कौन हैं ब्रिटिश भारतीय मूल की मुमताज पटेल? जो लंदन के रॉयल कॉलेज में चुनाव जीतकर बनीं प्रेसिडेंट

रॉयल कॉलेज ऑफ फिजिशियन में पिछले साल एक्टिंग प्रेसिडेंट के रूप में चुनी गईं मुमताज पटेल चौथी महिला और भारतीय मूल की पहली महिला हैं. तत्कालीन अध्यक्ष सारा क्लार्क के पद से हटने के बाद, पटेल को 03 जुलाई 2024 को आरसीपी का एक्टिंग प्रेसिडेंट बनाया गया था. अब चुनाव जीतकर वे RCP की प्रेसिडेंट बनी हैं.

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ब्रिटिश भारतीय मूल की मुमताज पटेल लंदन के प्रतिष्ठित कॉलेज RCP की प्रेसिडेंट बनीं (फोटो- RCP) ब्रिटिश भारतीय मूल की मुमताज पटेल लंदन के प्रतिष्ठित कॉलेज RCP की प्रेसिडेंट बनीं (फोटो- RCP)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 17 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 10:38 PM IST

ब्रिटिश भारतीय महिला मुमताज पटेल लंदन के प्रतिष्ठित रॉयल कॉलेज ऑफ फिजिशियन (RCP) में चुनाव जीतकर प्रसिडेंट बनी हैं. वे रॉयल कॉलेज की 123वीं अध्यक्ष चुनी गईं. लंदन के मैनचेस्टर में स्थित RCP कॉलेज के प्रेसिडेंट इलेक्शन में दो दशकों में सबसे अधिक मतदान हुआ, मुमताज पटेल ने कुल 5,151 वोटों में से 2,239 वोट प्राप्त किए और 682 वोटों के अंतर से जीत हासिल की.

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रॉयल कॉलेज ऑफ फिजिशियन का यह चुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि पिछले 500 सालों में (1518 में RCP की स्थापना के बाद से) इसका नेतृत्व केवल तीन महिलाओं ने किया है. पिछले साल कार्यवाहक अध्यक्ष के रूप में नियुक्त की गई पटेल चौथी महिला और भारतीय मूल की पहली महिला होंगी. तत्कालीन अध्यक्ष सारा क्लार्क के पद से हटने के बाद, पटेल को 03 जुलाई 2024 को आरसीपी का एक्टिंग प्रेसिडेंट बनाया गया था.

कौन हैं ब्रिटिश भारतीय मूल की मुमताज पटेल?
मुमताज पटेल का जन्म और पालन-पोषण यू.के. में हुआ है, लेकिन वह अपनी भारतीय विरासत से गहराई से जुड़ी हुई हैं. उनके माता-पिता 1960 के दशक में भारत से यू.के. में जाकर बस गए थे. वे मुमताज पटेल मैनचेस्टर स्थित कंसल्टेंट नेफ्रोलॉजिस्ट हैं और उन्होंने RCP के सीनियर सेंसर और एजुकेशन एंड ट्रेनिंग के लिए वाइस प्रेसिडेंट के पदों पर काम किया है. प्रेसिडेंट बनन के बाद उन्होंने अपने भाषण में चिकित्सा में विविधता और समावेश को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता जताई.

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शुरुआती करियर 
मुमताज पटेल ने 1996 में मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की. फिर रीनल मेडिसिन में अपना करियर बनाया. उन्होंने 2006 में ल्यूपस नेफ्राइटिस के जेनेटिक्स में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की. कंसल्टेंट नेफ्रोलॉजिस्ट के रूप में काम करने के बाद, वह अगस्त 2020 में आरसीपी की ग्लोबल वाइस प्रेसिडेंट बनीं. वे 2020 से 2023 तक RCP की वाइस प्रेसिडेंट रहीं.

मेडिकल ट्रेनिंग को बेहतर बनाने का काम किया
एजुकेशन एंड ट्रेनिंग के लिए बतौर VC उन्होंने नई शिक्षा रणनीति विकसित की और शुरुआती करियर वाले डॉक्टरों की वकालत की. ट्रेनिंग कमेटी के साथ मिलकर मेडिकल ट्रेनिंग की क्वालिटी और एक्सपीरियंस को बेहतर बनाने के लिए काम किया. 

फरवरी 2022 में, मुमताज पटेल ने म्यांमार में सैन्य तख्तापलट की पहली वर्षगांठ मनाने के लिए एक एकजुटता कार्यक्रम की मेजबानी की. उन्होंने आरसीपी ग्लोबल के काम को जारी रखा, जिसमें म्यांमार के सदस्यों और साथियों की मदद की.

तत्कालीन प्रिंस ऑफ वेल्स, किंग चार्ल्स के साथ एक बैठक में, उन्होंने रिफ्यूजी डॉक्टरों के लिए मेडिकल सपोर्ट वर्कर स्कीम पर चर्चा की, जिसे आरसीपी चैनलाइज करता है. इस स्कीम से म्यांमार के डॉक्टरों को सबसे ज्यादा फायदा हुआ. उन्होंने अपने भाषण में "संवैधानिक और शासन समीक्षा के माध्यम से वास्तविक परिवर्तन" के महत्व पर जोर दिया. एक्टिंग प्रेसिडेंट के रूप में चुने जाने के बाद, उन्होंने आरसीपी की वैश्विक रणनीति में विविधता लाने का काम किया.

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उन्होंने ग्लोबल वूमेन लीडर्स प्रोग्राम भी लॉन्च किया, जिसका उद्देश्य महिला फिजिशियन को नेतृत्व की भूमिकाओं में आगे बढ़ना है. इसके सम्मान में, पिछले साल उन्हें पहले ग्लोबल वूमेन इन हेल्थकेयर अवार्ड्स में आउटस्टेंडिंग लीडर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था. इसके अलावा आरसीपी ने एक आधिकारिक बयान में मुमताज पटेल को इंटरनेशल मेंबरशिप और ग्लोबल नेटवर्क को मजबूत करके अपनी वैश्विक रणनीति में विविधता लाने का श्रेय दिया है.

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