यात्रियों की सेफ्टी के लिए होते हैं ट्रेन के ऊपर लगे ढक्कन, जानें कैसे करते हैं काम

Did You Know: क्या आपने कभी ट्रेन की बोगियों को ध्यान से देखा है? अगर हां, तो आपने इस चीज पर भी ध्यान दिया होगा कि ट्रेन की बोगियों पर कैप या ढक्कन बने होते हैं. क्या आपने सोचा है कि ये ढक्कन क्यों लगे होते हैं? आइए जानते हैं वजह.

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 05 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 4:59 PM IST

रोजमर्रा की जिंदगी में हम कई ऐसी चीजें देखते हैं जिनके मायने या उसके इस्तेमाल के बारे में हमें आइडिया नहीं होता. ऐसी ही एक चीज हम में से कई लोगों ने ट्रेन में यात्रा के दौरान देखी होगी. हम में से कई लोगों ने ट्रेन के डिब्बों के ऊपर बने गोल ढक्कन जरूर देखें होंगे. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये ढक्कन क्यों लगे होते हैं? 

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रूफ वेंटिलेटर होते हैं ये ढक्कन
ट्रेन के ऊपर लगे ये ढक्कन या कैप रूफ वेंटिलेटर कहलाते हैं. इनको यात्रियों की सुरक्षा के लिए लगाया जाता है. दरअसल,अगर ट्रेन की रूफ पर ये ढक्कन न हों तो ट्रेन में आग लगने का खतरा बढ़ जाता है. आइए समझते हैं इन ढक्कन या कैप से यात्रियों की सुरक्षा कैसे होती है.

कैसे करते हैं रूफ वेंटिलेटर काम 
ट्रेन के एसी कोच पूरी तरह से बंद होते हैं, कोच की सारी खिड़कियां पैक होती हैं. ऐसे में हवा बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं होता. अगर गर्म हवाओं के निकलने के लिए कोई जगह न हो तो आग लगने का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में रूफ वेटिलेंटर पूरी ट्रेन के तापमान में संतुलन बनाए रखने का काम करते हैं. कोच में हवाओं के वेंटिलेशन के लिए छत पर छेद वाली प्लेट्स लगी होती हैं. इसकी मदद से गरम हवाएं प्लेट्स से होते हुए रूफ वेंटीलेटर के रास्ते बाहर निकल जाती हैं. लोगों को गर्मी और सफोकेशन से बचाने के लिए इस तरह की व्यवस्था को अपनाया गया है.

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बता दें, इस वेंटीलेटर के ऊपर एक कैप भी लगा होता है. इसका ढक्कन बंद होने की वजह से बारिश का पानी कोचों के अंदर नहीं जाता और कोच के अंदर की गर्मी कोच की छत पर लगी प्लेटो के माध्यम से बाहर निकलती रहती है. 

 

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