सैलरी ठीक नहीं, ना ही नौकरी का भरोसा ... आज 5 में से 1 मिलेनियल की है यही समस्या

5 में से 1 मिलेनियल यानी जिनका जन्म 90 के दशक में हुआ है, उनका मानना है कि उन्हें जो सैलरी मिलती है वो उससे खुश नहीं हैं और मानसिक रूप से भी स्वस्थ महसूस नहीं कर पा रहे हैं. इतना ही नहीं उन्हें उनके भविष्य को लेकर भी काफी चिंता सता रही है. एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है.

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ना सैलरी ठीक है, नौकरी का भी भरोसा नहीं, 5 में से 1 मिलेनियल परेशान (Photo: AI-Generated) ना सैलरी ठीक है, नौकरी का भी भरोसा नहीं, 5 में से 1 मिलेनियल परेशान (Photo: AI-Generated)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 24 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 7:13 AM IST

90 के दशक में जन्म लेने वाले लोग आज हर मोर्चे पर सबसे ज्यादा संघर्ष कर रहे हैं. साथ ही यही वो लोग है जिन्हें सबसे मेहनती पीढ़ी भी कहा गया है. क्योंकि, इस पीढ़ी के लोगों ने हर सेक्टर में सफलता के झंडे गाड़े हैं. इस पीढ़ी को मिलेनियल कहा जाता है. वहीं इनके बाद वाली पीढ़ी जेन जी कहलाती है. ऐसे में जब आज के युवाओं की समस्या को लेकर एक सर्वे किया गया तो पता चला कि अपनी नौकरी को लेकर सबसे ज्यादा असुरक्षित महसूस करने वाली पीढ़ी मिलिनियल की है. 

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यह सर्वे जिसे करने के लिए अलग-अलग सेक्टर के एंप्लॉय से फीडबैक लिया गया है. इस सर्वे से मिलेनियल्स के बारे में काफी कुछ जानकारियां सामने आई है.Great Place to Work India के एक सर्वे में बताया गया है कि कैसे मिलेनियल सैलरी और अपनी जॉब्स को लेकर परेशान हो रहै हैं? कई मिलेनियल अपनी सैलरी से खुश नहीं हैं, ना ही मानसिक रूप से स्वस्थ महसूस कर पा रहे हैं. 

सर्वे से हुआ चौंका देने वाला खुलासा 
कई मिलेनियल्स ने बताया किया कि वे फिजिकल सेफ्टी, सोशल कनेक्शन और फाइनेंशियल मामलों में काफी ज्यादा असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. कुछ मिलेनियल्स उनको मिलने वाली सैलरी से खुश नहीं हैं और कुछ जॉब सिक्योरिटी के लिए हमेशा चिंतित रह रहे हैं.

नौकरी का नहीं है भरोसा 
मिलेनियल्स अपनी नौकरी को लेकर सबसे ज्यादा परेशान रहते हैं. वो काम तो कर रहे हैं लेकिन तेजी से हो रहे बदलावों के चलते उन्हें आने वाले कल की चिंता भी सता रही है, जिस कारण वो नौकरी पर पूरी तरीके से भरोसा नहीं कर पा रहे हैं.

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5 में से एक मिलिनियल्स हैं परेशान
सर्वे बताती है कि 15% एंप्लॉय ऐसे है जो जॉब को लेकर काफी असुरक्षित महसूस करते हैं और वो जॉब को छोड़ने की बात सोचते रहते हैं. वहीं 17% ऐसे भी मिलेनियल्स ऐसे भी हैं, जो काम के दौरान मानसिक रूप से सुरक्षित महसूस नहीं कर पा रहे हैं. यह समस्या हर 5 में से 1 एंप्लॉय की बताई जा रही है.

इनोवेट करने में असफल, स्ट्रेस कर रहा परेशान 
मिलेनियल्स का मानना है कि उनको ट्रेनिंग और रिसोर्स तो मिल जाते हैं पर केवल 47% को असल में कुछ नया करने का मौका मिल पाता है. Great Place to Work India के सीईओ बलवीर सिंह  बताते हैं कि 2025 में 63% मिलेनियल्स भारत के वर्कप्लेस का हिस्सा हैं. वो बताते हैं कि हमारी हाल के समय की स्टडी के अनुसार मिलेनियल्स बताते हैे कि ट्रेनिंग के बाद वे बेहतर महसूस कर रहे हैं और मिलेनियल्स उनके मानसिक सुरक्षा, ग्रोथ के मौकों और जॉब में सुरक्षा चाहते हैं.

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