पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता से करीब 100 किलोमीटर दूर पूर्व बर्धमान में स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने पाकिस्तान की कुख्यात खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) से जुड़े दो लोगों को गिरफ्तार किया है. दोनों आरोपियों की पहचान राकेश कुमार गुप्ता और मुकेश रजक के रूप में हुई है. उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है.
जानकारी के मुताबिक, राकेश कुमार गुप्ता मूल रूप से कोलकाता के भवानीपुर का रहने वाला है. मुकेश रजक पश्चिम बंगाल के ही पानागढ़ इलाके से ताल्लुक रखता है. दोनों एक एनजीओ चलाते हैं. बर्धमान जिले के मेमारी में एक किराए के एक मकान में रह रहे थे. यहीं से उनकी संदिग्ध गतिविधियों की शुरुआत हुई थी. गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने किराए के मकान पर छापेमारी कर उन्हें गिरफ्तार किया.
एसटीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शनिवार को मेमारी में अचानक छापेमारी की गई और मुकेश रजक को वहीं से गिरफ्तार कर लिया गया. लेकिन राकेश कुमार गुप्ता बीमारी का बहाना बनाकर एक निजी नर्सिंग होम में भर्ती हो गया था. एसटीएफ ने वहीं पहुंचकर उसे भी धर दबोचा. पुलिस हिरासत में दोनों से पूछताछ के दौरान जो खुलासे हुए हैं, उन्होंने सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा दी है.
दोनों आरोपी पाकिस्तान में मौजूद आईएसआई से जुड़े लोगों के सीधे संपर्क में थे. उनके निर्देश पर खुफिया सूचना भेजने के साथ आपराधिक और आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने में मदद कर रहे थे. पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि ये लोग अपने एनजीओ की आड़ में लोग देश के संवेदनशील इलाकों से जुड़ी सूचनाएं इकट्ठा कर रहे थे, जिन्हें आईएसआई तक पहुंचाने की साजिश रची जा रही थी.
कोलकाता पुलिस ने दोनों आरोपियों को सोमवार को एक अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें 7 दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया गया. पुलिस अब यह पता लगा रही है कि इन दोनों की पहुंच किन सरकारी या सैन्य ठिकानों तक थी? क्या इनमें से कोई 'डीप कवर' एजेंट भी था? पूरे मामले की जांच बेहद गोपनीय ढंग से हो रही है. यह मामला सिर्फ जासूसी का नहीं, बल्कि बड़े साजिश की ओर इशारा करता है.
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