पंजाब के मुख्यमंत्री के शहर पटियाला में एक ऐसा गांव है जिसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कोरोना वायरस को लेकर किए गए लॉकडाउन से पहले ही 21 तारीख को ही खुद को लॉकडाउन कर लिया था. इस गांव का नाम है आगेता.
इस लॉकडाउन के लिए केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गांव वालों की सराहना की. इस गांव की देखा-देखी पंजाब के अन्य गांव भी लॉकडाउन होना शुरू हो गए थे.
यह गांव पटियाला शहर के नाभा ब्लॉक में पड़ता है. कुल 750 की आबादी वाले इस गांव में तीन एंट्री प्वाइंट्स हैं और तीनों को बेरिकेड लगाकर बंद किया गया है. हर एंट्री पर गांव वाले बारी- बारी से पहरा देते हैं और हर एंट्री पर एक-दो महिलाएं भी मौजूद रहती हैं.
यह लोग बाहर से किसी को भी न तो अंदर आने देते हैं और न ही बिना किसी इमरजेंसी या जरूरी काम के किसी गांव वाले को बाहर जाने देते हैं.
अभी तक आगेता गांव के लोगों ने बाहर से किसी भी तरह की खाने-पीने की या कोई दूसरी मदद नहीं ली है. 21 तारीख से लेकर अब तक यह लोग सभी जरूरी सामान की आपूर्ति गांव से ही कर रहे थे लेकिन अब गांव के अंदर राशन और सब्जियां खत्म होने को हैं.
अब इन लोगों की सरकार से यह गुहार है कि आए दिन हमारे गांव की प्रशंसा कोई न कोई करता रहता है. पटियाला की सांसद परनीत कौर ने भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गांव की सरपंच को इनके काम की बहुत प्रशंसा की थी. लेकिन अब इनका सरकार से कहना है कि हमें राशन और मेडिकल सुविधा मुहैया करवाईं जाएं ताकि आने वाले समय में गांव वालों को इस लॉकडाउन का पालन करते हुए कहीं बाहर जाना न पड़े.
इन लोगों का यह कहना है कि अभी तक कई सरकारी अधिकारी और कई मंत्री भी यहां आकर गए लेकिन किसी ने भी हमें राशन या दवाइयों की आपूर्ति के लिए कोई भी आश्वासन नहीं दिया.
.