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कोरोना

लॉकडाउन: गोद में बच्चे-सिर पर बैग, 25 हजार मजदूरों से पट गई सड़क

सुधीर कुमार जैन
  • 31 मार्च 2020,
  • अपडेटेड 7:39 PM IST
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कोरोना वायरस की वजह से पूरे देश में लॉकडाउन है जिस वजह से मजदूरों का काम खत्म हो गया है. अब वे बड़ी संख्या में वापस अपने गांव लौट रहे हैं. ऐसा ही एक जत्था दिल्ली, हरियाणा, पंजाब से मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले में सोमवार को आया जिसमें 25 हजार मजदूर थे.

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इन मजदूरों की स्क्रीनिंग करने के लिए शहर से बाहर 10 चेकपोस्ट बनाए गए हैं जहां डॉक्टरों की टीम चेकअप कर रही है. साथ ही मजदूरों का नाम, पता, मोबाइल नंबर भी नोट कर उन्हें उनके निवास स्थान पर छोड़ा जा रहा है.

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टीकमगढ़ जिले के मुख्य कार्यपालन अधिकारी हर्षिल पंचोली ने बताया कि पिछले दिनों में दिल्ली, हरियाणा, पंजाब से लगभग 25 हजार से ज्यादा मजदूर आ चुके हैं जिनका जिले में बने 10 चेकपोस्टों पर चेकअप कर उनके गांव छोड़ा जा रहा है.

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गांव में एएनएम, आशा वर्कर से डोर-टू-डोर सर्वे करवा रहे हैं और उनका चेकअप कर उन्हें गांव में रखा जा रहा है. जिन्हें सर्दी, खांसी, बुखार है उन्हें क्वारनटीन के लिए गांव के ही पास स्कूल में रखा जा रहा है.

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मजदूरी कर लौट रहे मजदूरों ने बताया कि वे अपनी गृहस्थी का सारा सामान वहीं दिल्ली में छोड़ आए हैं. खाली एक जोड़ी कपड़े रख कर पैदल चलकर आए हैं. बच्चे भी भूख-प्यास से परेशान हैं. रास्ते में कोई व्यवस्था नहीं है. खाने-पीने का सामान नहीं मिल रहा है. सब जगह बाजार बंद है जिससे बच्चे रो रहे हैं.

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बच्चों के हालात बताते हुए मजदूरों ने कहा कि बच्चों की चलते-चलते चप्पल टूट चुकी हैं. नंगे पैर ही रोड पर धूप में चल रहे हैं. भूखे बच्चों को नहीं पता कि कौन सी बीमारी फैली है. वहीं, अकेले बच्चे भूख से रोने लगते हैं तो वहीं चार-पांच बच्चे जुड़ते हैं तो खेलने लगते हैं.

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इस तरह दिल्ली से घर लौटे अपने गांव जाने के लिए मजदूर अब उन वाहनों का इंतजार कर रहे हैं जिनसे वह अपने गांव में जा सकें.

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