UP 69000 सहायक शिक्षक भर्ती पर फिर उठा सवाल, सरकार का दावा- 70% चयनित अभ्यर्थी आरक्षित वर्ग से

UP 69000 Assistant Teacher Recruitment issue: समाजवादी पार्टी के विधायक संग्राम सिंह यादव ने विधानसभा में सवाल उठाया था कि हम 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती मामले में OBC और SC वर्ग के अभ्यर्थियों को नियमानुसार आरक्षण नहीं मिला है. संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने इसका जवाब दिया है.

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विधानसभा में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना की फाइल फोटो. (फोटो सोर्स @myogiadityanath) विधानसभा में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना की फाइल फोटो. (फोटो सोर्स @myogiadityanath)

आशीष श्रीवास्तव

  • लखनऊ,
  • 08 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 11:03 AM IST

UP 69000 Assistant Teacher Recruitment issue: उत्तर प्रदेश की 69,000 सहायक शिक्षक भर्ती पर एक बार फिर सवाल उठा है. समाजवादी पार्टी के विधायक संग्राम सिंह यादव ने विधानसभा में 69,000 सहायक शिक्षक भर्ती में आरक्षित के अभ्यर्थियों को नियमानुसार आरक्षण नहीं मिलने पर यूपी सरकार से सवाल किया है. उन्होंने कहा कि अभ्यर्थी लगातार आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही है. वहीं यूपी सरकार ने दावा किया है कि 70 फीसदी अभ्यर्थियों का चयन आरक्षण वर्ग से हुआ है.

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चयनित उम्मीदवारों में 31,228 ओबीसी: मंत्री सुरेश खन्ना
दरअसल,  समाजवादी पार्टी के विधायक संग्राम सिंह यादव ने विधानसभा में सवाल उठाया था कि हम 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती मामले में OBC और SC वर्ग के अभ्यर्थियों को नियमानुसार आरक्षण नहीं मिला है. इस सवाल के जवाब में संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती मामले में बताया कि इस पद्धति में 31,228 ओबीसी चयनित हुए हैं और इसमें 12,360 आरक्षित पदों पर और 18,598 मेरिट के आधार पर चयनित हुए हैं. 

SC-ST के इतने उम्मीदवारों को हुआ चयन
सुरेश खन्ना ने विधानसभा में आगे यह भी बताया कि 260 अभ्यार्थी अनुसूचित जाति और 211 अनुसूचित जनजाति वर्ग के युवाओं का चयन हुआ है. हालांकि यह मामला उच्च न्यायालय के विचाराधीन है और आदेश के बाद सरकार कार्रवाई करेगी. उन्होंने कहा कि विपक्ष इस भर्ती की आड़ में सत्ता पक्ष को आरक्षण विरोधी बताने का षडयंत्र करता रहा है.

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UP 69000 सहायक शिक्षक भर्ती में आरक्षण पर बवाल पुराना
उत्तर प्रदेश में 69000 सहायक शिक्षक भर्ती में आरक्षण को लेकर पहले भी सवाल उठते रहे हैं. अभ्यर्थी, भर्ती में आरक्षण को लेकर घोटाले का आरोप लगाते रहे हैं, जबकि विभाग इसे सही ठहराने के लिए तर्क भी देता रहा है. अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया था कि जारी की गई प्रास्तवित सूची में अभ्यर्थियों के वेटेज, कैटेगरी-सब कैटेगी की जानकारी नहीं दी गई थी. OBC को 27% की जगह 3.86% ही आरक्षण दिया गया था.हालांकि, विभाग से असफल अभ्यर्थियों द्वारा भ्रम फैलाने का मुद्दा कहा गया. बता दें कि इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने बड़ा फैसला सुनाते हुए सहायक शिक्षक भर्ती की पूरी लिस्ट फिर बनाने के निर्देश भी दिए थे.

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