अंतरिक्ष पर कब्जे की हो सकती है जंग! दम दिखा रेस में शामिल हुआ भारत

Mission Shakti Space Satellite अब ज़मीन और आसमान के बाद अंतरिक्ष में भी भारत सुरक्षित है. अब देश में कोई नापाक सैटेलाइट नहीं घुस पाएगी. अब अंतरिक्ष में भी भारत ने 'सर्जिकल स्ट्राइक' कर दी है.

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भारत ने ये कारनामा उपग्रह रोधी मिसाइल सिस्टम यानी ASAT की मदद से किया है भारत ने ये कारनामा उपग्रह रोधी मिसाइल सिस्टम यानी ASAT की मदद से किया है

परवेज़ सागर

  • नई दिल्ली,
  • 28 मार्च 2019,
  • अपडेटेड 11:18 AM IST

स्पेस यानी अंतरिक्ष. पर अंतरिक्ष है क्या? कहां पर है? पृथ्वी या धरती से कितनी दूर. अंतरिक्ष किसकी मिलकियत है? अंतरिक्ष पर इंसान क्यो पहुंचा? अंतरिक्ष में घूमते सैटेलाइट क्या करते हैं? क्या दुनिया की तरह अंतरिक्ष पर कब्जे को लेकर भी जंग हो सकती है? अगर नहीं अंतरिक्ष में मिसाइल भेजने की क्या जरूरत? ये तमाम सवाल आज इसलिए क्योंकि भारत ने 27 मार्च की सुबुह पृथ्वी से करीब 300 किलोमीटर ऊंचाई पर एंटी सैटेलाइट मिसाइल से एक सैटेलाइट को मार गिराया है. हालांकि जिसे मार गिराया गया वो सैटेलाइट भी अपना ही था. तो आइए आज वारदात में आपको पृथ्वी से 100 किलोमीटर ऊंचाई पर स्पेस यानी अंतरिक्ष में लिए चलते हैं.

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तो अब ज़मीन और आसमान के बाद अंतरिक्ष में भी भारत सुरक्षित है. अब देश में कोई नापाक सैटेलाइट नहीं घुस पाएगी. अब अंतरिक्ष में भी भारत ने 'सर्जिकल स्ट्राइक' कर दी है. दुनिया में जो भी बड़े देश हैं, उन्होंने अपने अपने देशों को जल, थल और वायु के अलावा अंतरिक्ष में भी महफूज़ कर रखा है. अब भारत भी उन चुनिंदा महाशक्तियों में शामिल हो गया है. जिनके पास उपग्रह रोधी मिसाइल सिस्टम यानी ASAT है. भारतीय स्पेस एजेंसी डीआरडीओ ने अंतरिक्ष में ASAT सिस्टम का सफल परीक्षण करते हुए अंतरिक्ष में 300 किलोमीटर घुस कर एक लाइव सेटेलाइट को मार गिराया है.

हालांकि इसके आगे जो कुछ भी राष्ट्र के नाम संबोधन में पीएम मोदी ने कहा. सच्चाई ये है कि वो ज़्यादातर लोगों के पल्ले नहीं पड़ा. मगर प्रधानमंत्री की बातों का लब्बोलुआब ये था कि अब अंतरिक्ष से भी देश को खतरा नहीं है. लिहाज़ा बात आगे बढ़ाने से पहले ये समझ लेना ज़रूरी है कि पीएम मोदी जिस एंटी सेटेलाइट मासाइल की बात कर रहे हैं वो आखिर है क्या.

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एंटी सेटेलाइट मिसाइल खासतौर पर सैन्य मकसद से अंतरिक्ष में सैटेलाइट्स को तबाह करने में इस्तेमाल किया जाता है. इस तकनीक को A-SAT सिस्टम कहते हैं. ये एक ऐसी मिसाइल होती है जो हवा में घूमती हुई किसी भी सैटेलाइट को आसानी से निशाना बना सकती है. एक तरह से ये अंतरिक्ष में जौहर दिखाने वाला हथियार है. अभी तक ऐसी तकनीक सिर्फ अमेरिका, चीन और रूस के पास थी. लेकिन अब भारत भी ए-सैट मिसाइल से लैस देश बन चुका है.

