DDU में विदेशी लेखकों की जगह चेतन भगत, अमीश त्रिपाठी और वेद प्रकाश शर्मा को पढ़ेंगे छात्र

पोस्‍ट ग्रेजुएशन की कक्षाओं के कोर्स में ब्रिटिश उपन्यासकार मिल्टन, शेक्सपियर आदि के नाटक व उपन्यास को शामिल किया गया था. अब नई शिक्षा नीति पर आधारित पीजी के इन कोर्सेज़ में विदेशी लेखकों की जगह अपने देश के प्रसिद्ध व चर्चित नाटक व उपन्यास को शामिल किया गया है.

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aajtak.in

  • नई दिल्‍ली,
  • 06 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 1:25 PM IST

पूर्वांचल में विद्यार्थियों को साहित्य जगत से रुबरु कराने के लिए समकालीन लेखकों के उपन्यास, कहानी नाटक और कविताओं के प्रति जागरूक करने और नवीन लेखकों के सुप्रसिद्ध किताबों को शैक्षणिक सत्र में शामिल करने के लिए दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय (DDU) ने पहल की है. 

DDU के अंग्रेजी विभाग के विद्यार्थी अब कालजयी नाटक, गीत और उपन्यास भी पढ़ेंगे. गुलजार, चेतन भगत, अमिश त्रिपाठी के उपन्यास के साथ साथ हैरी पॉटर पढ़ाए जाएंगे. अगले सेमेस्टर में उन्हें महाकवि कालीदास का अभिज्ञान शाकुंतलम और भवभूति के संस्कृत में नाटक उत्तर रामचरितम को अनुवाद कराकर पढ़ाया जाएगा.

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पोस्‍ट ग्रेजुएशन की कक्षाओं के कोर्स में ब्रिटिश उपन्यासकार मिल्टन, शेक्सपियर आदि के नाटक व उपन्यास को शामिल किया गया था. अब नई शिक्षा नीति पर आधारित पीजी के इन कोर्सेज़ में विदेशी लेखकों की जगह अपने देश के प्रसिद्ध व चर्चित नाटक व उपन्यास को शामिल किया गया है.

दूसरे सेमेस्टर में छात्रों को चेतन भगत के उपन्यास पाइव प्वाइंट समवन को पढ़ाया जा रहा है. इसी उपन्यास पर आमिर खान की सुपर हिट फिल्म थ्री इडियट बनी थी. इसी प्रकार अमीश त्रिपाठी ने राम पर कई सीरिज लिखी हैं, जिसकी चर्चा खूब है. इसे भी पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है. जादुई दुनिया पर आधारित हैरी पॉटर के उपन्यासों को भी पढ़ाया जाने लगा है.

खूब भा रहे हैरी पॉटर की जादुई दुनिया पर उपन्यास 
शिवा ट्रायलॉजी और रामचंद्र सीरीज जैसी बेस्टसेलर बुक्स के लेखक अमीश त्रिपाठी के शिवा ट्रायलॉजी की पहली किताब इमोरटल्स ऑफ़ मेलुहा भी पढ़ाई जा रही है. गुलजार का प्रसिद्ध गीत 'मेरा कुछ सामान तुम्हारे पास पड़ा है' का अनुवाद विद्यार्थियों को पढ़ाया जा रहा है. जेके रोलिंग का हैरी पॉटर विद्यार्थियों को जादुई दुनिया में ले जाता है. इसे खूब पसंद किया जा रहा है.

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गोरखपुर विश्वविद्यालय में अंग्रेजी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. अजय शुक्ला ने कहा कि अपनी सहजता, सरलता और सुबोधता की वजह से लोकप्रिय साहित्य व्यापक जन समुदाय के बीच पहुंचता है, उसका जुड़ाव आम जन से होता है. कलात्मक साहित्य को गंभीर माना जाता है.

ऐसे पाठ्यक्रमों से विद्यार्थी अपने आपको सीधे कनेक्ट करते हैं. अंग्रेजी विभाग के एमए द्वितीय सेमेस्टर के लिए एक इलेक्टिव पेपर रखा गया है, जिसमें पॉपुलर लिटरेचर की विभिन्न विधाओं जैसे उपन्यास, जासूसी एवं जादुई कृतियां, गीत, कविता को शामिल किया गया है. तो वहीं हिंदी के विद्यार्थी पढ़ेंगे मधुशाला और वेद प्रकाश शर्मा का चर्चित उपन्यास वर्दी वाला गुंडा. जासूसी साहित्य के जनक इब्ने सफी की रचनाएं, रोमांच भरने वाले गुलशन नंदा के उपन्यास नीलकंठ और हरिवंश राय बच्चन की मधुशाला के बारे में अब गोरखपुर विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के विद्यार्थी पढ़ाई करेंगे.

एमए हिंदी के चौथे सेमेस्टर में लोकप्रिय साहित्य के नाम से नया पाठ्यक्रम तैयार किया गया है. हिंदी विभाग का दावा है कि नई शिक्षा नीति के तहत हिंदी के पाठ्यक्रम को रोचक बनाया गया है. पहली यूनिट में लोकप्रिय साहित्य वैकल्पिक विषय के तौर पर आगामी शैक्षणिक सत्र से पढ़ाया जाएगा. पांच क्रेडिट और सौ अंक वाले लोकप्रिय साहित्य विषय में इब्ने सफी की जासूसी दुनिया, गुलशन नंदा के 'नीलकंठ', वेदप्रकाश शर्मा के 'वर्दी वाला गुंडा', 'राधेश्याम रामायण (रामलीला मंचन के लिए रची गई रामायण) और हरिवंश राय बच्चन की 'मधुशाला' को भी पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है.

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गोरखपुर विश्वविद्यालय में हिंदी विभाग के अध्यक्ष प्रो. दीपक प्रकाश त्यागी ने कहा कि ऐसे साहित्य, जिसके बड़े पाठक वर्ग बने हैं और जिनकी बाजार में मांग ज्यादा है, उन्हें लोकप्रिय साहित्य के रूप में विश्वविद्यालय के एमए के पाठ्यक्रम में जगह दी गई है. साहित्य के विद्यार्थियों की रचनात्मकता को नया आयाम देने की कोशिश की गई है.

(गोरखपुर से विनीत पाण्डेय की रिपोर्ट) 

 

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