केरल की एक अदालत ने चार साल पहले इडुक्की जिले में अपने घर के पास मूक-बधिर नाबालिग लड़की से बलात्कार के जुर्म में 32 वर्षीय अपराधी को मरते दम तक दोहरी उम्रकैद की सजा सुनाई है. अदालत ने अपराधी पर 3.11 लाख रुपए का जुर्माना लगाते हुए उसे पीड़िता को दिए जाने का निर्देश दिया है. जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को भी पीड़ित बच्ची को पर्याप्त मुआवजा देने का भी निर्देश दिया गया है.
विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) शिजो मोन जोसेफ ने बताया कि पेनावु फास्ट ट्रैक कोर्ट के न्यायाधीश लाइजुमोल शेरिफ ने आरोपी एंटनी को भारतीय दंड संहिता और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम के प्रावधानों के तहत दोषी ठहराते हुए दोहरे उम्रकैद की सजा सुनाई है. इसके साथ निर्देश दिया है कि उसे मृत्यु तक जेल में रखा जाए. पीड़िता का बयान सांकेतिक भाषा के जरिए रिकॉर्ड किया गया था.
अभियोजन पक्ष के अनुसार, ये घटना 4 अगस्त 2021 को हुई, जब आरोपी ने लड़की को उसके घर के पास एक चाय के बागान में खींच लिया. इसके बाद उसे अपनी हवस का शिकार बनाया. जब पीड़िता ने विरोध करने की कोशिश की, तो आरोपी ने उसे पत्थर से मारा और उसके चेहरे पर चोटें पहुंचाईं. एसपीपी ने कहा कि मुकदमे के दौरान अदालत ने 29 गवाहों और 35 दस्तावेजों की जांच की है.
बताते चलें कि इसी साल जनवरी में केरल के तिरुवनंतपुरम की एक स्पेशल फास्ट-ट्रैक कोर्ट ने एक ट्यूशन टीचर को 111 साल की सजा सुनाई थी. आरोपी टीचर ने एक नाबालिग लड़की को बहला-फुसलाकर उसके साथ रेप किया था. इस मामले में उसके खिलाफ कारावास की सजा के साथ कोर्ट ने 1.05 लाख रुपए के जुर्माने की सजा भी सुनाई थई. जुर्माना अदा नहीं करने पर एक साल अतिरिक्त सजा का ऐलान किया गया था.
न्यायाधीश आर रेखा ने अपने आदेश में कहा था, "ट्यूशन पढ़ाने वाला टीचर मनोज ने ऐसा क्राइम किया, जिसके लिए कोई दया नहीं की जानी चाहिए." दोषी पाए गए मनोज की पत्नी ने नाबालिग लड़की के खिलाफ अपने पति के अपराध के बारे में पता चलने पर आत्महत्या कर ली थी. यह घटना 2 जुलाई, 2019 को हुई, जब उसने लड़की को एक स्पेशल क्लास के बहाने अपने घर बुलाकर बलात्कार किया.
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