तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में एक रिटायर्ड इंजीनियरों को साइबरों ठगों ने चार करोड़ 67 लाख रुपये का चूना लगा दिया. इसको लेकर सिटी कमिश्नर अरुण के नेतृत्व में बनाई गई विशेष टीम ने ठगों के इस गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए 13 लोगों को गिरफ्तार किया है.
फोन कनेक्शन बंद होने के नाम पर कॉल
न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने बताया कि अभिरामपुरम में रहने वाले 72 साल के सेवानिवृत्त इंजीनियर को एक आईवीआर कॉल आई जिसमें कहा गया कि उनका मोबाइल फोन कनेक्शन दो घंटे में बंद हो जाएगा और अधिक जानकारी के लिए 09 दबाएं.
घबराए रिटायर्ड इंजीनियर ने 9 नंबर दबाया क्योंकि उसका फोन नंबर आधार, बैंक लेनदेन, एलपीजी कनेक्शन और बीमा से जुड़ा हुआ था. फिर कॉल करने वाले ने कहा कि उसके फोन नंबर और आधार नंबर का उपयोग करके कई बैंक खाते खोले गए हैं और हवाला के जरिए लेनदेन हुआ है और. ठग ने दावा किया कि उसके नाम पर मुंबई और दिल्ली साइबर थाने द्वारा मामला दर्ज किया गया है.
साइबरों ठगों ने किया डिजिटल अरेस्ट
इसके बाद उसका कॉल ट्रांसफर कर दिया गया और दूसरे ठग ने खुद को मुंबई पुलिस का अधिकारी बताते हुए उससे बात की और कहा कि उसके नाम पर एक पार्सल है जिसमें अवैध ड्रग्स, नकली पासपोर्ट, 257 एटीएम कार्ड, टाइगर की खाल है. सभी में उसका फोन नंबर और नाम जुड़ा हुआ है.
फिर ठगों द्वारा उसे कहा गया कि अगर वह दो घंटे के अंदर पूछताछ के लिए मुंबई साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन नहीं पहुंचा तो उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा. जब पूर्व इंजीनियर ने पूछा कि मामले से मुक्त होने के लिए उसे क्या करना पड़ेगा तो जालसाज ने दावा किया कि उसे एक वीडियो कॉल के माध्यम से सहयोग करना होगा.
अपने खाते में ट्रांसफर करवा लिए सभी पैसे
इसके बाद ठगों ने उन्हें डिजिटल अरेस्ट कर लिया और जांच के बहाने बैंक विवरण मांगे कि उन्हें अवैध लेनदेन के लिए सत्यापित किया जा जाएगा. उसे अपनी बचत को एक खाते में ट्रांसफर करने के लिए कहा और भरोसा दिया कि पैसा 30 मिनट में वापस कर दिया जाएगा. लेनदेन के बाद जब पैसा वापस नहीं आया तो बुजुर्ग को ठगे जाने का एहसास हुआ.
13 आरोपी गिरफ्तार
बुजुर्ग पूर्व इंजीनियर ने साइबर थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराई जिसके बाद विशेष टीम ने दो लोगों को दबोच लिया. पुलिस को ये भी जानकारी मिली की ठगे गए पैसों को हावाला के जरिए विदेश भेजा गया था और फिर BINANCE नाम के ट्रेडिंग ऐप के माध्यम से क्रिप्टो करेंसी के रूप में भारत में वापस आया था. स्पेशल टीम ने लीड मिलने के बाद इस मामले में कुल 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया और उनसे 53 लाख रुपये, सेल फोन, चेक बुक, एटीएम कार्ड, पासबुक और लैपटॉप बरामद किया है.
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