दिल्ली क्राइम ब्रांच की द्वारका टीम ने राजस्थान के दौसा मेहंदीपुर से एक खूंखार अपराधी 30 वर्षीय कपिल उर्फ प्रदीप को गिरफ्तार किया है. कपिल गुरुग्राम का रहने वाला है. वह साल 2019 में जेल से छूटा था. इसके बाद से वह सोनीपत, मेहंदीपुर, दौसा और मथुरा सहित विभिन्न जगहों पर छिपता रहा. पुलिस के अनुसार, कपिल कुख्यात अशोक राठी गिरोह से जुड़ा हुआ है. इन दिनों गिरोह उसी के इशारे पर चल रहा था.
अधिकारियों ने बताया कि गैंग लीडर अशोक राठी की हत्या के बाद कपिल अशोक व अन्य सहयोगियों की हत्या का बदला लेने की तैयारी कर रहा था. दोनों समूहों के बीच प्रतिद्वंद्विता अभी भी जीवित है और दुश्मनी के कारण दोनों पक्षों के गिरोह के कई सदस्य अपनी जान गंवा चुके हैं.
विशेष पुलिस आयुक्त क्राइम रवींद्र सिंह यादव ने बताया कि गुरुग्राम के रहने वाले हरिओम ने पुलिस को सूचना दी थी कि 27 सितंबर 2019 को लगभग 9:30 बजे जोनी और मोनी नाम के युवक उसके गांव के 8 से 10 लड़कों के साथ घर में घुस आए. इसके बाद वह चचेरे भाई संजीव को जबरन कार में बैठा ले गए और उसकी गोली मारकर हत्या कर दी. प्रदीप का शव बसई में रेलवे ट्रैक के पास पड़ा मिला था. इस मामले में कपिल आरोपी था.
सूचना के बाद राजस्थान पहुंची थी टीम
सूचना के बाद क्राइम टीम दिल्ली से राजस्थान के दौसा पहुंची. वहां निगरानी के बाद टीम ने आरोपी कपिल को धर्मशाला से पकड़ लिया. इसके बाद पुलिस ने उससे पूछताछ की. उसने पूछताछ के दौरान शुरू में टीम को चकमा देने की कोशिश की, लेकिन बाद में अपराध कबूल कर लिया.
आरोपी कपिल ने 9वीं तक की पढ़ाई गुरुग्राम के बसई गांव के एक सरकारी स्कूल से की और उसके बाद पढ़ाई छोड़ दी. वर्ष 2009-10 में उसने बसई के संदीप शूटर और ललित कटारिया के माध्यम से अलीपुर सोहना निवासी खूंखार अपराधी अशोक राठी से हाथ मिलाया और गिरोह में शामिल हो गया. इसके बाद उसने जबरन वसूली, हत्या, हत्या के प्रयास, डकैती, अपहरण आदि कई अपराधों को अंजाम दिया.
हत्या के मामले में हो चुकी है सजा
गैंग लीडर अशोक राठी के बहनोई और सास की हत्या के मामले में कपिल को अशोक राठी के साथ आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. वह साल 2011 से 2019 तक जेल में रहा. कपिल ने पुलिस के सामने यह भी खुलासा किया कि उसके गिरोह का दिल्ली में सक्रिय मनजीत महल गिरोह के साथ सांठगांठ थी, क्योंकि उसके गैंग लीडर अशोक राठी जब जीवित था, तब वह भोंडसी में मंजीत महल से मिला था.
कौन था अशोक राठी, जो 1999 में पहली बार हुआ था अरेस्ट
अशोक राठी का जन्म भोंडसी पुलिस स्टेशन से लगभग 2.5 किलोमीटर दूर अलीपुर गांव में हुआ था. साल 1999 में 22 साल की उम्र में अशोक राठी को पुलिस ने पहली बार गिरफ्तार किया. उसके खिलाफ कई मामले दर्ज किए गए थे. वर्ष 2001 के अंत तक अशोक राठी सोहना और गुरुग्राम में कुख्यात अपराधी बन चुका था. उसने अपना गिरोह बना लिया. इसके बाद साल 2008-09 में कपिल ने संदीप शूटर और ललित कटारिया के जरिए अशोक राठी से हाथ मिला लिया. इसके बाद वह गिरोह के मुखिया का खास बन गया. वह गिरोह के लिए काम करने लगा और कई जघन्य अपराधों में शामिल रहा.
तनसीम हैदर