बागपतः कुख्यात राहुल खट्टा की संपत्ति कुर्क, 6 साल पहले एनकाउंटर में हुई थी मौत

बागपत के जिलाधिकारी ने राहुल खट्टा की संपत्ति कुर्क करने का आदेश जारी किया था. इसके बाद तीन थानों की फोर्स के साथ प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और उसका मकान और अन्य संपत्ति कुर्क कर ली. राहुल की अवैध तरीके से अर्जित की गई संपत्ति पर ये कार्रवाई अंजाम दी जा रही है.

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साल 2015 में राहुल खट्टा सहारनपुर पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारा गया था साल 2015 में राहुल खट्टा सहारनपुर पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारा गया था

दुष्यंत त्यागी

  • बागपत,
  • 09 अप्रैल 2021,
  • अपडेटेड 11:32 PM IST
  • पश्चिम यूपी में था राहुल खट्टा का आतंक
  • साल 2015 में हुआ था राहुल का एनकाउंटर
  • सहारनपुर पुलिस के साथ 2 घंटे चली थी मुठभेड़

कभी पश्चिमी यूपी में आतंक का सिक्का जमाने वाले कुख्यात बदमाश राहुल खट्टा की संपत्ति बागपत के पुलिस प्रशासन ने कुर्क कर ली. राहुल खट्टा पर कभी बागपत में ढाई लाख रुपये का इनाम घोषित था. 6 साल पहले वो सहारनपुर पुलिस के साथ 2 घंटे चली मुठभेड़ में मारा गया था. अब जिला प्रशासन ने शुक्रवार को उसके परिवार पर भी शिकंजा कस दिया.

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बागपत के जिलाधिकारी ने राहुल खट्टा की संपत्ति कुर्क करने का आदेश जारी किया था. इसके बाद तीन थानों की फोर्स के साथ प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और उसका मकान और अन्य संपत्ति कुर्क कर ली. राहुल की अवैध तरीके से अर्जित की गई संपत्ति पर ये कार्रवाई अंजाम दी जा रही है. तीन थानों की फोर्स के साथ एसडीएम बागपत और दो सीओ भारी पुलिस फोर्स के साथ मौके पर डटे थे.
  
राहुल खट्टा की संपत्ति पर कार्रवाई इसलिये भी की जा रही है कि उसका भाई गांव में प्रधानी का चुनाव लड़ रहा है. हालांकि कुर्की की कार्रवाई के दौरान राहुल खट्टा का भाई राजू मौके पर मौजूद नहीं था. घर में मौजूद महिलाओं से महिला पुलिसकर्मियों ने मकान खाली कराया. जनपद में इनामी बदमाशों और गैंगस्टर्स पर भी शिकंजा कसा जा रहा है. जिसके चलते धर्मेंद्र किरठल और सुनील राठी सहित आधा दर्जन बदमाशों के खिलाफ कार्रवाई की गई है.

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आपको बताते चलें कि राहुल खट्टा कभी पुलिस के लिए मुखबिरी किया करता था. और उसकी मौत 5 जून 2015 को सहारनपुर पुलिस के साथ एक मुठभेड़ में हुई थी. राहुल के खिलाफ पहला मुकदमा 2009 में थाना सिंघावली अहीर क्षेत्र में दर्ज हुआ था. जिसमें उस पर लूट का इल्जाम था. इसके बाद उसने अपने पांव पसारने शुरू किए. धीरे-धीरे खट्टा का आतंक वेस्ट यूपी के साथ-साथ हरियाणा और उत्तराखंड सहित एनसीआर तक फैल गया था.
 
इलाके के जाने-माने सर्राफ प्रदीप वर्मा के अपहरण में भी राहुल खट्टा का नाम सामने आया था. लगभग 10 दिन बाद वो छूटकर आए थे. ऐसे न जाने कितने ही मामले राहुल के खिलाफ पुलिस ने दर्ज किए थे. राहुल का नाम कई गैंग के साथ भी जोड़ा गया. जिसमें योगेश भदौड़ा से लेकर अमित भूरा और मुकीम काला गैंग शामिल रहे थे.

 

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