होली पर 25,000 करोड़ का कारोबार होता है, इस बार कोरोना के कारण प्रभावित

कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य सरकारों ने सार्वजनिक जगहों पर होली मनाने पर रोक लगा दी है. इससे लोग होली की खरीदारी भी नहीं कर रहे हैं. जिसका सीधा-सीधा असर कारोबार पर पड़ रहा है.

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दिल्ली समेत कई राज्यों ने सार्वजनिक जगहों पर होली मनाने पर रोक लगा दी है. (फाइल फोटो-PTI) दिल्ली समेत कई राज्यों ने सार्वजनिक जगहों पर होली मनाने पर रोक लगा दी है. (फाइल फोटो-PTI)

राम किंकर सिंह

  • नई दिल्ली.,
  • 25 मार्च 2021,
  • अपडेटेड 12:33 AM IST
  • सार्वजनिक जगहों पर होली मनाने की पाबंदी
  • होली पर रोक का असर कारोबारियों पर
  • दिल्ली में ही होली पर 1500 करोड़ का कारोबार होता है

कई त्योहारों पर खलल डालने के बाद कोरोना अब रंगों के त्योहार होली को भी बेरंग करने जा रहा है. बीते कुछ दिनों से कई राज्यों में कोरोना के नए मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है, जिसके बाद होली का जश्न मनाने को लेकर सरकारों ने पाबंदियां लगा दी हैं. राजधानी दिल्ली में सार्वजनिक जगहों पर होली मनाने पर रोक है. वहीं कुछ जगहों पर तो लॉकडाउन भी लगा दिया गया है. पहले दिवाली और अब होली पर पाबंदी. इससे कारोबारियों पर गहरा असर पड़ रहा है. 

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हर साल चीन से होली पर करीब 10 हजार करोड़ का सामान होली के रंग और खिलौनों के रूप में भारत में बिकने के लिए इंपोर्ट किया जाता था. लेकिन इस बार व्यापारियों ने चीनी सामान की जगह देसी सामान को ही तवज्जो दी. तैयारियां भी कर रखी थीं. पर दिल्ली सरकार समेत सभी राज्यों में होली पर जारी किए गए निर्देशों के बाद देशभर के व्यापारी चिंता में हैं. और होली के सामान का कारोबार करने वाले कारोबारियों के यहां स्टॉक का बड़ा अम्बार लग गया है. कारोबारियों को चिंता है कि जब लोग बाहर ही नहीं निकलेंगे और होली ही नहीं मनाएंगे, तो उनका सामान कौन खरीदेगा.

कोरोना के मामले तेजी से बढ़ने के बाद केंद्र सरकार ने भी त्योहारी सीजन में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को संक्रमण रोकने के लिए पर्याप्त उपाय करने को कहा है. इसी कारण सभी राज्य होली के दौरान भीड़ इकट्ठी न करने पर तो रोक लगा चुके हैं या लगाने की तैयारी में हैं.

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कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि होली पर सामूहिक सभाओं, होली मिलन समारोह और गली-नुक्कड़ों में जमा होकर जश्न मनाने की प्रथा सदियों से चली आ रही है. ऐसे कार्यक्रमों से भी छोटे व्यापारियों को अच्छा मुनाफा होता रहा है, लेकिन अब इस पर पाबंदी लग गई है.

अकेले दिल्ली में ही होली के मौके पर तकरीबन 3000 छोटे-बड़े आयोजन होते रहे हैं. देश भर में तो ऐसे छोटे-बड़े समारोह की संख्या लगभग 40 हजार के आस पास होती है, पर अब न तो होली का हुल्लड़ होगा और न ही रंगों की मस्ती. इसके अलावा इस साल जब कोई सामाजिक कार्यक्रम ही नहीं होगा तो लोग घरों में ही रहना पसंद करेंगे. यही कारण है कि होली के एक हफ्ते पहले होने वाली खरीदारी में गिरावट है और बाजार सुनसान पड़े हैं.

उन्होंने बताया कि इस साल रंग, गुलाल और होली के खिलौनों की खरीद फरोख्त में तो दुकानदारों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है. साथ ही मिठाई, नमकीन, हर्बल गुलाल, फूल और पूजा की सामग्री की खरीदारी होने की उम्मीद भी न के बराबर है.

दिल्ली सरकार ने गाइडलाइंस में भी साफ-साफ इस साल होली पर किसी भी प्रकार के सामाजिक जलसे या समारोह का आयोजन करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने भी मंगलवार को आदेश दिया कि होली, शब-ए-बारात, नवरात्रि आदि अवसरों पर शहर में कोई सार्वजनिक उत्सव नहीं होगा. वहीं केंद्र सरकार की सलाह के बाद कई राज्यों में भी कोविड गाइडलाइन जारी कर दी गई हैं जिसका कारोबार पर सीधा असर पड़ेगा. 

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कोरोना मामलों में तेजी के कारण इस साल लोगों ने भी घर पर ही होली मनाने का मन बना लिया है जिसके कारण होली की खरीदारी में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली है. एक अनुमान के मुताबिक, होली पर देश भर में करीब 25 हजार करोड़ रुपए का कारोबार होता रहा है. जिसमें अकेले दिल्ली में ही लगभग 1500 करोड़ का कारोबार होता है. पर इस साल ये व्यापार बुरी तरह प्रभावित होने वाला है. जिससे व्यापारियों के चेहरों पर साफ मायूसी देखने को मिल रही है.

 

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