दुनिया की टॉप-5 खुफिया एजेंसियां, जिनके जासूसों को पहचान पाना होता है नामुमकिन

वर्तमान में हर देश के पास जासूसी के लिए अपनी खुफिया एजेंसी हैं. जिनका काम सरकार, राजनीतिक दल या महत्वपूर्ण शख्स की जासूसी करना होता है.

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दुनिया के कई देश इन एजेंसियों का लोहा मानते हैं (सांकेतिक चित्र) दुनिया के कई देश इन एजेंसियों का लोहा मानते हैं (सांकेतिक चित्र)

परवेज़ सागर

  • नई दिल्ली,
  • 24 जनवरी 2019,
  • अपडेटेड 2:51 PM IST

करीब एक साल पहले पूर्व भारतीय नौसैनिक कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान में मौत की सजा सुनाई गई थी. पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव को रॉ का एजेंट बताते हुए जासूसी का आरोप लगाया था. उस वक्त भारतीय एजेंसी रॉ चर्चाओं में आ गई थी. दरअसल, दुनियाभर में सैकड़ों वर्षों से जासूसी होती रही है. पुराने जमाने में राजा-महाराजा भी अपने दुश्मनों की जासूसी करवाते थे.

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नए आधुनिक जमाने में हर देश ने जासूसी के लिए खुफिया एजेंसियों की स्थापना की है, जिनका काम सरकार, राजनीतिक दल या महत्वपूर्ण शख्स की जासूसी करना होता है. आइए जानते हैं दुनिया की टॉप 5 खुफिया एजेंसियों के बारे में...

अमेरिका की CIA

अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए यानी सेंट्रल इंटेलीजेंस एजेंसी की स्थापना साल 1947 में हुई थी. इसका मुख्यालय वॉशिंगटन के पास वर्जीनिया में है. सीआईए को अमेरिका ही नहीं दुनिया में सबसे ज्यादा सक्षम और ताकतवर मानी जाती है। सीआईए के अलावा अमेरिका में तीन एजेंसियां एनएसए, डीआईए और एफबीआई हैं. सीआईए का काम साइबर क्राइम, आतंकवाद रोकने समेत विदेशों से सूचना एकत्रित करना है. 2013 में वॉशिंगटन पोस्ट ने सीआईए को सबसे ज्यादा बजट वाली खुफिया एजेंसी बताया था.

इजराइल का MOSSAD

इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद को दुनिया की सबसे बेहतरीन और खतरनाक खुफिया एजेंसियों में गिना जाता है. इसकी स्थापना साल 1949 की गई थी. इसका निदेशक सीधे प्रधानमंत्री को रिपोर्ट करता है. मोसाद का मतलब मौत माना जाता है. कहा जाता है कि एक बार जो मोसाद की निगाह में चढ़ गया, उसका बचना मुश्किल है. मोसाद के खूंखार एजेंट उसे दुनिया के किसी भी कोने से ढूंढ निकालने का दम रखते हैं. मोसाद की पहुंच हर उस जगह तक है, जहां इजरायल या उसके नागरिकों के खिलाफ़ कोई भी साजिश रची जा रही हो.

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भारत का RAW

भारत की खुफिया एजेंसी रॉ यानी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग को दुनिया की ताकतवर खुफिया एजेंसी माना गया है. इसकी स्थापना 1968 में की गई थी. इसका मुख्यालय दिल्ली में है. इस एजेंसी की खासियत यह है कि भारत के प्रधानमंत्री के अलावा किसी के प्रति जवाबदेह नहीं है. रॉ विदेशी मामलों, अपराधियों, आतंकियों के बारे में पूरी जानकारी रखती है. वहीं, इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) भी देश की सुरक्षा के लिए काम करती है. दोनों एजेंसियों ने मिलकर कई बड़े आतंकी हमलों को नाकाम किया है.

पाकिस्तान की ISI

पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई यानी इंटर सर्विसेस इंटेलीजेंस को दुनिया की नंबर एक खुफिया एजेंसी माना जाता है. इसकी स्थापना साल 1948 में हुई थी. इसका मुख्यालय इस्लामाबाद के शहराह ए सोहरावर्दी में है. इसकी नींव ऑस्ट्रेलियाई मूल के ब्रिटिश आर्मी ऑफिसर मेजर जनरल आर. कैथोम ने रखी थी, जो उस वक्त पाकिस्तानी आर्मी स्टाफ के मुख्य थे. देश की सुरक्षा के नाम पर आईएसआई पर आए दिन आतंकवाद को बढ़ावा देने के आरोप लगते हैं. कई आतंकी हमलों में उसका हाथ माना जाता है.

चीन का MSS

चीन की खुफिया एजेंसी एमएसएस यानी मिनिस्ट्री ऑफ स्टेट सिक्यूरिटी सबसे बड़ी खुफिया एजेंसी है. इसकी स्थापना 1983 में हुई थी. इसका मुख्यालय बीजींग में है. इसकी काम भी बाकी देशों की खुफिया एजेंसी की तरह है, लेकिन यह देश को राजनैतिक रूप से सुरक्षित रखने के लिए काम करती है.

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