कौन थे तेलुगु कवि अप्‍पाराव, जिनका पीएम मोदी ने किया जिक्र

Gurajada Apparao: गुरजाड ने उसी महाराजा कॉलेज में लेक्‍चरर के रूप में कार्य किया जहां से उन्‍होंने पढ़ाई की थी. 1911 में, वह मद्रास विश्वविद्यालय द्वारा एजुकेशन बोर्ड में नियुक्त हो गए. इसी वर्ष, गुरजाड और उनके दोस्तों ने सभी क्षे‍त्रीय बोलियों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए आंध्र साहित्य परिषद की शुरुआत की.

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Gurajada Apparao Gurajada Apparao

aajtak.in

  • नई दिल्‍ली,
  • 16 जनवरी 2021,
  • अपडेटेड 5:30 PM IST

Gurajada Apparao: प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को देशव्यापी COVID-19 वैक्सिनेशन प्रोग्राम के लॉन्‍च के मौके पर तेलुगु लेखक और कवि गुरजाड अप्पाराव की 'दूसरों की निस्वार्थ भाव से मदद करने' के नसीहत को याद किया. मोदी ने अप्‍पाराव के प्रचलित उद्धरण 'सोंथा लभम कोंथा मनुको, पोरुगु वाडिकी थोडु पडावो। देसमांते मत्ती कदोई, देसमांते मानुषुलॉय' को याद किया, जो लेखक की कविता का हिस्सा है.

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इसका अर्थ है, "अपने स्‍वार्थ को किनारे रखो और अपने पड़ोसियों की निस्‍वार्थ सेवा करो. राष्‍ट्र का अर्थ सिर्फ कीचड़ और मिट्टी नहीं बल्कि इसमें रहने वाले लोग हैं." 

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गुरजाड अप्पाराव 1862 में आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम जिले में पैदा हुए थे और नजदीक के जिले विजयनगरम में रहते थे. उनके कई लेखनों में से, 1892 में लिखा गया 'कन्याशुलकम्' सबसे लोकप्रिय है. यह तेलुगु के सबसे लोकप्रिय नाटकों में से एक है. उन्‍होंने 1910 में तेलुगु देशभक्ति गीत 'देसामुणु प्रीमिन्चुमान्ना' लिखा. गुरजादा ने अपने भाई सैमाला के साथ कई अंग्रेजी कविताएं भी लिखीं.

गुरजाड ने उसी महाराजा कॉलेज में लेक्‍चरर के रूप में कार्य किया जहां से उन्‍होंने पढ़ाई की थी. 1911 में, वह मद्रास विश्वविद्यालय द्वारा एजुकेशन बोर्ड में नियुक्त हो गए. इसी वर्ष, गुरजाड और उनके दोस्तों ने सभी क्षे‍त्रीय बोलियों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए आंध्र साहित्य परिषद की शुरुआत की. अपने काम के दौरान उपन्यास और नाटक के लिए उनका प्यार कभी कम नहीं हुआ. वह अपने समय से बहुत आगे थे और उनकी तेज तर्रार लेखनी के कारण उनकी तुलना टैगोर से की जाने लगी.

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1915 में उनका देहांत हो गया मगर अपनी लेखनी के चलते वह तेलुगू साहित्‍य में अमर हो गए. प्रधानमंत्री ने शनिवार को अपने संबोधन में उन्‍हें याद किया और देश में COVID-19 टीकाकरण अभियान की शुरुआत करते हुए कहा कि भारत में तैयार किया जा रहा वैक्सीन कोरोनावायरस महामारी पर देश के लिए निर्णायक जीत सुनिश्चित करेगा.

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