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एजुकेशन न्यूज़

जानिए- इस IPS अफसर के बारे में, काउंसलर-टीचर-डेंटिस्‍ट हर रोल में है खास

aajtak.in
  • नई द‍िल्‍ली ,
  • 19 फरवरी 2021,
  • अपडेटेड 8:15 PM IST
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कहते हैं क‍ि एक स‍िव‍िल सर्वेंट सही मायने में समाज की सेवा करने के जज्‍बे के साथ ही क्षेत्र में आते हैं लेक‍िन बहुत कम लोग ही प्रितपाल कौर की तरह उसी जज्‍बे के साथ अपने जज्‍बे के लिए काम करते हैं. यह महिला IPS अधिकारी देश के सबसे दूरस्थ हिस्सों में से एक में लोगों के जीवन को बदलने के लिए चुपचाप काम कर रही है.जान‍िए- उनके इस जज्‍बे की पूरी कहानी....

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2016-बैच की आईपीएस अधिकारी प्रितपाल कौर न सिर्फ जरूरतमंद छात्रों को सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए मुफ्त कोचिंग देती हैं. साथ ही वो ड्रग एडिक्ट्स और उनके परिवारों की काउंसिलिंग के जरिये मदद करती हैं. इसके अलावा वो डेंटिस्‍ट होने के चलते स्थानीय लोगों को तंबाकू छुड़वाने में मदद करती हैं.

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IPS बनने से पहले प्रितपाल कौर हैदराबाद में डेंटिस्‍ट के तौर पर अपनी सेवाएं दे रही थीं. 2016 में सिविल सेवा परीक्षा को क्रैक करने के बाद यहां के पड़ोसी तुएनसांग जिले में सेवा कर रही थी, तभी उन्‍होंने सिविल सेवा की तैयारी कर रहे जरूरतमंदों के साथ काम करने का मन बनाया. वो सोशल मीडिया के जरिये उन तक पहुंची और पुलिस व सिविल एडमिनिस्‍ट्रेशन के कुछ अधिकारियों के साथ उनकी कक्षाएं लेना शुरू कर दिया.

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उनकी कोचिंग के सात छात्रों ने इस साल राज्य सिविल सेवा परीक्षा का प्रीलिम्स क्‍ल‍ियर किया है. उन्‍होंने जिले की एसपी ऑफिस के कांफ्रेंस हॉल को क्‍लासरूम में बदल दिया है. उनकी क्‍लास में तकरीबन 30 अभ्‍यर्थी हैं और उनमें से कुछ वर्किंग भी हैं जो सुबह 6 बजे से 10 बजे तक क्‍लास ज्‍वॉइन करते हैं. इन शिक्षकों में राज्य सिविल सेवा के कुछ अधिकारी और असम राइफल्स के डॉक्टर भी शामिल हैं. इनकी कक्षाएं पिछले सप्ताह शुरू हुई हैं.

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द न्‍यू इंडियन एक्‍सप्रेस से बातचीत में आईपीएस प्रितपाल कौर ने बताया क‍ि नोकलाक जिलस म्यांमार के साथ एक सीमा साझा करता है और शायद यह देश का सबसे दूरस्थ जिला है. इसमें बुनियादी सुविधाओं का अभाव है. मैंने सोचा कि मैं सुबह अपना समय निकाल सकती हूं और उन्हें जीवन में कुछ दिशा देने के लिए कक्षाएं संचालित कर सकती हूं.

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बता दें क‍ि इतना ही नहीं वो अपनी सैलरी का एक हिस्सा उन किताबों को खरीदने के लिए खर्च करती हैं जो वह एस्पिरेंट्स को देती हैं. उन्हें स्‍टडी मटीरियल भी दिया जाता है और नियमित रूप से टेस्‍ट भी होते हैं. अब ये उम्‍मीदवार सिविल सेवा परीक्षा अलावा SSC, CAPF, बैंक और राज्य स्तरीय विभागीय परीक्षाओं के लिए भी तैयार हैं. 

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बता दें क‍ि म्यांमार के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा के करीब से इलाके में ड्रग्‍स की लत भी एक समस्‍या है. ऐसे में प्रितपाल ने नशे के लिए यूज होने वाले ड्रग्‍स पर अंकुश लगाने के लिए एक दस्‍ता बनाया है, जिसमें कम्‍यू‍निटी, एनजीओ और अन्य को शामिल किया है. वो कहती हैं कि प्यार, देखभाल और सहानुभूति नशे की लत को हरा सकती है. वह हाल ही में 100 से अधिक ड्रग एडिक्ट्स से मिलीं, जिनका इलाज चल रहा है. उनकी काउंसिलिंग करके उन्‍हें रिहैब करने के लिए तैयार कर रही हैं.

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