CST पर तबाही के बाद इसी पुल पर खड़े होकर अजमल कसाब ने बरसाई थीं गोलियां, फेंके थे हथगोले

Mumbai CST Footover Bridge collapse वर्नेकर के अनुसार, टर्मिनस के पीछे के गेट पर पहुंचने पर उन्होंने दो आतंकियों को स्टेशन के अंदर अंधाधुंध फायरिंग करते देखा था. इसके बाद उन्होंने दोनों बंदूकधारियों को इसी फुटओवर ब्रिज के जरिए सीएसटी से टीओआई भवन की ओर जाते हुए देखा था.

Advertisement
मुंबई हमले के दौरान कसाब ने दूसरी तरफ भागने के लिए इसी पुल का इस्तेमाल किया था मुंबई हमले के दौरान कसाब ने दूसरी तरफ भागने के लिए इसी पुल का इस्तेमाल किया था

परवेज़ सागर

  • नई दिल्ली,
  • 14 मार्च 2019,
  • अपडेटेड 11:27 AM IST

मुंबई के छत्रपति शिवाजी टर्मिनस यानी CST रेलवे स्टेशन के पास गुरुवार को जो फुटओवर ब्रिज गिरा है. ये वहीं पुल है जिसके जरिए मुंबई हमले के दौरान आतंकी अजमल कसाब सीएसटी से मोकामा की तरफ गया था. यह ब्रिज दो इलाकों को जोड़ने का काम करता था.

26 के मुंबई हमले के दौरान आतंकी कसाब की तस्वीरें कैमरे में कैद करने वाले फोटो जर्नलिस्ट श्रीराम वर्नेकर ने इस मामले की सुनवाई के दौरान अपना बयान दर्ज कराया था. जिसमें उन्होंने बताया था कि 26 नवंबर को उन्होंने गोलीबारी की आवाज सुनी थी. इसके बाद वो अपने ऑफिस की इमारत से मौके पर पहुंचे.

Advertisement

वर्नेकर के अनुसार, टर्मिनस के पीछे के गेट पर पहुंचने पर उन्होंने दो आतंकियों को स्टेशन के अंदर अंधाधुंध फायरिंग करते देखा था. वो दोनों वहां तबाही मचा रहे थे. गोलियां चला रहे थे. इसके बाद उन्होंने दोनों बंदूकधारियों को इसी फुटओवर ब्रिज के जरिए सीएसटी से टीओआई भवन की ओर जाते हुए देखा था.

फोटो पत्रकार ने अदालत को बताया था कि गोलीबारी से घबरा कर वो उस फुटओवर ब्रिज पर नहीं गए थे. इसके बाद वो वहां से अपने ऑफिस की दूसरी मंजिल पर पहुंचे थे, जहां से उन्हें इस फुटओवर ब्रिज साफ दिख रहा था. वर्नेकर ने दोनों आतंकवादियों को इस पुल से हथगोले फेंकते और गोलीबारी करते देखा था. तभी उन्होंने पुल की सीढ़ियों से नीचे आते हुए कसाब की तस्वीर अपने कैमरे में कैद कर ली थी.

Advertisement

उस काली रात के चश्मदीद बने फोटो जर्नलिस्ट वर्नेकर ने अदालत को बताया था कि कम रोशनी की वजह से उन्होंने तस्वीर लेने के लिए एक फ्लैश का इस्तेमाल किया था. जैसे ही फ्लैश की रोशनी कसाब ने देखी तो उसने फौरन उनकी दिशा में मुड़कर इमारत पर 6 राउंड फायरिंग की थी.

उस वक्त विशेष लोक अभियोजक उज्ज्वल निकम ने अदालत में आतंकी कसाब और उसके साथी अबू इस्माइल की तस्वीरें अदालत में उनके खिलाफ सबूत के तौर पर पेश की थीं. उनके मुताबित इस मामले में वर्नेकर के कैमरे ने प्रत्यक्षदर्शी का काम किया था.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement