AI बदल रहा नौकरी का तरीका... इंजीनियर्स ने माना ये काम नहीं किया तो जॉब करना मुश्किल!

ग्रेट लर्निंग के नए सर्वे के मुताबिक 85% इंजीनियर्स अगले साल तक सर्टिफिकेट कोर्स की मदद से अपस्किल करेंगे. वहीं 33% वर्क-लाइफ बैलेंस के लिए नौकरी बदलने वाले हैं.

Advertisement
सर्वे के मुताबिक 18% इंजीनियर जॉब सिक्योरिटी के लिए इस साल नौकरी बदलेंगे (फोटो-A.I. Generated) सर्वे के मुताबिक 18% इंजीनियर जॉब सिक्योरिटी के लिए इस साल नौकरी बदलेंगे (फोटो-A.I. Generated)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 16 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 10:35 AM IST

आज (15 सितंबर 2025) इंजीनियर्स डे के मौके पर ऑनलाइन कोर्स प्लेटफॉर्म ग्रेट लर्निंग ने एक सर्वे रिलीज किया है, जिसमें इंजीनियर्स ने अपने जॉब रोल और सिक्योरिटी पर चौंकाने वाले खुलासे किए. सर्वे के अनुसार 67% इंजीनियर्स को लगता है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के आने से उनके जॉब रोल्स अभी से बदल रहे हैं.

85% इंजीनियर अगले साल तक करेंगे अपस्किल

Advertisement

85% इंजीनियर्स का मानना है कि अपस्किलिंग अब करियर की सुरक्षा के लिए जरूरी हो गया है, ना कि एक विकल्प. जैसे-जैसे तकनीकी बदलाव तेज हो रहे हैं, इस बात को लेकर जागरूकता बढ़ रही है कि भविष्य के लिए नौकरी को सुरक्षित रखने का यही तरीका है.

रिपोर्ट के मुताबिक, फाइनेंशियल ईयर 2026 तक सबका ए.आई आधारित क्षेत्रों में अपस्किल करने का प्लान है. पसंदीदा क्षेत्रों की लिस्ट में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड मशीन लर्निंग, डेटा साइंस एंड एनालिटिक्स, सॉफ्टवेयर डेवेलपमेंट, क्लाउड कंप्यूटिंग और साइबर सिक्योरिटी शामिल हैं. वहीं, जनरेटिव एआई, एजेंटिक एआई., पाइथन और नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग जैसे स्किल्स की मांग सबसे ऊपर है. 

क्या है अपस्किलिंग के प्रमुख कारण

सीखने के कारणों की बात करें तो 20% लोग इन स्किल्स को आर्थिक वृद्धि के लिए सीखना चाहते हैं, 12-12% प्रमोशन और नए मौकों के लिए, वहीं 11% लोग मार्केट में डिमांड में रहने और अपने आउटडेटेड स्किल्स के कारण इन्हें सीखना चाहते हैं. सर्वे में पता चला है कि भारत के इंजीनियर केवल जॉब मार्केट में जीवित रहने की ही नही, बल्कि अपने करियर में आगे बढ़ने की भी तैयारी कर रहे हैं.

Advertisement

शॉर्ट-टर्म सर्टिफिकेट कोर्स बन रहे पहली पसंद

करीब 66% लोग 6 महीनों तक के शॉर्ट टर्म कोर्स पसंद कर रहे हैं, जबकि केवल 5% ही एक साल से ज्यादा के लंबे कोर्स करने के लिए तैयार हैं. इंजीनियर्स का आकर्षण मास्टर्स या डॉक्टरेट से ज्यादा, प्रमुख भारतीय या विदेशी यूनिवर्सिटीज से सर्टिफिक्ट हासिल करने की ओर बढ़ रहा है.

इंजीनियर्स कर रहे नौकरी बदलने की तैयारी

85% इंजीनियर्स इस साल ही नौकरी बदलने की सोच रहे हैं. 33% लोगों के लिए वर्क-लाइफ बैलेंस इसका प्रमुख कारण है. 18% लोग ऐसा जॉब सिक्योरिटी के लिए कर रहे हैं तो वहीं 14% करियर में ठहराव लाने के लिए. यानी लोगों का ध्यान अब केवल नए स्किल्स सीखने पर नही है, वो इसका भी ध्यान रख रहे हैं कि उन्हें अपने नियोक्ता (employers) से क्या उम्मीद है.

इंडस्ट्री के लोग क्या कहते हैं?

एयरोस्पेस इंडस्ट्री में काम करने वाले मारुति राव तलुरू बताते हैं कि वहां काम करने के दौरान उन्हें एहसास हुआ कि टेक्नोलॉजी कितनी जल्दी हमारे आस-पास दुनिया को बदल रही है, इसलिए उन्होंने एआई और मशीन लर्निंग सीखना शुरू किया.

मारुति ने इस बात पर जोर दिया कि भविष्य के इंजीनियर्स को फील्ड की बेहतर जानकरी के साथ-साथ जिज्ञासा और फ्लेक्सिबिलिटी को भी बेहतर बनाना चाहिए. उनका कहना है कि इसके लिए अपने साथियों के साथ मिलकर वो अपने स्किल्स को रियल-वर्ल्ड चुनौतियों को ठीक करने में लगाएं, जिससे एआई के युग में भारत का विकास हो.

Advertisement

ग्रेट लर्निंग प्लेटफॉर्म के सह-संस्थापक हरिकृष्णन नायर कहते हैं कि आज का इंजीनियर बीस साल पहले के इंजीनियर से बहुत अलग है. सफल होने के लिए जो स्किल्स पहले काफी थे, आज वो कम पड़ रहे हैं. इसलिए अब इंजीनियरों को प्रासंगिक बने रहने के लिए लगातार अडैप्ट करना, नए स्किल्स सीखना और अपनी विशेषज्ञता का विस्तार करना जरूरी बन गया है.

एआई पर भारत के भविष्य में इंजीनियर्स की भूमिका

रिपोर्ट कहती है कि भारत को एक गहन तकनीकी अर्थव्यवस्था में बनाने में इंजीनियर अहम भूमिका निभाएंगे. एआई, क्लाउड और डेटा की ओर बढ़ रहे आकर्षण के साथ, वो खुद को प्रतियोगिता और इनोवेशन के प्रमुख वाहक के रूप में स्थापित कर रहे हैं. जैसे-जैसे भारत एआई विकास में आगे बढ़ कहा है, ये सर्वे स्पष्ट करता है कि इंजीनियर नेतृत्व करने की तैयारी कर रहे हैं.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement