टीचर्स डे: जीवन के सक्सेस मंत्र हैं सर्वपल्ली राधाकृष्णन के ये विचार

Teachers Day: जानिए देश के पूर्व राष्‍ट्रपति सर्वपल्‍ली राधाकृष्णन के ऐसे विचारों के बारें में, जो आपको हमेशा जीवन में प्रेरणा देते रहेंगे.

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सर्वपल्ली राधाकृष्णन सर्वपल्ली राधाकृष्णन

मोहित पारीक

  • नई दिल्ली,
  • 05 सितंबर 2018,
  • अपडेटेड 10:51 AM IST

देश के पहले उप-राष्ट्रपति और दूसरे राष्‍ट्रपति सर्वपल्‍ली राधाकृष्‍णन के जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है. उन्‍हें भारत रत्‍न, ऑर्डर ऑफ मेरिट, नाइट बैचलर और टेम्‍पलटन प्राइज से नवाजा गया था. उन्‍होंने ही देश की फिलॉसफी को दुनिया के नक्‍शे में जगह दिलाई थी. आइए जानते हैं उनके अनमोल विचार, जो काफी प्रेरणादायक हैं...

1. शिक्षक वह नहीं जो छात्र के दिमाग में तथ्यों को जबरन ठूंसे, बल्कि वास्तविक शिक्षक तो वह है जो उसे आने वाले कल की चुनौतियों के लिए तैयार करें.

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2. भगवान की पूजा नहीं होती बल्कि उन लोगों की पूजा होती है जो उनके नाम पर बोलने का दावा करते हैं.

सर्वपल्ली राधाकृष्णन: जिनके जन्मदिन पर मनाया जाता है टीचर्स डे

3. कोई भी आजादी तब तक सच्ची नहीं होती,जब तक उसे विचार की आजादी प्राप्त न हो. किसी भी धार्मिक विश्वास या राजनीतिक सिद्धांत को सत्य की खोज में बाधा नहीं देनी चाहिए.

4. शिक्षा के द्वारा ही मानव मस्तिष्क का सदुपयोग किया जा सकता है. अत:विश्व को एक ही इकाई मानकर शिक्षा का प्रबंधन करना चाहिए.

5. शिक्षा का परिणाम एक मुक्त रचनात्मक व्यक्ति होना चाहिए जो ऐतिहासिक परिस्थितियों और प्राकृतिक आपदाओं के विरुद्ध लड़ सके.

6. किताबें पढ़ने से हमें एकांत में विचार करने की आदत और सच्ची खुशी मिलती है.

यहां 5 सितंबर को नहीं, 5 अक्टूबर को मनाते हैं टीचर्स डे, ये है वजह

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7. शिक्षा का मतलब सिर्फ जानकारी देना ही नहीं है. जानकारी का अपना महत्व है लेकिन बौद्धिक झुकाव और लोकतांत्रिक भावना का भी महत्व है, क्योंकि इन भावनाओं के साथ छात्र उत्तरदायी नागरिक बनते हैं.

8. जब तक शिक्षक शिक्षा के प्रति समर्पित और प्रतिबद्ध नहीं होगा, तब तक शिक्षा को मिशन का रूप नहीं मिल पाएगा.

9. अच्‍छा टीचर वो है, जो ताउम्र सीखता रहता है और अपने छात्रों से सीखने में भी कोई परहेज नहीं दिखाता.

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