प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रुनेई और सिंगापुर दौरे पर हैं. पीएम मोदी के दौरे को लेकर भारत में भी सिंगापुर की चर्चा हो रही है. जब भी सिंगापुर की बात होती है तो आपके दिमाग में बड़ी-बड़ी इमारतों वाले शहर की छवि बनती होगी. इसके साथ ही सिंगापुर की तस्वीरों में आपने एक मूर्ति देखी होगी और ये सिंगापुर में कई जगह लगी है, जो सिंगापुर की पहचान है.ये एक ऐसे जीव की मूर्ति है, जिसमें मुंह तो शेर जैसा है, लेकिन उसके पीछे का हिस्सा मछली के जैसा है.
ऐसे में सवाल है कि आखिर क्या सही में ऐसा जीव होता है या फिर किसी सिंबल के तौर पर सिंगापुर में इसे लगाया गया है. तो जानते हैं इसे क्या कहते हैं, इसका सिंगापुर से क्या कनेक्शन है और क्या है इसकी कहानी...
क्या है ये जीव?
दरअसल, इस खास तरह के जीव को मरलॉयन कहा जाता है और ये सिंगापुर का नेशनल एंबेलम है. आपको सिंगापुर से जुड़ी कई चीजों में इस जीव की तस्वीर दिखाई देगी. लेकिन शेर के सिर और मछली के शरीर वाला ये जीव कोई असली जीव नहीं है जबकि ये मिथकल क्रिएचर है. यानी ये एक कल्पना मात्र है और सिंगापुर के कल्चर को दिखाने का एक तरीका है. बता दें कि सबसे पहली बार 1964 में सिंगापुर टूरिस्ट प्रमोशन बोर्ड (एसटीपीबी) के कॉर्पोरेट लोगो के लिए इसे बनाया गया था.
ये साल 1964 से 1997 तक बोर्ड का लोगो रहा था, लेकिन इसे बाद में बदल दिया गया. हालांकि, बोर्ड के पास प्रतीक का उपयोग करने का विशेष अधिकार बरकरार है. मरलॉयन को डिजाइन ब्रिटिश विज्ञानी एलेक फ्रेजर-ब्रूनर थे, जो उस समय सिंगापुर में वैन क्लीफ एक्वेरियम के क्यूरेटर .
मरलॉयन का मछली जैसा शरीर सिंगापुर के मछली पकड़ने वाली जगह की उत्पत्ति का संकेत है, जिसे ऐतिहासिक रूप से टेमासेक के नाम से जाना जाता है. शेर का सिर मलय इतिहास की उस कथा को याद दिलाता है जब पालेमबांग के राजकुमार सांग नीला उतामा पहली बार इस द्वीप के तट पर उतरे थे. उन्होंने सिंगापुर नदी के मुहाने के पास एक अजीब जानवर देखा, जिसे बाद में उन्होंने शेर के रूप में पहचाना, जिसके कारण उन्होंने टेमासेक का नाम बदलकर सिंगापुरा (संस्कृत में शेर का शहर) कर दिया.
लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी कि जिस सिंगापुर का नाम शेर पर पड़ा है और उसके प्रतीक चिह्नों में भी शेर है, लेकिन सिंगापुर में एक भी शेर नहीं है. सिर्फ जू में अगर शेर है तो वो अलग बात है. जब भी आप सिंगापुर के टूरिस्ट प्लेस पर जाते हैं तो आपको हर जगह मरलॉयन की तस्वीरें देखने को मिलेगी.
पीएम मोदी के दौरे में क्या है खास
बता दें कि सिंगापुर दौरे के दौरान दोनो देशों के बीच कई एमओयू पर हस्ताक्षर होने हैं, जिनमें खाद्य सुरक्षा, एनर्जी, ग्रीन हाइड्रोजन और सेमीकंडक्टर शामिल है. बताया जा रहा है कि पीएम मोदी का सिंगापुर का दौरा भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी के लिए जरूरी है. सिंगापुर आसियान देशों में भारत का सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है. इस दौरान पीएम मोदी बिजनेस लीडर्स और कई बड़ी कंपनियों के सीईओ से मुलाकात करेंगे. इस दौरान साउथ चाइना सी और म्यांमार जैसे क्षेत्रीय मुद्दों पर बातचीत हो सकती है.
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