ए-सैट मिसाइल जंग जैसी हालात में दुश्मन की किसी भी सैटेलाइट को तबाह कर सकता है. हालांकि अभी तक दुनिया के सामने ऐसे हालात नहीं बने हैं. जब इस खास हथियार का इस्तेमाल किया गया हो. अलग अलग देशों ने इसमें अपनी कूव्वत दिखाने के लिए अपने खुद के सैटेलाइट को ही मार गिराया है. इन देशों में भारत से पहले अमेरिका, रूस और चीन शामिल हैं. भारत ने भी इस परीक्षण के लिए अपने ही पुराने सैटेलाइट को मार गिराया है. ऐसा करने के लिए भारतीय वैज्ञानिकों को सिर्फ 3 मिनट का वक्त लगा. जिस सेटेलाइट को मार गिराया गया वो लो-अर्थ ऑर्बिट में थी.

अब आपके ज़हन में सवाल उठ रहा होगा कि ये 'लो-अर्थ ऑर्बिट' क्या होता है. ये आपको बताएंगे मगर उससे पहले ये समझ लीजिए कि दुनिया के अलग अलग देश अलग अलग मक़सद के लिए अंतरिक्ष में अपने सेटेलाइट भेजते हैं. जिससे मोबाइल, रेडियो और टीवी सिगनल को भेजा और रिसीव किया जाता है. इसे दूसरे देशों पर निगरानी के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है. ये सेटेलाइट अमूमन लो-अर्थ ऑर्बिट में मौजूद होती हैं. लो-अर्थ ऑर्बिट यानी पृथ्वी की निचली कक्षा. इसको ऐसे समझिए कि ये पृथ्वी से 100 किमी से लेकर 2 हजार किलोमीटर के बीच की ऊंचाई का एरिया है. और जब यहां कोई सेटेलाइट स्थापित की जाती है, जो उसे लो-अर्थ ऑर्बिट एरिया कहा जाता है.

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भारत ने मिसाइल से जिस सेटेलाइट को निशाना बनाया वो मिसाइल से करीब 300 किलोमीटर की दूरी पर थी. सबसे दिलचस्प बात ये है कि ये सेटेलाइट ऑर्बिट में घूमती हुई अवस्था में मारी गई. अंतरिक्ष में ऐसी अनोखी ताकत को हासिल करने वालों में शुरूआती कोशिश अमेरिका और रूस ने की थी. क्योंकि उससे पहले ज़मीन से लॉन्च होने वाली मिसाइलों के ज़रिए उपग्रहों को निशाना बनाया जाता था. लेकिन सबसे पहले रूस ने अंतरिक्ष में सैटेलाइट को मार गिराने की ताकत का प्रदर्शन किया. जिसके बाद अमेरिका ने भी ये कारनामा कर दिखाया.

A-SAT सिस्टम दरअसल एक टू स्टेज मिसाइल होती है. जिसके ऊपर एमएचवी यानी मिनिएचर होमिंग वीइकल लगा होता है. मिसाइल से अलग होने के बाद ये एमएचवी सेटेलाइट से सीधे टकराकर उसे नष्ट कर देता है. साथी ही इसका दूसरा फायदा ये होगा कि देश की तरफ आनी वाली किसी भी मिसाइल को भारत पहले ही भांप कर उसे देश की वाय़ु सीमा में घुसने से पहले ही मार गिरा सकता है. कुल मिलाकर भारत को अपने पड़ोसी मुल्कों से मिसाइल हमले का जो खतरा बना रहता था. उसका भी तोड़ देश के वैज्ञानिकों ने निकाल लिया है. इसलिए अब अंतरिक्ष में भी भारत सुरक्षित हो गया है.

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