइट टु एजुकेशन के तहत गरीब और सामान्य परिवारों के बच्चों को सरकार द्वारा राज्य की प्राइवेट स्कूलों में कक्षा 1 से लेकर 8वी तक प्राइवेट स्कूलों में मुफ्त शिक्षा उपलब्ध कारवाई जाती है. आरटीई का लाभ उन अभिभावकों को मिलता है, जिनकी वार्षिक आय 1.50 लाख से कम हो. आरटीई का ऑनलाइन फोरम भरते समय अभिभावकों को अपनी आय का सर्टिफिकेट भी देना होता है लेकिन अहमदाबाद शहर में 140 अभिभावकों की वार्षिक आय 1.50 लाख से भी अधिक होने के बावजूद फर्जी आय का सर्टिफिकेट निकलवाकर गरीब और सामान्य बच्चों का अधिकार छिनकर खुद सक्षम होने के बावजूद अपने बच्चों का एडमिशन आरटीई के तहत करवाया था.
डेढ़ लाख से ज्यादा पाई गई अभिभावकों की आय
अहमदाबाद शहर के जिला शिक्षाधिकारी रोहित चौधरी ने कहा, आरटीई के तहत शहरी इलाकों में प्रवेश का पहला नियम है की अभिभावकों की वार्षिक आय 1.50 लाख रुपये हो. हमने जिन 140 बच्चों के एडमिशन रद्द किए है उनके अभिभावकों की वार्षिक आय 1.50 लाख से ज्यादा पायी गई है. आरटीई के तहत प्रवेश होने के बाद कुछ प्राइवेट स्कूल ने अपने हिसाब से अभिभावकों की वार्षिक आय की जांच उनके IT रिटर्न की कॉपी मांगकर की थी. रोहित चौधरी ने कहा, अहमदाबाद की उदगम स्कूल, जेबर स्कूल, आरपी वसानी, ग्लोबल इंटरनेशनल स्कूल, कैलोरेक्स की केएन पटेल स्कूल की तरफ से हमें कुछ अभिभावकों की वार्षिक आय नियमों के मुताबिक 1.50 लाख से ज़्यादा मिली. हमने अभिभावकों को बुलाकर पूछा तो उन्होंने कहा कि लोन सरलता से मिले इसलिए रिटर्न अधिक भरा है तो कुछ वहीं, कुछ अभिभावकों की आय वाकई में ज्यादा है.
ज़िला शिक्षाधिकारी द्वारा गलत आय का सर्टिफिकेट देने वाले अभिभावकों के खिलाफ कदम उठाना सहरानीय प्रयास है. लेकिन यही प्रयास प्राइवेट स्कूल के लिए फायदेमंद भी साबित होगा क्योंकि जिन बच्चों के एडमिशन रद्द हुए है उनकी जगह वह पूरी फीस लेकर बच्चों को एडमिशन देंगे. अब जिन 140 बच्चों का एडमिशन रद्द कर दिया गया है, उनके अभिभावकों के पास दो विकल्प हैं. अभिभावक अपने बच्चों की फीस उसी प्राइवेट स्कूल में भरें जहां बच्चा पढ़ रहा है और एडमिशन जारी रखें या फिर एडमिशन किसी अन्य स्कूल में कराकर बच्चों की पढ़ाई जारी करें.
अतुल तिवारी