महिलाओं के खिलाफ दिल्ली में सबसे ज्यादा मामले, निर्भया की मां बोलीं- 11 साल में कुछ नहीं बदला

16 दिसंबर 2012 को 23 साल की पैरामेडिक छात्रा निर्भया के साथ सामूहिक बलात्कार और हत्या की वारदात ने पूरे देश की आत्मा को झकझोर कर रख दिया था. अब निर्भया की मां ने कहा कि 11 साल बाद भी कुछ नहीं बदला.

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 निर्भया की मां आशा देवी ने महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध पर चिंता जताई निर्भया की मां आशा देवी ने महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध पर चिंता जताई

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 15 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 10:29 PM IST

Delhi Crime: निर्भया की बुजुर्ग मां ने कहा, "11 साल हो गए हैं और कुछ भी नहीं बदला है. सभी के सहयोग से हमें न्याय मिला. लेकिन कई मामले निचली अदालत में 10 से 12 साल से अटके हुए हैं."  16 दिसंबर 2012 को 23 साल की पैरामेडिक छात्रा निर्भया के साथ सामूहिक बलात्कार और हत्या की वारदात ने पूरे देश की आत्मा को झकझोर कर रख दिया था.

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निर्भया के पिता बद्रीनाथ सिंह ने दावा किया कि अब भी जब भी रेप की घटनाएं होती हैं तो पीड़िता के साथ कोई खड़ा नहीं होता. उन्होंने कहा, "हमें न्याय मिला क्योंकि पूरा देश हमारे साथ था. फास्ट ट्रैक कोर्ट ने हमें अपनी बेटी को न्याय दिलाने में मदद की."

उनकी मां आशा देवी ने पीटीआई से कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले अभी भी कम नहीं हुए हैं. "क़ानून तो बने, लेकिन किया कुछ नहीं. कभी-कभी हम इस एहसास से इतने निराश हो जाते हैं कि कुछ नहीं बदलेगा. हमारे पास भी कई मामले आते हैं और हम उन्हें अपना नैतिक समर्थन ही दे सकते हैं."

बद्रीनाथ सिंह ने कहा, "एक निर्भया को न्याय देने से सभी को न्याय नहीं मिलेगा. नए साल की पूर्व संध्या पर घसीटी गई अंजलि का क्या हुआ? जांच के दौरान पता चला कि आरोपी नशे में थे, लेकिन उसकी कोई गलती नहीं थी."

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उन्होंने कहा, "जब हमारी बेटी के मामले में विरोध प्रदर्शन हुआ, तो कई महिलाओं ने अपने बच्चों के साथ इसमें हिस्सा लिया और वॉटर कैनन का सामना किया. लोगों ने उस दौरान बहुत संघर्ष किया. लेकिन कुछ भी नहीं बदला."

उनकी बेटी एक छात्रा थी. जिसे निर्भया के नाम से जाना जाता है. निर्भया के साथ सड़क पर फेंकने से पहले छह लोगों ने दक्षिणी दिल्ली में एक चलती बस के अंदर बलात्कार किया था और उसके साथ दरिंदगी की थी. बाद में उसे इलाके के लिए सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां 29 दिसंबर 2012 को निर्भया की मौत हो गई थी.

छह आरोपियों में से एक राम सिंह ने मामले की सुनवाई शुरू होने के कुछ दिनों बाद तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी, जबकि नाबालिग आरोपी को सुधार गृह में तीन साल बिताने के बाद 2015 में रिहा कर दिया गया था. अन्य चार दोषियों मुकेश सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) को 20 मार्च 2020 के दिन तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गई थी.

अंजलि के साथ दरिंदगी
एक इवेंट मैनेजमेंट फर्म में काम करने वाली अंजलि सिंह को 31 दिसंबर 2022 की रात को दिल्ली में एक कार के नीचे कई किलोमीटर तक घसीटा गया था, उसी दौरान कार के नीचे गंभीर घाव आने क वजह से उस लड़की ने दम तोड़ दिया था.

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निर्भया की मां ने कहा कि सिस्टम ठीक से काम करना चाहिए. बदलाव होना चाहिए. न्याय समय पर मिलना चाहिए और पुलिस भी ठीक से काम करेगी. आशा देवी ने कहा, "उस मामले का क्या हुआ जिसमें 25 वर्षीय अंजलि को 12 किलोमीटर तक घसीटा गया था? "मैं उसके परिवार से मिला. उनकी मां की तबीयत ठीक नहीं है और वह परिवार में एकमात्र कमाने वाली थीं,'' 

दिल्ली के बारे में क्या कहते हैं NCRB के आंकड़े
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में भारत के 19 महानगरीय शहरों में से दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ सबसे अधिक अपराध दर्ज किए गए. राष्ट्रीय राजधानी में 2022 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 14,158 मामले दर्ज किए गए. इसके बाद मुंबई में 6,176 और बेंगलुरु में 3,924 मामले दर्ज किए गए. साल 2022 में, दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ अपराध में 2021 में 13,982 से सालाना आधार पर 1.25 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई.

एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में 2022 में 1,204 बलात्कार के मामले दर्ज किए गए. इसमें 129 दहेज हत्या के मामले भी दर्ज किए गए. महिलाओं के खिलाफ एसिड हमले के पांच मामले दर्ज किए गए, जबकि तीन हमलों का प्रयास भी किया गया. शहर में 2022 में महिलाओं के अपहरण या अपहरण की 3,909 घटनाएं भी देखी गईं.
 

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