ओडिशा में नाबालिग लड़की से बलात्कार, 8 साल बाद अपराधी को 20 साल कारावास की सजा

ओडिशा के मयूरभंज जिले की एक स्थानीय अदालत ने मंगलवार को एक व्यक्ति को 2017 में 15 वर्षीय लड़की से बलात्कार के लिए 20 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई. फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट के जज संतोष कुमार नायक ने यह फैसला सुनाया. यह फैसला पीड़िता के बयान, 18 गवाहों और मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर सुनाया गया.

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(प्रतीकात्मक तस्वीर) (प्रतीकात्मक तस्वीर)

aajtak.in

  • बारीपदा,
  • 06 मई 2025,
  • अपडेटेड 10:07 PM IST

ओडिशा के मयूरभंज जिले की एक स्थानीय अदालत ने मंगलवार को एक व्यक्ति को 2017 में 15 वर्षीय लड़की से बलात्कार के लिए 20 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई. फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट के जज संतोष कुमार नायक ने यह फैसला सुनाया. यह फैसला पीड़िता के बयान, 18 गवाहों और मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर सुनाया गया.

विशेष लोक अभियोजक मनारंजन पटनायक ने बताया कि अदालत ने दोषी पर 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. अदालत ने कहा कि यदि दोषी जुर्माना भरने में विफल रहता है, तो उसे एक साल और जेल में रहना होगा. यह घटना 8 जुलाई, 2017 की है. दोषी और उसका दोस्त बिसोई इलाके के एक गांव में पीड़िता के घर में घुसे.

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उन दोनों ने पीड़िता की दादी के साथ मारपीट की और उसे जबरन उठाकर पास के जंगल में ले गए. अभियोजन पक्ष के अनुसार, इसके बाद दोनों ने उसके साथ बलात्कार किया और फरार हो गए. उसके दोस्त को अदालत ने 28 सितंबर, 2024 को दोषी ठहराया था. इसके बाद मुख्य आरोपी को दोषी ठहराते हुए अदालत ने अपना फैसला सुनाया है.

बताते चलें कि इसी साल मार्च में ओडिशा के गंजम जिले में स्पेशल ट्रैक कोर्ट ने 87 साल के व्यक्ति को सात साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी. यह सजा करीब 17 साल पुराने रेप के मामले में दी गई. इसी के साथ कोर्ट ने पांच हजार का जुर्माना भी लगाय. कोर्ट ने जिस साहेबा बडात्या नाम के व्यक्ति को सजा सुनाई, वो गंजम के जराडा का रहने वाला है. 

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बलात्कार की ये घटना 23 फरवरी 2008 की है. उस समय पीड़िता 14 साल की थी. वह रेप के दोषी के घर पर मेहमान के रूप में गई थी. उसी दौरान उसके साथ रेप की वारदात को अंजाम दिया गया. इस घटना के बाद पीड़िता के पिता ने जरदा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके आधार पर पुलिस ने पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू की थी. 

इस मामले की सुनवाई विशेष ट्रैक कोर्ट में हुई, जहां  सत्र न्यायाधीश सौदामिनी सिंह ने फैसला सुनाया. सहायक लोक अभियोजक आरती पटनायक ने बताया कि कोर्ट ने दोषी पर 5 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया. यदि दोषी व्यक्ति जुर्माने की राशि जमा नहीं करता है, तो उसे छह महीने की अतिरिक्त जेल की सजा का प्रवाधान किया गया. 

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