Police Commemoration Day 2022: पुलिस स्मृति दिवस के पीछे थी चीन की 'धोखेबाजी', पढ़ें बलिदान की वो कहानी

Police Commemoration Day 2022: हर साल 21 अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन 1959 में चीनी सैनिकों ने 'धोखे' से भारत के पुलिस कर्मियों की एक पार्टी पर गोलियां चलाईं और हथगोले फेंके थे जिसमें पुलिस के 10 जवाब शहीद हो गए थे.

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Police Commemoration Day 2022 Police Commemoration Day 2022

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 21 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 10:33 AM IST

Police Commemoration Day 2022: हर साल 21 अक्टूबर को पूरे देश में सभी पुलिस अधिकारियों को सम्मानित करने के उद्देश्य से पुलिस स्मृति दिवस (Police Commemoration Day) मनाया जाता है. यह दिन 1959 में चीन के साथ भारत की सीमाओं की रक्षा करते हुए अपनी जान गंवाने वाले दस पुलिसकर्मियों के बलिदान को याद कराता है. यह दिन भारतीय पुलिस अधिकारियों के समर्पण और कड़ी मेहनत को भी दर्शाता है, जो 1.3 बिलियन से अधिक लोगों की सेवा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं.

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क्या है पुलिस स्मृति दिवस का इतिहास?
20 अक्टूबर, 1959 को उत्तर पूर्वी लद्दाख में हॉट स्प्रिंग्स से तीन नाम के स्थान पर पुलिसकर्मियों तीन बटालियनों सीमा सुरक्षा की बागडोर दी गई थी. गश्त के लिए निकली पुलिस की दो बटालियन उस दिन दोपहर तक हॉट स्प्रिंग्स में लौट आए जबकि तीसरे दल में शामिल दो पुलिस कॉन्स्टेबल और एक पोर्टर वापस नहीं आए. सभी लापता कर्मियों की तलाश में अगली सुबह एक सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया जिसका नेतृत्व डीएसपी/डीसीआईओ करम सिंह कर रहे थे.

लगभग दोपहर के समय, चीनी सेना के कुछ जवानों को एक पहाड़ी पर देखा गया, जिन्होंने करम सिंह के नेतृत्व वाली पार्टी पर गोलियां चला दी और हथगोले फेंके. कोई कवर न होने की वजह से भारत के दस बहादुर पुलिस के जवान शहीद हो गए और सात घायल हो गए. घायल सात पुलिस जवानों को मौके पर चीनी सैनिकों ने बंदी बना लिया था. घटना के पूरे तीन सप्ताह बाद, 13 नवंबर, 1959 को चीनियों ने दस कर्मियों के शव लौटाए. 

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शहीदों के शवों का हॉट स्प्रिंग्स में पूरे पुलिस सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. जनवरी 1960 में आयोजित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस महानिरीक्षकों के वार्षिक सम्मेलन ने निर्णय लिया कि अब से 21 अक्टूबर को "स्मृति दिवस" ​​या शहीद दिवस के रूप में मनाया जाएगा.

हर साल होती है पुलिस परेड
देश के विभिन्न हिस्सों से पुलिस बलों के सदस्य उन वीर शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए हॉट स्प्रिंग्स की यात्रा करते हैं. इस दिन को लोग ‘पुलिस शहीद दिवस’ के नाम से भी जानते हैं. दिल्‍ली के नेशनल पुलिस मेमोरियल में हर साल इस दिन परेड होती है जिसकी शुरुआत 2012 से हुई थी.

'वीरता की दीवार' पर 35,000 से अधिक शहीदों के नाम

बता दें कि अनगिनत पुलिसकर्मियों द्वारा अपने कर्तव्य के पालन में किए गए बलिदान की गवाही के रूप में चाणक्यपुरी, नई दिल्ली में एक राष्ट्रीय पुलिस स्मारक 'The Wall of Valour' बनाया गया है.

 

'वीरता की दीवार' 30 फीट लंबी ग्रेनाइट की मूर्ति पुलिस स्मारक पर 35,000 से अधिक शहीदों के नाम के साथ खड़ी है, जिन्होंने अपने कर्तव्य का पालन करते हुए अपने जीवन का बलिदान दिया हैं. यह स्मारक पुलिस बलों को राष्ट्रीय पहचान, गौरव, उद्देश्य की एकता, सामान्य इतिहास और भाग्य की भावना देता है.

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