मध्य प्रदेश के इंदौर के रहने वाले व्यवसायी राजा रघुवंशी की सनसनीखेज हत्याकांड का रहस्य पूरी तरह से खुल चुका है. मेघालय पुलिस ने इस मामले में राजा की पत्नी सोनम समेत आठ लोगों के खिलाफ 790 पन्नों का आरोपपत्र दाखिल किया है. पुलिस की मानें तो यह कोई सामान्य हत्या नहीं बल्कि पहले से रची गई साजिश थी, जिसमें प्रेम-प्रसंग, धोखा और लालच सब शामिल था.
पूर्वी खासी हिल्स जिले के पुलिस अधीक्षक विवके सिएम ने जानकारी दी कि सोहरा उप-मंडल की प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया गया है. इस चार्जशीट में पुलिस ने ठोस सबूत और दस्तावेज शामिल किए हैं. इंदौर निवासी राजा रघुवंशी अपनी पत्नी सोनम के साथ मई 2024 में हनीमून मनाने शिलांग और फिर सोहरा पहुंचे थे. 26 मई को वो अचानक लापता हो गए.
इसके बाद सोहरा पुलिस, एसओटी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और ट्रैकिंग समूहों ने ग्रामीणों के साथ मिलकर बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया. कई दिनों की खोज के बाद 2 जून को राजा रघुवंशी का शव वेई सावडोंग जलप्रपात के पास उम्बलई के अरलियांग रियात कुनोन्ग्रिम इलाके की गहरी खाई से बरामद हुआ. इसके बाद इस घटना की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया.
एसआईटी की जांच में सामने आया कि सोनम का राज कुशवाहा नाम के व्यक्ति के साथ प्रेम संबंध था. दोनों ने मिलकर राजा को रास्ते से हटाने की योजना बनाई. इसके लिए उन्होंने तीन भाड़े के हत्यारों को शामिल किया और हनीमून का बहाना बनाकर साजिश को अंजाम दिया. चार्जशीट के अनुसार, सोनम की मौजूदगी में आकाश सिंह राजपूत, विशाल सिंह चौहान और आनंद कुर्मी ने राजा की हत्या की थी.
इस दौरान सोनम और राज कुशवाहा की भूमिका साजिशकर्ता की रही. जांच के केवल एक हफ्ते के भीतर ही पुलिस ने सोनम समेत पांच आरोपियों को एमपी और यूपी से ट्रैक कर गिरफ्तार कर लिया. सोनम रघुवंशी, राज कुशवाहा, आकाश सिंह राजपूत, विशाल सिंह चौहान और आनंद कुर्मी पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 103(1) (हत्या), 238(ए) (साक्ष्य मिटाना) और 61(2) के तहत केस दर्ज किया गया है.
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