शातिर ठगः नोएडा में बैठकर अमेरिकी नागिरकों से करते थे ठगी, 8 लोग गिरफ्तार

नोएडा की थाना सेक्टर-58 पुलिस ने यूएसए के नागरिको को ड्रग कार्टेल्स में फंसाने की धमकी देकर गूगल गिफ्ट कार्ड लेने और ऑनलाइन ठगी करने वाले इस गैंग के 8 सदस्यों को गिरफ्तार किया है.

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पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से कई सिस्टम और सामान बरामद किया है पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से कई सिस्टम और सामान बरामद किया है

तनसीम हैदर

  • नोएडा,
  • 17 नवंबर 2021,
  • अपडेटेड 6:40 PM IST
  • नोएडा पुलिस ने किया फेक कॉल सेंटर का खुलासा
  • अमेरिकी नागरिकों को बनाते थे अपना शिकार
  • गूगल गिफ्ट कार्ड के जरिए करते थे वसूली

नोएडा पुलिस ने अमेरिका के नागरिकों को ड्रग कार्टेल्स में फंसाने की बात कहकर धमकाने और सोशल सिक्योरिटी के नाम पर गूगल गिफ्ट कार्ड लेकर धोखाधडी समेत ऑनलाइन ठगी करने वाले फेक सैन्टा क्लारा सिटी केलीफोर्निया गैंग का पर्दाफाश किया है. यह कार्रवाई थाना सेक्टर-58 पुलिस ने अंजाम दी है.
 
पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 10 कम्पयूटर, 1 लैपटाप, 1 प्रिन्टर, 10 हैडफोन, 1 राऊटर, 4 हार्डडिस्क, 16 रैम, 01 कैबिल टेस्टर, 99 लैटर पैड एपीटेक्नोमार्ट प्रा0लि0, 41 डोक्यूमेन्ट, 6 मोबाईल फोन समेत विभिन्न कम्पनियों के सामान बरामद हुए हैं.

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नोएडा थाना सेक्टर-58 पुलिस ने यूएसए के नागरिको को ड्रग कार्टेल्स में फंसाने की धमकी देने और सोशल सिक्योरिटी के नाम पर गूगल गिफ्ट कार्ड लेकर धोखाधडी और ऑनलाइन ठगी करने वाले इस गैंग के 8 सदस्यों को गिरफ्तार किया है.

गिरफ्तार आरोपी सुमित त्यागी जिसका फर्जी नाम रिक ऐलीन फ्रोम कैलीफोरनिया सैन्टा क्लारा सिटी था. जबकि अरुण चौहान ने अपना फर्जी नाम पता जैक फ्रोम कैलीफोरनिया सैन्टा क्लारा सिटी, विशाल तोमर का फर्जी नाम पता हैनरी फ्रोम कैलीफोरनिया सैन्टा क्लारा सिटी, राहत अली का फर्जी नाम पता विलसन फ्रोम कैलीफोरनिया सैन्टा क्लारा सिटी, केशव त्यागी जिसका फर्जी नाम पता जोन फ्रोम कैलीफोरनिया सैन्टा क्लारा सिटी था.

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इनके अलावा सुनील वर्मा, जिसका फर्जी नाम और पता डेविड वॉटसन फ्रोम कैलीफोरनिया सैन्टा क्लारा सिटी, प्रशान्त लखेरा उर्फ रोबर्ट फ्रोम कैलीफोरनिया सैन्टा क्लारा सिटी और सतेन्द्र लखेरा फर्जी नाम पता- डेविस फ्रोम कैलीफोरनिया सैन्टा क्लारा सिटी रखा था. इन सभी आरोपियों को आईथम टावर सेक्टर-62, नोएडा से गिरफ्तार किया गया है.
 
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उनका कॉल सेन्टर फर्जी तरीके रात में चलता है. वे यूएसए के नागरिकों को इन्टरनेट कांलिंग करके सोशल सिक्योरिटी के नाम पर धमकाते हैं. उन लोगों को बताया जाता है कि हमें अमेरिकी कानूनी एजेंसियो से आपके बैंक खातों की डिटेल्स मिल गई हैं. आपने मैक्सिको और कोलम्बिया में ड्रग कार्टेल्स से लेनदेन किया है. फिर उन लोगों से कुछ ले देकर मामला रफा दफा करने की बात कहते हैं, जिसकी एवज में उनसे गूगल गिफ्ट कार्ड ले लेते हैं. फिर उन गिफ्ट कार्डस् को Pixfulonline site पर जाकर खरीदार के माध्यम से अपना आधार, पैन कार्ड वैरीफाई कराकर आनलाईन ट्रैडिंग करते हैं और अपने Pixful account में भारतीय मुद्रा के तौर पर पैसा ट्रांसफर करा लेते हैं. 

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आरोपी राहत अली ने बताया कि वे कम्पयूटर सर्विस के नाम से यूएसए के लोगों को बेवकूफ बनाकर उनके कम्पयूटर में ऐनीडेस्क, एल्ट्रा व्यूअर आदि सॉफ्टवेयर इंस्टॉल कराके उनके कम्पयूटर को रिमोट कन्ट्रोल पर ले लेते हैं. फिर सर्विस के नाम पर उनसे Amazon, eBay, PayPal जैसे वॉलेट जरिए हजारों डॉलर ठग लेते हैं.

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आरोपियों के पास से कुछ डाटाबेस ऐसा भी मिला है, जिसमें पाया गया कि ये लोग ज्यादातर भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिकों को अपना शिकार बनाते थे. उनकी एक दिन की कमाई लगभग 3-4 हजार यूएस डॉलर होती है जोकि भारतीय मुद्रा में लगभग 2.5 से 3 लाख रूपये होता है. इनका सरगना मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में बैठकर उक्त कॉल सेन्टर को संचालित करता है. वो कभी-कभी नोएडा के ऑफिस में आकर विजिट करता था.

इनके वेन्डर्स ई-मेल ब्लास्टिंग के जरिये इनसे जुडते थे. इनका टॉल फ्री नम्बर 8446788343 है. पेमेन्ट का तरीका ये है कि आरोपी Amazon, Ebay, Paypal जैसे यूएसए के वॉलेट का इस्तेमाल ठगे हुए हजारों डॉलर और डॉलर का भुगतान Pixful और Zello USA पोर्टल पर जाकर अपने फर्जी खातों में करा लेते हैं.

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