कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की एक महिला डॉक्टर के बलात्कार और हत्या मामले में मंगलवार को निचली अदालत में दो गवाहों से पूछताछ की गई. सोमवार को शुरू हुई बंद कमरे में सुनवाई रोजाना हो रही है. सूत्रों ने बताया कि दो गवाहों से पूछताछ के साथ ही इस मामले में कुल चार गवाहों से पूछताछ हो चुकी है. इस मामले में मुख्य आरोपी संजय रॉय को भी अदालत में पेश किया गया.
अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिर्बान दास की अदालत में इस मामले में की सुनवाई चल रही है. बुधवार को भी दो और गवाहों से पूछताछ की जाएगी. इसस पहले सोमवार को संजय रॉय ने साजिशकर्ता के तौर पर कोलकाता के पूर्व पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल और स्पेशल डिप्टी कमिश्नर (डिटेक्टिव डिपार्टमेंट) का नाम लिया है. उसका कहना है कि उसे इस केस में साजिश के तहत फंसाया जा रहा है.
पूर्व पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल पर संजय रॉय के इस सनसनीखेज आरोप के बाद वेस्ट बंगाल के राज्यपाल ने राज्य सरकार से मामले की जांच करने के लिए कहा है. इसके साथ ही इन आरोपों पर तथ्यात्मक स्थिति और राज्य सरकार के रुख से अवगत कराने का भी आग्रह किया है.
मुख्य आरोपी संजय रॉय ने कोर्ट में कहा था, "मैंने बलात्कार और हत्या नहीं की है. मैं निर्दोष हूं. मुझे फंसाया गया है. सरकार ने मुझे फंसाया है. उन्होंने मुझे चुप रहने की धमकी दी है. मेरे विभाग (कोलकाता पुलिस) ने मुझे धमकाया है.'' हालांकि, केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में संजय रॉय को ही असली अपराधी बताया है. इसके साथ ही इस केस को गैंगरेप की बजाए रेप ही बताया गया है.
सीबीआई की चार्जशीट के अनुसार सिविक वालंटियर संजय रॉय ने ही वारदात को अंजाम दिया है. पीड़िता से लिए गया सीमन का सैंपल उससे मैच हो चुका है. सीबीआई का दावा है कि सीएफएसएल रिपोर्ट से पुष्टि हो गई है कि सीमन संजय रॉय का है. कई भौतिक साक्ष्य, परिस्थितिजन्य साक्ष्य, फोरेंसिक रिपोर्ट के आधार पर साबित होता है कि इस वारदात को संजय रॉय ने अकेले ही अंजाम दिया है.
इस चार्जशीट में यह भी उल्लेख किया गया है कि 9 अगस्त को क्राइम सीन से मिले छोटे बाल को जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेजा गया था. रिपोर्ट में ये बाल संजय रॉय के बताए गए हैं. इस घटना के 24 घंटे के भीतर ही कोलकाता पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था. इस तरह से देखा जाए तो जो बात कोलकाता पुलिस ने करीब सवा दो महीने पहले कही थी, वही बात अब सीबीआई भी कह रही है.
करीब 100 गवाहों, 12 पॉलीग्राफ टेस्ट, सीसीटीवी कैमरों, फॉरेंसिक रिपोर्ट, मोबाइल की कॉल डिटेल और लोकेशन, ईयरफोन और आरोपी के बयान के बाद चार्जशीट फाइल की गई है. इसमें सीबीआई ने भी ये साफ कर दिया है कि ट्रेनी जूनियर डॉक्टर के साथ रेप हुआ था, ना कि गैंगरेप. सीबीआई की इस चार्जशीट के मुताबिक, इस केस को सुलझाने में तीन चीजें सबसे अहम साबित हुई हैं.
इनमें पहली, सेमिनार रूम के बाहर सीसीटीवी कैमरे से मिली तस्वीरें हैं. इन तस्वीरों में 9 अगस्त की सुबह 4 बजे संजय रॉय सेमिनार हॉल के अंदर जाता दिखाई देता है. आधे घंटे बाद वो बाहर निकल जाता है. इस दौरान सेमिनार हॉल में संजय के अलावा ना और कोई दूसरा गया, न बाहर आया. दूसरी, सेमिनार हॉल से मिला संजय रॉय का मोबाइल का ईयरफोन. जो उसके ब्लूटूथ से कनेक्ट हुआ था.
तीसरी, सबसे अहम चीज फॉरेंसिक रिपोर्ट थी. ट्रेनी जूनियर डॉक्टर के नाखुन में मिले खून से संजय का डीएनए मैच कर गया. इसके अलावा सीमन का डीएनए भी संजय से मैच कर गया था. प्राइवेट पार्ट से भी संजय का ही डीएनए सैंपल मिला था. चार्जशीट के मुताबिक, वारदात वाली रात संजय ने काफी शराब पी रखी थी. नशे में वो तड़के चार बजे अस्पताल के तीसरी मंजिल पर पहुंचा था.
aajtak.in