सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में शिक्षक भर्ती की योग्यताओं में कितना अंतर है?

भारत में शिक्षक बनने के लिए अलग-अलग परीक्षाएं और योग्यताएं तय की गई हैं. सरकारी स्कूलों में भर्ती के लिए CTET, TET, KVS, NVS और UGC NET जैसी परीक्षाएं पास करनी होती हैं, जबकि प्राइवेट स्कूलों और कॉलेजों में भर्ती इंटरव्यू, डेमो क्लास और योग्यता के आधार पर होती है. जानिए दोनों के बीच पूरा फर्क और जरूरी परीक्षाओं की लिस्ट.

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प्राइवेट स्कूल में शिक्षक बनने के लिए UGC NET को प्राथमिकता दी जाती है. (Photo: AI Generated) प्राइवेट स्कूल में शिक्षक बनने के लिए UGC NET को प्राथमिकता दी जाती है. (Photo: AI Generated)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 05 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 10:30 AM IST

अगर आप टीचर बनना चाहते हैं तो आपको पास दो विकल्प हैं. एक तो आप सरकारी संस्थानों में शिक्षक बन सकते हैं औ दूसरा प्राइवेट संस्थानों में. सरकारी स्कूल या कॉलेज में टीचर बनने के लिए ऑल इंडिया या स्टेट लेवल एग्जाम क्लियर करना पड़ता है. अब सरकारी शिक्षक बनने के लिए कौनकौन से एग्जाम हैं और प्राइवेट स्कूलों टीचर बनने के क्या मानदंड होने चाहिए. आइए आपको डिटेल में समझाते हैं.

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भारत में सरकारी शिक्षक बनने के लिए राज्य सरकारों और केंद्र सरकार की तरफ से अलगअलग परीक्षाएं करवाई जाती हैं. बात करें केंद्र सरकारी की तो केंद्र सरकार केंद्रीय विद्यालय, नवोदिय विद्यालय और आर्मी पब्लिक स्कूल में भर्ती के लिए सेंट्रल टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (CTET) आयोजित करवाती है. यह परीक्षा कक्षा एक से कक्षा 8 तक शिक्षक भर्ती के लिए होती और यह साल में दो बार करवाई जाती है. इस परीक्षा का आयोजन केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) करता है. इसमें  कक्षा एक से पांच तक के लिए पेपर वन और कक्षा छह से लेकर आठ तक के लिए पेपर 2 देना होता है.

इसके अलावा केंद्रीय विद्यालय संगठन (KVS) परीक्षा भी होती है, जिसके जरिए केंद्रीय विद्यालयों में प्राइमरी टीचर (PRT), ट्रेन्ड ग्रेजुएट टीचर (TGT) और पोस्ट ग्रेजुएट टीचर (PGT) पदों पर भर्ती की जाती है. इसी तरह नवोदय विद्यालय समिति (NVS) परीक्षा नवोदय विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती के लिए होती है. इस परीक्षा के जरिए भी TGT, PGT और अन्य पदों पर शिक्षक चुने जाते हैं.

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अगर स्टेट लेवल की बात की जाए तो हर राज्य शिक्षक भर्ती के लिए टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (TET) भी आयोजित करवाता है. हर राज्य का अपना TET होता है. जैसे उत्तर प्रदेश में UPTET, बिहार में BTET, मध्य प्रदेश में MPTET, हरियाणा में HTET. CTET की तरह इसमें भी Paper 1 (प्राथमिक शिक्षक) और Paper 2 (उच्च प्राथमिक शिक्षक) होते हैं.

स्टेट पीएससी एग्जाम के जरिए भी होती है शिक्षक भर्ती

इसके अलावा पीजीटी भर्ती के लिए हर राज्य का पब्लिक सर्विस कमीशन परीक्षा आयोजित करता है. UPPSC, BPSC, HPSC द्वारा आयोजित परीक्षाओं के जरिए भी शिक्षक भर्ती होती है. राज्यों में कॉन्ट्रैक्ट और नियमित भर्ती दोनों हो सकती हैं.  

विश्वविद्यालय/कॉलेज शिक्षक भर्ती 

स्कूल नहीं, बल्कि कॉलेज/यूनिवर्सिटी लेवल पर शिक्षक भर्ती के लिए भी परीक्षाएं आयोजित होती हैं. जैसे यूजीसी नेट और स्टेट एसईटी. विश्वविद्यालय और कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए यूजीसी नेट की परीक्षा देनी होती है. वहीं, राज्य स्तर पर कॉलेज/विश्वविद्यालय शिक्षक भर्ती के लिए स्टेट एलिजिबिलिटी टेस्ट (STET) आयोजित की जाती है.

प्राथमिक/माध्यमिक शिक्षक- CTET + राज्य TET, KVS/NVS भर्ती.
PGT (12वीं तक पढ़ाने वाले)- राज्य लोक सेवा आयोग या KVS/NVS परीक्षा.
कॉलेज/यूनिवर्सिटी शिक्षक- UGC NET / State SET.

प्राइवेट स्कूलों में किन आधार पर बन सकते हैं टीचर

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सरकारी स्कूलों की तरह प्राइवेट स्कूलों में भी भर्ती प्रक्रिया होती है. हालांकि, यह मुख्य रूप से उस संस्था के मैनेजमेंट या ट्रस्ट पर निर्भर करता है. अधिकतर प्राइवेट स्कूलों में भर्ती के लिए प्राथमिक शिक्षक (PRT) के लिए अक्सर D.El.Ed (Diploma in Elementary Education) + CTET/STET पास होना जरूरी माना जाता है.

वहीं, पोस्ट ग्रेजुएट टीचर के लिए  पोस्टग्रेजुएशन + B.Ed. मांगा जाता है. स्कूल अपनी आधिकारिक वेबसाइट, अखबारों या जॉब पोर्टल पर नौकरी के लिए आवेदन मांगते हैं. प्राइवेट स्कूलों में इंटरव्यू, डेमो क्लास और कभीकभी लिखित परीक्षा के आधार पर चयन होता है. CTET/NTA जैसी पात्रता परीक्षाओं का सर्टिफिकेट एक एडवांटेज माना जाता है.

प्राइवेट कॉलेजों में भर्ती  (UG/PG) में पढ़ाने के लिए न्यूनतम पोस्ट ग्रेजुएशन, यूजीसी नेट सर्टिफिकेट मांगा जाता है. जिन कैंडिडेट्स ने पीएचडी की हुई होती है उन्हों प्राथमिकता दी जाती है. 

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