दिल्ली के सुभाष नगर इलाके में एक डॉक्टर से धोखाधड़ी करने के आरोप में पुलिस ने एक व्यक्ति को कोलकाता के सॉल्ट लेक से गिरफ्तार किया है. आरोपी खुद पेश से डॉक्टर है. उसने एमबीबीएस किया है. आरोपी ने डॉक्टर के बेटे को एमडी में एडमिशन दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी की है. उसने डॉक्टर से डेढ़ करोड़ रुपये मांगे थे. पुलिस के मुताबिक 24 लाख रूपये एडवांस पेमेंट भी की गई थी. आरोपी डॉक्टर नवीन कुमार ने रोहतक से MBBS किया है और कई अस्पताल में काम कर चुका है.
दरअसल, 2015 में शिकायतकर्ता को उसके मोबाइल नंबर पर मेडिकल पीजी पाठ्यक्रमों में प्रवेश के संबंध में एक संदेश मिला. संपर्क करने पर, फोन करने वाले ने खुद को स्वास्थ्य मंत्रालय के एक पूर्व वरिष्ठ अधिकारी डॉ नवीन कुमार के रूप में पेश किया और आश्वासन दिया कि उनके विश्वविद्यालयों के साथ कई संपर्क हैं और प्रबंधन कोटा के माध्यम से मेडिकल कॉलेज में अपने बेटे का सीधा प्रवेश प्राप्त कर सकते हैं.
टेलीफोन पर चर्चा के बाद, आरोपी ने शिकायतकर्ता को आश्वासन दिया कि वह अपने बेटे का प्रवेश डी.वाई. पाटिल मेडिकल कॉलेज, पुणे नहीं करवाना चाहता है. आरोपी ने एरोप्लेन एडमिशन के लिए कुल लागत 1.5 करोड़ बताई जिसके बाद आरोपी को 24 लाख रुपये एडवांस दिए गए थे.
एडवांस पेमेंट के बाद भी आरोपी डीवाई पाटिल कॉलेज में एडमिशन नहीं करा सका. इसके बाद जब शिकायतकर्ता ने उससे पैसे वापस करने की बात की तो आरोपी ने केवल 7 लाख रुपये लौटाए. उसके बाद वह शिकायतकर्ता के कॉल से बचने लगा और आरोपी ने अपना मोबाइल फोन बंद कर दिया और फिर गायब हो गया. दिल्ली पुलिस की राजौरी गार्डन की टीम ने आरोपी डॉक्टर को टेक्निकल सर्विलांस के जरिए कोलकाता के सॉल्ट लेक इलाके से गिरफ्तार कर लिया है.
पेशे से डॉक्टर नवीन कुमार निवासी नारनौल, हरियाणा का मूल निवासी हैं. 2006 में उसने रोहतक पीजीआई कॉलेज से एमबीबीएस पूरा किया. इसके बाद, वह अपने एमडी कोर्स के लिए मुंबई गया. जहां वह किसी ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आए, जो मैनेजमेंट कोटा के माध्यम से मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश करवाता है.
फिर आरोपी ने अपनी एमडी की पढ़ाई छोड़ दी और एडमिशन रैकेट में उनके साथ काम करना शुरू कर दिया. 2015 में वह कोलकाता आया और वहां रहने लगा. जहां वो अपोलो डायग्नोस्टिक्स सेंटर के नाम से एक प्रयोगशाला संग्रह केंद्र चला रहा था.
तनसीम हैदर