वेज आइटम्स पर भी क्यों लगा होता है 'हलाल' टैग? घर लाने से पहले जान लें

उत्तर प्रदेश में हलाल प्रमाणित उत्पादों पर हालिया प्रतिबंध ने एक बार फिर इस विषय को सुर्खियों में ला दिया है. बाजार में कई शाकाहारी और पैकेज्ड फूड प्रोडक्ट्स पर अक्सर “Halal” लिखा देखा जाता है, जिससे लोगों में भ्रम पैदा हो जाता है कि आखिर यह सिर्फ मांस से जुड़ा है या वेज आइटम्स पर भी क्यों लगाया जाता है.

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हलाल टैग इस बात को सच साबित करता है कि इस खाने में गलती से भी गैर हलाल चीज़ों की कोई मिलावट नहीं हुई है. (Photo: Reuters) हलाल टैग इस बात को सच साबित करता है कि इस खाने में गलती से भी गैर हलाल चीज़ों की कोई मिलावट नहीं हुई है. (Photo: Reuters)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 22 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 3:46 PM IST

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को राज्य में हलाल-प्रमाणित उत्पादों की बिक्री और खरीद पर प्रतिबंध लगाने के अपनी सरकार के हालिया फैसले का बचाव करते हुए आरोप लगाया कि ऐसे प्रमाणपत्रों से "आतंकवाद, लव जिहाद और धर्मांतरण के लिए दुरुपयोग" किया जा रहा है. उन्होंने कहा, "कोई भी सामान खरीदते समय यह ज़रूर देख लें कि उस पर हलाल सर्टिफिकेशन का लेबल लगा है या नहीं. हमने उत्तर प्रदेश में इसे प्रतिबंधित कर दिया है. आज उत्तर प्रदेश में कोई भी इसे खरीदने या बेचने की हिम्मत नहीं करेगा."

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बाजार से आइटम खरीदते वक्त आप देखेंगे कि कई प्रोडक्ट पर 'Halal' लिखा हुआ होता है. कई लोग अक्सर इस बात को लेकर कन्फ्यूजन में रहते हैं कि कुछ शाकाहारी खाद्य पदार्थों पर हलाल प्रमाणन क्यों दिया हुआ है जबकि हलाल आमतौर पर मांस से जुड़ा होता है. आइए आपको बताते हैं कि हलाल प्रमाण का असली मतलब क्या है और यह वेज आइटम्स पर क्यों लिखा होता है.

क्या होता है हलाल?

सबसे पहले यह समझिए हलाल होता क्या है. हलाल का मतलब है जानवर को एक खास इस्लामी तरीके (ज़बह) से काटा गया हो, जिसमें कुछ नियम जैसे काटने से पहले दुआ पढ़ना, तेज़ चाकू का इस्तेमाल करना, खून का पूरी तरह निकलना को फॉलो किया गया हो. इसके अलावा हलाल का मतलब है कि खाने में  कोई भी हराम चीज़ जैसे शराब, सुअर का मांस या उससे बनी चीज़ें, या हलाल तरीके से न काटे गए जानवर का कोई भी अंश शामिल न हो.

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वेज प्रोडक्ट पर हलाल टैग क्यों

असल हलाल प्रमाणन केवल नॉन वेज से जुड़ा हुआ नहीं है. असल में यह सुनिश्चित करता है कि भोजन इस्लामी आहार कानूनों के अनुसार है. शाकाहारी चीज़ों, जैसे बिस्किट, चिप्स, या कोल्ड ड्रिंक में जो सामग्रियां डाली जाती हैं, उनमें कुछ ऐसी चीज़ें हो सकती हैं जो जानवरों से बनी हों और इस्लामी नियमों के अनुसार "हलाल" (जायज़) न हों. जैसे वेज प्रोडक्ट में कुछ फ्लेवर्स जानवरों से बनाए जाते हैं. पायसीकारी (Emulsifiers) और स्थिरक (Stabilizers) जैसी चीज़ों को मिलाने और गाढ़ा करने के काम आते हैं, और इन्हें बनाने में भी कभी-कभी ऐसे पशु स्रोत (animal sources) का इस्तेमाल हो सकता है जो हलाल न हों.

हलाल प्रमाणन यह गारंटी देता है कि किसी भी वेज आइटम में इस्तेमाल की गई सभी चीज़ें या उन्हें बनाने का तरीका और उसे संभालने की प्रक्रिया इस्लामी आहार कानूनों के हिसाब से पूरी तरह सही है. यह प्रमाणन इस बात को सच साबित करता है कि इस खाने में गलती से भी गैर-हलाल चीज़ों की कोई मिलावट नहीं हुई है, और इसे बनाते समय शराब या गैर-हलाल जिलेटिन जैसी किसी भी सामग्री का यूज नहीं किया गया है. यह सर्टिफिकेट मुस्लिम उपभोक्ताओं को बिना चिंता के प्रोडक्ट खाने का भरोसा देता है, और कंपनियों को बड़े बाज़ार तक पहुंचने में मदद करता है.

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