भारतीय क्रिकेट टीम टी-20 वर्ल्ड कप जीतने के बाद अभी तक भारत नहीं लौटी है और अभी टीम बारबाडोस के होटल में ही फंसी हुई है. दरअसल, बारबाडोस में आए हरिकेन बेरिल की वजह से टीम इंडिया होटल में ही है और भारत नहीं आ पा रही है. तूफान इतना खतरनाक है कि इसकी वजह से फ्लाइटें प्रभावित हैं. ऐसे में सवाल है कि आखिर ये तूफान कितना खतरनाक है, अभी वहां कैसे हालात हैं और ये आम तूफान से कितना अलग और खतरनाक बताया जा रहा है. साथ ही जानते हैं आखिर टीम इंडिया कब तक भारत आ सकती है?
कितना खतरनाक है ये हरिकेन?
दरअसल, ये सामान्य तूफान नहीं है बल्कि तूफान है और कैटेगरी-4 का तूफान है, जो काफी खतरनाक है. लेकिन हवाओं की स्पीड को देखते हुए इसे कैटेगरी-5 का तूफान माना जा रहा है. अभी तूफान में 257 किलोमीटर की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं.हवाएं इतनी तेज है कि वहां जनजीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त है और प्रशासन ने लोगों से घरों से बाहर नहीं निकलने की अपील की है. बिजली और पानी की सप्लाई ठप हो गई है. कई घरों की छतें उड़ गई है. साथ ही बारिश तेज होने की वजह से शहर में हर तरफ पानी ही पानी है.साथ ही प्रभावित क्षेत्रों में स्कूल-कॉलेज बंद रखने के आदेश दिए गए हैं.
अगर इस तूफान से प्रभावित क्षेत्रों की बात करें तो इसमें बारबाडोस, सेंट लूसिया, सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइन द्वीप समूह, ग्रेनेडा और टोबैगो है, जबकि इसके पास के क्षेत्र डोमिनिका, हैती के लिए तूफान का अलर्ट जारी किया गया है. इस तूफान में क्लोकवाइज हवाओं की घूमाव होता है और ऐसे तूफान औसतन 10 साल में एक बार आते हैं.
नॉर्मल तूफान से कितना अलग है?
अगर हरिकेन तूफान की बात करें तो इसे उष्णकटिबंधीय चक्रवात या Tropical Cyclone तूफान कहा जाता है. हरिकेन इस कैटेगरी के तूफान में सबसे खतरनाक होता है. यह एक तरह का चक्रवात तूफान होता है, जो समुद्र के ऊपर उठते हैं. दरअसल, जब भी समुद्र का तापमान बढ़ता है तो इसके ऊपर मौजूद हवा गर्म होकर ऊपर उठ जाती है और वह जगह खाली हो जाती है. फिर वहां ठंडी हवा पहुंचती है और चक्रवात तूफान बनता है. लेकिन, जो तूफान उत्तरी अमेरिका और कैरेबियन आइलैंड में आते हैं, उन्हें हरिकेन कहा जाता है. इसकी घूमकर आने वाली हवाएं किसे और ज्यादा खतरनाक बनाती है.
कितनी हवा में उड़ने लगता है इंसान?
वैसे तो किसी भी व्यक्ति के हवा में उड़ने के पीछे कई चीजें निर्भर करती है. साथ ही इंसान का बल, वजन, बनावट कई चीजें इसमें अहम रोल निभाती है. सामान्य तौर पर इंसान तो 150 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार एक जगह से दूसरी जगह मूव कर सकता है.दरअसल अगर 70 माइल प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलती है, तो ये ग्रेविटी के फोर्स पर हावी हो सकती है. इस दौरान इंसान अपनी जगह से हिल सकता है. ऐसे में आप अंदाजा लगा सकते हैं कि वहां कितनी तेज हवाएं चल रही हैं.
कब तक आ जाएगी टीम इंडिया?
दरअसल, अब कुछ ही समय में तूफान का असर कम होने वाला है और इसके बाद हवाई सेवाएं शुरू हो जाएंगी. वहीं, बीसीसीआई ने टीम इंडिया के लिए विशेष चार्टर्ड विमान का इंतजाम किया है. बताया जा रहा है कि ये विमान मंगलवार को स्थानीय समयानुसार शाम छह बजे वहां से उड़ान भरेगा और शाम 7.45 बजे दिल्ली लैंड करेगा.
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