बिहार में कोरोना संक्रमण ने पैर फैलाना शुरू कर दिए हैं. देश के साथ ही राज्य में कोरोना संक्रमण के आंकड़े तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. वहीं राजधानी पटना में भी संक्रमण तेजी से फैल रहा है. ऐसे में हॉस्पिटल मरीजों से भरे हुए हैं, तो वहीं ऑक्सीजन की कमी की समस्या भी सामने आ रही है. इस बड़ी समस्या पर पटना हाई कोर्ट ने संज्ञान लिया है.
पटना हाई कोर्ट ने स्पष्ट कहा है कि ऐसे अस्पताल जिन्हें कोरोना मरीजों का इलाज करने के लिए अनुमति दी गई है या फिर ऐसे अस्पताल जो कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे हैं, उन्हें यदि ऑक्सीजन की सप्लाई में किसी भी प्रकार की समस्या आती है, तो वे हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को सीधे ईमेल कर सकते हैं. इतना ही नहीं पटना हाई कोर्ट ने इसके लिए रजिस्ट्रार जनरल का ईमेल आईडी भी जारी कर दिया है.
बता दें बिहार में कोरोना का प्रकोप हर दिन बढ़ता जा रहा है. बिहार सरकार की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक बीते 24 घंटे में कोरोना के 11801 नए मामले सामने आए हैं, जिसके बाद बिहार में कुल एक्टिव कोरोना मरीजों की संख्या 89660 तक पहुंच गई है. अगर यही रफ्तार रही तो अगले 24 घंटों में ये आंकड़ा एक लाख के पार पहुंच जाएगा. बिहार में कोरोना से अब तक 2222 लोगों की मौत हो चुकी है. बीते 24 घंटे में 67 लोगों ने कोरोना के चलते जान गंवाई है. सूबे में रिकवरी रेट 77.88 फीसदी है.
एक तरफ बिहार में कोरोना संक्रमण को लेकर सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उच्च स्तरीय बैठक की और कोरोना का इलाज कर रहे सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में बेड की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया. वहीं दूसरी ओर लगातार बढ़ रहे कोरोना मरीजों की वजह से अस्पतालों में बेड के लिए भी किल्लत अभी भी जारी है. मरीजों को जरूरी दवाइयां नहीं मिल रही और अस्पतालों से ऑक्सीजन की कमी की शिकायतें मिल रही हैं.
उत्कर्ष कुमार सिंह