उत्तर प्रदेश के एडीजी (कानून और व्यवस्था) दलजीत सिंह चौधरी ने खुलासा किया है कि लखनऊ में मारे गए सैफुल्लाह और उसके साथियों का आईएसआईएस से कोई सीधा संपर्क नहीं था. आरोपी खुद ही सोशल मीडिया और इंटरनेट के माध्यम से आईएस से प्रभावित हुए थे. वे ISIS के खुरासान मॉड्यूल के तौर पर अपनी पहचान बनाना चाहते थे.
एडीजी चौधरी ने बताया कि MP की घटना के बाद इनके बारे में जानकारी हुई थी. इसके बाद एमपी और यूपी में आईएसआईएस के खुरासान मॉड्यूल के छह संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है. लखनऊ में मारे गए सैफुल्लाह ने ही मंगलवार को भोपाल-उज्जैन पैसेंजर में बम ब्लास्ट की साजिश रची थी.
कानपुर के जाजमऊ इलाके का निवासी सैफुल्लाह ने अपनी साजिश को अमली जामा पहनाने के लिए लखनऊ के काकोरी की हाजी कॉलोनी में किराए का मकान लिया था. यह वही जगह है, जहां मंगलवार 11 घंटे तक एनकाउंटर चला था. इसी के साथ ही कानपुर से फैजल खान और इटावा से फख्र-ए-आलम को गिरफ्तार कर लिया गया.
एडीजी के मुताबिक एक अन्य आरोपी के बारे में पचा चला था. उसकी तलाश की जा रही है. क्योंकि वह भागने में सफल हो गया लेकिन उसे जल्द ही पकड़ लिया जाएगा.
दलजीत चौधरी ने बताया कि एटीएस का विशेष थाना लखनऊ में ही स्थित है. जहां इस केस से संबंधित सारे मुकदमें दर्ज किए जा रहे हैं. जितने आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं, उनके खिलाफ भी इसी थाने में मामले पंजीकृत किए गए है. और आगे भी अन्य गिरफ्तारी होने के बाद यहीं पर मामले दर्ज किए जाएंगे.