भारत में पहली बार कब हुआ था EVM का इस्तेमाल? SC में चुनौती के बाद रद्द करना पड़ा था चुनाव

भारत में मतदान के लिए ईवीएम का प्रयोग होता है, क्या आप जानते हैं कि सबसे पहले भारत में चुनाव के लिए कब हुआ था ईवीएम का प्रयोग? आइए जानते हैं क्या होता है ईवीएम? कैसे पड़ता है इससे वोट.

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 20 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 7:42 AM IST

देशभर में अप्रैल के महीने से लोकसभा चुनाव की वोटिंग शुरू हो जाएगी. लोकसभा चुनावों की आहट के बीच ईवीएम पर भी चर्चा शुरू हो गई है. भारत में वोटिंग के लिए ईवीएम का इस्तेमाल किया जाता है. क्या आप जानते हैं भारत देश में पहली बार कब ईवीएम से वोटिंग शुरू हुई और कौन से राज्य में पहली बार हुई थी ईवीएम से वोटिंग. 

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क्या है ईवीएम?
EVM यानी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन. भारत में EVM को बनाने का काम दो सरकारी कंपनियों के पास है. ये कंपनियां हैं बेंगलुरु स्थित भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) और हैदराबाद स्थित इलेक्ट्रॉनिक कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ECIL). EVM में दो यूनिट होती है. एक कंट्रोल यूनिट और दूसरी बैलेट यूनिट. कंट्रोल यूनिट चुनाव अधिकारी दबाता है. ये बटन दबाते ही बैलेट यूनिट एक्टिव हो जाती है और वोट डाला जाता है. वोट डालने के बाद बीप की आवाज आती है, जिससे पता चलता है कि वोट डल चुका है.

वोटिंग खत्म होने के बाद EVM और VVPAT को जिस जगह रखा जाता है, उसे स्ट्रॉन्ग रूम कहा जाता है. यहां बेहद कड़ी सुरक्षा होती है. स्ट्रॉन्ग रूम में 24 घंटे CAPF के जवान तैनात रहते हैं. इसकी 24 घंटे CCTV से निगरानी भी होती है. 

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ईवीएम का इतिहास
भारत में पहली बार चुनाव आयोग ने 1977 में सरकारी कंपनी इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (ECIL) को EVM बनाने का टास्क दिया. 1979 में ECIL ने EVM का प्रोटोटाइप पेश किया, जिसे 6 अगस्त 1980 को चुनाव आयोग ने राजनीतिक पार्टियों को दिखाया. इसके बाद, मई 1982 में पहली बार केरल में विधानसभा चुनाव EVM से कराए गए. उस समय EVM से चुनाव कराने का कानून नहीं था. इसलिए सुप्रीम कोर्ट में ईवीएम द्वारा मतदान को चुनौती दी गई, जिसके बाद उन चुनावों को रद्द कर दिया गया.

इसके बाद, 1989 में रिप्रेंजेंटेटिव्स ऑफ पीपुल्स एक्ट, 1951 में संशोधन किया गया और EVM से चुनाव कराने की बात जोड़ी गई. हालांकि, कानून बनने के बाद भी कई सालों तक EVM का इस्तेमाल नहीं हो सका. 1998 में मध्य प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली की 25 विधानसभा सीटों पर EVM से चुनाव कराए गए. 1999 में 45 लोकसभा सीटों पर भी EVM से वोट डाले गए. फरवरी 2000 में हरियाणा के चुनावों में भी 45 सीटों पर EVM का इस्तेमाल हुआ.मई 2001 में पहली बार तमिलनाडु, केरल, पुडुचेरी और पश्चिम बंगाल की सभी विधानसभा सीटों पर EVM से वोट डाले गए. 2004 के लोकसभा चुनाव में सभी 543 सीटों पर EVM से वोट पड़े. तब से ही हर चुनाव में सभी सीटों पर EVM से वोट डाले जा रहे हैं. 

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