Do You Know: ट्रेन के नीले और लाल कोच में क्या अंतर? कौन सा ज्यादा सुरक्षित? जानिए

रेलवे स्टेशनों पर आपने नीले और लाल रंग के ट्रेन के कोच देखे होंगे. इनके रंग अलग-अलग होने के साथ ही, इनमें और भी कई भिन्नताएं होती हैं. आइए जानते हैं इनके बीच का अंतर.

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Differnce Between Red and Blue Coaches (Representational Image) Differnce Between Red and Blue Coaches (Representational Image)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 17 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 5:00 PM IST

भारतीय रेलवे को देश की लाइफलाइन कहा जाता है. ज्यादातर लोगों ने कभी न कभी ट्रेन से यात्रा जरूर की होगी. रेलवे स्टेशनों पर आपने लाल कोच और नीले कोच वाली ट्रेनें भी जरूर देखी होंगी, लेकिन क्या आपको लाल और नीले कोच के फर्क का पता है. क्या आप जानते हैं इनके रंग अलग होने के साथ-साथ, इनमें और भी कई तरह की भिन्नताएं हैं? 

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नीले रंग के कोच से क्या समझें? 
भारतीय ट्रेनों के नीले कोच को इंटीग्रल कोच (ICF) कहते हैं. आईसीएफ कोच (ICF Coach) एक पारंपरिक रेलवे कोच हैं जिनका डिजाइन आईसीएफ (इंटीग्रल कोच फैक्ट्री), पेराम्बुर, चेन्नई, भारत द्वारा विकसित किया गया था. नीले रंग वाले आईसीएफ (Integral Coach Factory) कोच के निर्माण की शुरुआत साल 1952 में हुई. ये तमिलनाडु के चेन्नई में स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) में तैयार किया जाता है.

लाल रंग के कोच से क्या समझें? 
लाल रंग के कोच एलएचबी कोच (LHB Coach)होते हैं. इनको जर्मनी के लिंक-होफमैन-बुश (Linke Hofmann Busch)  द्वारा तैयार किया गया जाता था. हालांकि, अब इसका निर्माण भारत में ही किया जा रहा है. लाल रंग वाले कोच को बनाने की शुरुआत साल 2000 में हुई. इसको जर्मनी की कम्पनी लिंक हाफमेन बुश (M/S ALSTROM Linke Holf Busch Germany) द्वारा डिजाइन किया गया है. ये कोच रेल कोच फैक्ट्री कपूरथला में बनाए जाते हैं. 

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दुर्घटना के दौरान कौन सा ज्यादा सुरक्षित? 
दुर्घटना के दौरान आईसीएफ कोच के डिब्बे एक दूसरे के ऊपर चढ़ जाते हैं क्योंकि इसमें डुअल बफर (Dual Buffer) सिस्टम होता है. वहीं, एलएचबी कोच दुर्घटना के दौरान एक दूसरे पर नहीं चढ़ते क्योंकि इसमें सेंटर बफर कॉलिंग (Center Buffer Couling) सिस्टम लगा होता है. इससे जान माल की कम हानि होती है.

कौन सी धातु से बना होता है कौन सा कोच? 
आईसीएफ कोच स्टील से बना हुआ होता है, इसलिए इसका वजन ज्यादा होता है. वहीं, एलएचबी कोच स्टेनलेस स्टील से बने हुए होते हैं, इसलिए हल्के होते हैं. इसका वजन आईसीएफ कोच के मुकाबले करीब 10 फीसदी कम होता है.

किसकी स्पीड ज्यादा? 
आईसीएफ कोच में बिजली बनाने के लिए डायनेमो लगा होता है, जो ट्रेन की स्पीड को कम कर देता है. साथ ही इस कोच को 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार तक दौड़ाया जा सकता है लेकिन इसकी अधिकतम गति सीमा 120 किलोमीटर प्रति घंटा ही रखी गई है. एलएचबी बॉगी में डायनेमों नहीं लगाया गया. इसलिए इसकी रफ्तार आईसीएफ कोच के मुकाबले ज्यादा होता है. इस ट्रेन के कोच को 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार तक दौड़ाया जा सकता है लेकिन इसकी अधिकतम गति की लिमिट अभी 160 किलोमीटर प्रति घंटा रखी गई है.

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बता दें, वर्तमान में हल्के नीले रंग में भी एलएचबी कोच बनाए जा रहे हैं, जिनका इस्तेमाल हफसफर एक्सप्रेस और शताब्दी एक्सप्रेस में किया जाता है. 

 

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