भारत में कोरोना के कुल केस 4 करोड़ के करीब, देखिए तीन लहरों में कब कितनी मची तबाही

Coronavirus in India: देश में कोरोना की तीसरी लहर चरम पर है. तीसरी लहर में अब तक 50 लाख से ज्यादा नए मरीज सामने आ गए हैं. हालांकि, राहत की बात ये है कि मौतों की संख्या दूसरी लहर और पहली लहर की तुलना में कम है.

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तीसरी लहर में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. (फाइल फोटो-PTI) तीसरी लहर में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. (फाइल फोटो-PTI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 26 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 8:20 AM IST
  • तीसरी लहर में मौतों की संख्या कम
  • दूसरी लहर सबसे ज्यादा जानलेवा थी

Coronavirus in India: देश में 27 दिसंबर से शुरू हुई कोरोना की तीसरी लहर चरम पर हैं. अब तक कुल 50 लाख से ज्यादा नए मरीज मिल चुके हैं. हालांकि, राहत की बात ये है कि पहली और दूसरी लहर की तुलना में तीसरी लहर में मौतों की संख्या कम है. इसे ही तीसरी लहर की सबसे बड़ी राहत के तौर पर देखा जा रहा है. क्योंकि इससे पहले जो दूसरी लहर देखी थी, वो सबसे जानलेवा थी.

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तीन लहरों में कितनी मची तबाही?

- पहली लहर : देश में कोरोना का पहला केस 30 जनवरी 2020 को केरल में सामने आया था. पहली लहर का पीक 17 सितंबर 2020 को आया था. उस दिन करीब 98 हजार केस सामने आए थे. 10 फरवरी 2021 से पहली लहर कमजोर हुई और मामले कम होने लगे. पहली लहर करीब 377 दिन तक चली थी. इस दौरान 1.08 करोड़ मामले सामने आए थे और 1.55 लाख मौतें हुई थीं. हर दिन औसतन 412 मौतें हुईं.

- दूसरी लहर : मार्च 2021 से ही संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ने लगे. अप्रैल और मई में दूसरी लहर अपने चरम पर थी. 1 अप्रैल से 31 मई यानी 61 दिन तक कोरोना की दूसरी लहर ने जमकर तबाही मचाई. इस दौरान 1.60 करोड़ नए मरीज मिले. 1.69 लाख लोगों की मौत हुई. यानी हर दिन औसतन 2,769 मरीजों की मौत हुई.

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- तीसरी लहर : ओमिक्रॉन की वजह से देश में तीसरी लहर की शुरुआत हुई. 27 दिसंबर 2021 से तीसरी लहर शुरू हुई. अब तक तीसरी लहर को भारत में 29 दिन हो चुके हैं. इस दौरान 50.05 लाख नए मरीज मिल चुके हैं. जबकि, 10 हजार 465 लोगों की मौत हुई है. तीसरी लहर में मृत्यु दर 0.2% है.

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भारत में आने वाला है कोरोना का पीक

- आईआईटी मद्रास के विश्लेषकों ने अपनी स्टडी में दावा किया है कि भारत में जल्द ही कोरोना का पीक आने वाला है. स्टडी के मुताबिक, भारत में आर-वैल्यू कम हो रही है. आर-वैल्यू से पता चलता है कि एक संक्रमित व्यक्ति कितनों को संक्रमित कर रहा है. आईआईटी मद्रास की स्टडी के मुताबिक, 6 फरवरी तक पीक आने की संभावना है.

- इससे पहले आईसीएमआर के टॉप साइंटिस्ट डॉ. समीरन पांडा ने बताया था कि 11 मार्च तक कोरोना एंडेमिक फेज में चला जाएगा. डॉ. पांडा ने कहा कि अगर कोई नया वैरिएंट नहीं आया तो इस साल 11 मार्च तक कोरोना एंडेमिक फेज में चला जाएगा. तब तक भारत में कोरोना के मरीज मिलने लगभग बंद हो जाएंगे.

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