देश के सबसे अमीर शख्स मुकेश अंबानी का आलीशान घर मुंबई में स्थित है. इसका नाम एंटीलिया है. इस भव्य इमारत में अंबानी परिवार रहता है. ऐसे में यहां की सुरक्षा भी काफी सख्त होती है. आखिर इस बिल्डिंग की सुरक्षा कौन करते हैं और सिक्योरिटी की व्यवस्था कैसी होती है?
2021 में एंटीलिया के बाहर एक गाड़ी में बम मिलने के बाद वहां की सुरक्षा को लेकर काफी काफी सवाल उठे थे. तब EPG (Elite Protection group)का नाम चर्चा में आया था. यह एक निजी सिक्योरिटी ग्रुप है, जिसमें विशेष रूप से प्रशिक्षित पेशेवर सिक्योरिटी पर्सनल शामिल होते हैं. इन्हें कमांडो स्तर की ट्रेनिंग दी जाती है. यही ईपीजी एंटीलिया की सुरक्षा संभालती है. ये ईपीजी रिलायंस कंपनी के ग्लोबल कॉर्पोरेट सिक्योरिटी (GCS) की एक स्पेशल विंग है.
एंटीलिया के पास बम मिलने के बाद EPG सुर्खियों में आया
एंटीलिया बम कांड मामले की जांच एनआईए ने की थी. NIA की चार्जशीट में साइबर विशेषज्ञ के हवाले से रिपोर्ट में बदलाव करने का दावा किए जाने के बाद, एक नया गवाह सामने आया था. वह शख्स अंबानी के घर एंटीलिया की सुरक्षा व्यवस्था संभालता था. उसने जो बताया उसके बाद से ही ये एलीट सिक्योरिटी विंग EPG चर्चा में आया, जिसके मेंबर्स के पास एसपीजी लेवल का अनुभव होता है.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, 25 फरवरी 2021 को मुकेश अंबानी के मुंबई स्थित आवास एंटीलिया के बाहर 20 विस्फोटक जिलेटिन की छड़ें और एक धमकी भरा पत्र के साथ एक स्कॉर्पियो में मिली थी. तब एंटीलिया की सुरक्षा व्यवस्था देखने वाले एक शख्स ने गवाह के तौर पर अपना बयान दर्ज कराया था.
उसने बताया था कि वह एंटीलिया में नियमित सुरक्षा जांच के लिए गया था. जब उसे फोन आया कि गेट पर एक महिला हंगामा कर रही है. तब वह गेट पर गया. महिला को शांत करने की कोशिश करते हुए, वह उसे अंबानी निवास से दूर कारमाइकल रोड की ओर ले गया. तभी उसकी नजर सड़क पर खड़ी एक हरे रंग की "संदिग्ध" स्कॉर्पियो पर पड़ी. उसी में बम और चिट्ठी रखी थी.
एंटीलिया बम कांड मामले में EPG चीफ बने थे गवाह
गाड़ी में बम देखने का दावा करने वाले शख्स के बारे में चार्जशीट में बताया कि वह 2012 में रिलायंस में शामिल हुए थे और 2018 में, वह ग्लोबल कॉरपोरेट सिक्योरिटी (GCS) के चीफ बने, जो रिलायंस समूह की एक कंपनी है, जो कारखानों, पेट्रोलियम रिफाइनरियों और अस्पतालों सहित रिलायंस समूह के स्वामित्व वाले सभी स्थानों के लिए सुरक्षा संबंधी मामलों को संभालती है.
एंटीलिया में सुरक्षा व्यवस्था कौन संभालता है?
ईपीजी चीफ के बयान के अनुसार, एंटीलिया की सुरक्षा व्यवस्था जीसीएस का एक स्पेशल विंग एलीट प्रोटेक्शन ग्रुप (EPG) संभालती है. इसमें लगभग 300 पेशेवर और ट्रेंड सुरक्षाकर्मी शामिल होते हैं.
यानी मुकेश अंबानी के घर की सुरक्षा उनकी खुद की पर्सनल सिक्योरिटी कंपनी के अतिपेशेवर और ट्रेंड कमांडो के हाथों में होती है. अब सवाल उठता है कि अंबानी की सिक्योरिटी कंपनी GCS और उसके स्पेशल विंग EPG काम कैसे करती है, इसमें कौन लोग काम करते हैं और इनकी भर्ती कैसे होती है?
ऐसी होती है एंटीलिया और अंबानी परिवार की सुरक्षा
ईपीजी में मुख्य रूप से दो टीमें शामिल होती हैं. एक टीम में लगभग 150 से अधिक कर्मी शामिल होते हैं. इनमें से अधिकतर पूर्व सैनिक होते हैं जो एंटीलिया की सुरक्षा के लिए समर्पित होते हैं. वहीं दूसरी टीम में लगभग 100 से अधिक सिक्योरिटी पर्सनल शामिल होते हैं. इनमें से अधिकतर पूर्व एसपीजी होते हैं, जो अंबानी परिवार के सदस्यों की व्यक्तिगत सुरक्षा में तैनात होते हैं.
ईपीजी कमांडो के पास होता है SPG लेवल का अनुभव
सभी सिक्योरिटी पर्सनल शिफ्टों में काम करते हैं. किसी भी समय, परिसर में तथा परिवार के सदस्यों के लिए लगभग 50 से 60 सुरक्षाकर्मी ड्यूटी पर रहते हैं. ईपीजी में अधिकांश सेवानिवृत्त सैन्य और अर्धसैनिक बल के जवान होते हैं. इनके पास स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) जैसी विशिष्ट इकाईयों में काम करने का अनुभव होता है.
EPG को कौन देते हैं ट्रेनिंग
इन कर्मियों को इजराइल और अमेरिका के विशेषज्ञों द्वारा विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है. चूंकि, ईपीजी में भर्ती होने वाले सभी कर्मी पूर्व सैनिक, अर्धसैनिक बल या कमांडो होते हैं. फिर भी इन्हें कड़ी ट्रेनिंग दी जाती है.
ईपीजी में शामिल होने की योग्यता
चूंकी ईपीजी GCS की एक स्पेशल विंग है. इसलिए जीसीएस में भर्ती के बाद ही इस एलीट ग्रुप में लोगों को शामिल किया जाता है. जीसीएस में भर्ती के लिए 21 से 27 वर्ष उम्र होनी चाहिए. किसी भी विषय में कम से कम 50 प्रतिशत अंक के साथ स्नातक की डिग्री अनिवार्य है. अगर कैंडिडेट्स के पास पूर्व सैनिक या अर्धसैनिक बलों में काम करने का अनुभव या एनसीसी की डिग्री हो तो वरीयता दी जाती है. पुरुषों के लिए लंबाई कम से कम 5 फीट 6 इंच और महिलाओं के लिए 5 फीट 2 इंच होना जरूरी है.
कैसे होती है भर्ती
सबसे पहले अभ्यर्थियों के मेंटल एप्टिट्यूड टेस्ट देना होता है. इसमें पास होने के बाद फिजिकल जांच की जाती है. इसमें 800 मीटर की दौड़ सिट अप्स और पुश अप्स शामिल होते हैं. इसके बाद ग्रुप डिस्कशन होता है. इन सब को क्वालीफाई करने के बाद एक साइकोमेट्रिक टेस्ट होता है. अंतर में पर्सनल इंटरव्यू होता है.
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