भारत के वो अफसर, जो जासूसी एजेंसियों के 'अड्डे' इंटरपोल के लिए करते हैं काम!

Interpol liaison Officers: आपने इंटरपोल का नाम तो सुना होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं आखिर ये कैसे काम करता है और भारत में इंटरपोल के लिए कैसे काम होता है. तो जानते हैं आपको इसके बारे में सबकुछ...

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सांकेतिक फोटो (फोटो- Freepik) सांकेतिक फोटो (फोटो- Freepik)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 07 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 1:32 PM IST

देश की अलग अलग जांच एसेंसियों को सशक्त बनाने को लेकर अब भारतपोल पोर्टल (Bharatpol Portal) की शुरुआत की गई है. ये पोर्टल भारत की एजेंसियों को रियल टाइम सूचना शेयर करने में सक्षम बनाएगा, जिससे इंटरपोल से सीधे मदद ली जा सकेगी. बता दें कि इंटरपोल एक तरह से इंटरनेशनल पुलिस है, जिसके जरिए संगठन सदस्य देशों की सुरक्षा एजेंसियों के बीच आपराधिक मामलों में कॉर्डिनेशन किया जाता है.

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ऐसे में जानते हैं कि आखिर इंटरपोल का काम क्या है और इंटरपोल में भारत से काम कैसे होता है. साथ ही जानते हैं वो अधिकारी कौन-कौन से हैं, जो भारत में इंटरपोल के लिए काम करते हैं... 
 
क्या है इंटरपोल?

इंटरपोल का पूरा नाम अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक पुलिस संगठन है. इसके 196 सदस्य देश हैं. ये सभी सदस्य देशों की पुलिस को एक सुरक्षित जगह देता है, जहां सूचनाओं का आदान प्रदान होता है और इससे सभी देशों की पुलिस मिलकर काम करती है. इंटरपोल अपराधों और अपराधियों से जुड़े डेटा को पुलिस तक साझा करता है. इसका गठन साल 1923 में किया गया जिसका हेडक्वार्टर फ्रांस के ल्योन में मौजूद है. ये संयुक्त राष्ट्र के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा संगठन है. भारत साल 1949 से इसका सदस्य है.

कैसे काम करता है इंटरपोल?

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हर देश में इंटरपोल के लिए एक नेशनल सेंट्रल ब्यूरो (NCB) होता है, जो सूचनाओं के लिए सेंटर पॉइंट होता है. NCB हर देश के पुलिस अधिकारियों की ओर से चलाया जाता है. अगर भारत की बात करें तो भारत में इंटरपोल के लिए National Central Bureau (NCB-New Delhi) के रूप में CBI काम करता है. ये कानून प्रवर्तन एजेंसियों सहित देशभर की विभिन्न एजेंसियों के साथ मिलकर आपराधिक मामलों में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग में मदद करता है. ये कॉर्डिनेशन का कुछ खास अफसरों के जरिए किया जाता है.

कौन होते हैं ये अधिकारी?

सभी एजेंसियों और पुलिस आदि से कॉर्डिनेट करने का काम कुछ अधिकारियों का होता है, जिन्हें  INTERPOL Liaison Officers (ILO) कहा जाता है. ये आईएलओ केंद्र, राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों के स्तर पर कॉर्डिनेशन का काम करते हैं. ये अधिकारी अपने-अपने संगठनों में एसपी, कमिश्नर और शाखा प्रमुखों के स्तर पर Unit Officers (UOs) से जुड़े होते हैं. वहां से जानकारी प्राप्त कर ये इंटरपोल में दूसरे देश की पुलिस से कॉर्डिनेट करते हैं और सूचनाओं का आदान प्रदान करते हैं.

बता दें कि हर राज्य में INTERPOL Liaison Officers होते हैं और कुछ राज्यों में दो ऑफिसर की नियुक्ति होती है. इसमें एक ऑफिसर डेप्यूटी आईएलओ कहलाता है. इन पदों का कार्यभार आईजी, एडिशनल सीपी, एसपी, एडिशनल डीजीपी स्तर के पुलिस अधिकारियों को दिया जाता है. आप अपने राज्य के आईएलओ की जानकारी सीबीआई की वेबसाइट के जरिए ले सकते हैं. 

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भारतपोल का क्या होगा काम?

आज से शुरू हुए भारतपोल के काम की बात करें तो इससे  इंटरपोल से सूचना का आदान-प्रदान आसान हो जाएगा.  अभी CBI, ILOs, और UOs के बीच कम्यूनिकेशन पत्रों, ईमेल और फैक्स के जरिए होता है. अब सीबीआई ने BHARATPOL पोर्टल विकसित किया है, जो CBI की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है. इसके जरिए सभी आईएलओ और यूओ और सीबीआई अफसर एक पोर्टल से जुड़ जाएंगे और उसके जरिए कम्यूनिकेशन किया जाएगा. 

ये पोर्टल, INTERPOL के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय सहायता के लिए सभी अनुरोधों पर कार्रवाई को सुव्यवस्थित करेगा, जिसमें Red Notices और अन्य colour-coded INTERPOL नोटिस जारी करना शामिल है. 
 

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