भारत सरकार साइंस और टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने के लिए इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (IISc) में रिसर्च पार्क की शुरुआत करने जा रही है. सरकार ने IISc बैंगलोर और आठ आईआईटी में रिसर्च पार्क की स्थापना की मंजूरी दे दी है.
इन 8 आईआईटीज में होंगे रिसर्च पार्क
एक ऑफिशियल नोटिफिकेशन के मुताबिक, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (IISc) बैंगलोर के अलावा 8 आईआईटी संस्थानों में रिसर्च पार्क की स्थापना की जाएगी. इनमें आईआईटी मद्रास, आईआईटी बॉम्बे, आईआईटी खड़गपुर, आईआईटी कानपुर, आईआईटी दिल्ली, आईआईटी गुवाहाटी, आईआईटी हैदराबाद, आईआईटी गांधीनगर शामिल हैं. सरकार ने कहा कि आईआईटी मद्रास, आईआईटी खड़गपुर और आईआईटी दिल्ली में रिसर्च पार्क की स्थापना का काम चल रहा है और अन्य पूरा होने के एडवांस स्टेज में हैं.
रिसर्च पार्क से क्या होगा फायदा?
पीआईबी द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया है, 'इन रिसर्च पार्क का मुख्य उद्देश्य टॉप-रेटेड उद्योगों के साथ अनुसंधान सहयोग करना, छात्रों की उद्यमशीलता और ऊष्मायन को सक्षम करना और इसके लिए मजबूत शैक्षणिक संबंध बनाना है. इससे उद्योग तक शैक्षणिक सामग्री की पहुंच बढ़ेगी और उद्योग को मूल्य जोड़ने में मदद मिलेगी. अनुसंधान पार्कों के विभिन्न उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए, इन्हें आमतौर पर देश के उच्च शैक्षणिक संस्थानों में स्थापित किया जाता है.'
करोड़ों रुपये की लागत से बन रहे हैं रिसर्च पार्क
मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री डॉ. सत्यपाल सिंह ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर बताया कि आईआईटी मद्रास रिसर्च पार्क, जो 43 आर एंड डी क्लाइंट, 4 इनक्यूबेटर, 55 स्टार्टअप और 5 उत्कृष्टता केंद्रों के साथ पूरी तरह कार्यात्मक है, जो कुल 447.66 करोड़ रुपये की लागत पर स्थापित किया गया था, जिसमें सरकार से 137 करोड़ रुपये की सहायता अनुदान शामिल है. आईआईटी खड़गपुर और आईआईटी बॉम्बे में रिसर्च पार्क 100-100 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे हैं, जिसमें से 100 करोड़ रुपये आईआईटी खड़गपुर को और 33 करोड़ रुपये आईआईटी बॉम्बे को जारी किए गए हैं.
उन्होंने आगे बताया कि वर्तमान में निर्माणाधीन आईआईटी गांधीनगर अनुसंधान पार्क को साइंस और टेक्नोलॉजी विभाग से पूर्ण वित्त पोषण के साथ 90 करोड़ रुपये की लागत पर मंजूरी दे दी गई है, जिसने अब तक 40 करोड़ रुपये की राशि जारी की है. बाकी पांच नए रिसर्क पार्कों को हाल ही में 75 करोड़ रुपये की लागत से मंजूरी दी गई है, जिनमें से प्रत्येक को 5 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है.
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