सुरक्षाबलों ने एनकाउंटर में 12 नक्सलियों को मार गिराया, 12 घंटे तक चला ऑपरेशन

छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में शुक्रवार को गंगलूर पुलिस थाना क्षेत्र के पीडिया गांव के पास जंगल में 12 घंटे चले ऑपरेशन में सुरक्षाकर्मियों ने 12 नक्सलियों को मार गिराया. इसके बाद शनिवार की सुबह उन सभी के शवों को बीजापुर जिला मुख्यालय लाया गया.

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छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में 12 घंटे चले सुरक्षा बलों का ऑपरेशन. छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में 12 घंटे चले सुरक्षा बलों का ऑपरेशन.

aajtak.in

  • बीजापुर,
  • 11 मई 2024,
  • अपडेटेड 8:49 PM IST

छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में शुक्रवार को गंगलूर पुलिस थाना क्षेत्र के पीडिया गांव के पास जंगल में 12 घंटे चले ऑपरेशन में सुरक्षाकर्मियों ने 12 नक्सलियों को मार गिराया. इसके बाद शनिवार की सुबह उन सभी के शवों को बीजापुर जिला मुख्यालय लाया गया. मृतकों की पहचान कर ली गई है. उनके सिर पर 31 लाख रुपए का इनाम था. 

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जानकारी के मुताबिक, मुठभेड़ के दौरान सुरक्षाकर्मियों के साथ गोलीबारी के बाद कुछ नक्सली खुद को ग्रामीण बताने लगे. इसके साथ ही पुलिस को गुमराह करने के लिए सादे कपड़ों में आकर गांव वालों के बीच घुल मिल गए. इस वजह से पुलिस ने इलाके से कई लोगों को हिरासत में लिया है. उनकी पहचान की कोशिश की जा रही है.

बीजापुर के पुलिस अधीक्षक जितेंद्र कुमार यादव ने बताया कि मारे गए नक्सलियों में बुधु ओयम और कल्लू पुनेम सैन्य कंपनी नंबर के सदस्य थे. दोनों के सिर पर 8 लाख रुपए का इनाम था, जबकि गंगालूर एरिया कमेटी सदस्य लाखे कुंजाम और सैन्य कंपनी नंबर 12 के सदस्य भीमा करम के सिर पर 5-5 लाख रुपए का इनाम था.

पुलिस अधीक्षक ने कहा कि अन्य मृतकों में मिलिशिया प्लाटून कमांडर सन्नू लाकोम और जनता सरकार (पीपुल्स गवर्नमेंट) के उपाध्यक्ष अवलम पर 2-2 लाख रुपए का इनाम था. छह अन्य नक्सली निचले स्तर के सदस्य थे. उन्होंने बताया कि कुछ माओवादियों ने तीन स्थानों पर घात लगाकर सुरक्षा बलों को घेरने की भी कोशिश की, लेकिन नाकाम रहे.

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एसपी ने बताया कि इस ऑपरेशन के दौरान एक अनोखी बात पहली बार देखी गई है. पुलिस से मुठभेड़ के बाद कुछ नक्सलियों ने बचने के लिए अपना यूनिफार्म निकाल दिया. उन्होंने गांव वालों से उनके कपड़े लेकर पहन लिए और पुलिस को गुमराह करने के लिए उनके साथ मिल गए. पुलिस संदिग्धओं को हिरासत में ले लिया है.

पुलिस को मुखबिरों से सूचना मिली थी कि स्पेशल जोनल कमेटी के सदस्य चैतू, लेंगु और पीएलजीए कंपनी नंबर के कमांडर पापा राव जंगल में मौजूद हैं. इसके साथ ही गागलूर एरिया कमेटी के सचिव दिनेश मोडियाम कते सथा 100-150 नक्सली भी इलाके में डेरा डाले हुए हैं. इसके बाद बीजापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा जिलों के जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी), बस्तर फाइटर्स, स्पेशल टास्क फोर्स, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और कोबरा कमांडो की संयुक्त टीम ने ऑपरेशन शुरू किया.

संयुक्त टीम और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ शुक्रवार सुबह छह बजे शुरू हुआ और शाम छह बजे तक नियमित अंतराल पर चलता रहा. इस दौरान करीब 10 बार दोनों का आमना-सामना हुआ. इस दौरान कई नक्सली मारे गए. तीन नक्सलियों को मौके से पकड़ लिया गया. मुठभेड़ स्थल से भारी मात्रा में हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटक बरामद किए गए हैं.

इस गोलीबारी में एक नागरिक भी घायल हो गया. उसे प्रारंभिक उपचार दिया गया और जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है. उसकी हालत खतरे से बाहर बताई गई है. इसके साथ ही सुरक्षाकर्मियों ने पीडिया जंगल में माओवादियों द्वारा बनाये गए एक ट्रांजिट कैंप का भी भंडाफोड़ किया है. इस कैंप से बड़ी संख्या में हथियार बरामद किए गए हैं.

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पुलिस के अनुसार, इस घटना के साथ बस्तर में सुरक्षा बलों के साथ अलग-अलग मुठभेड़ों में अब तक 103 नक्सली मारे गए हैं. 16 अप्रैल को कांकेर जिले में सुरक्षा बलों ने 29 नक्सलियों को मार गिराया था, जबकि 30 अप्रैल को नारायणपुर और कांकेर जिले की सीमा पर जंगल में तीन महिलाओं समेत 10 नक्सलियों को मार गिराया गया था.

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