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कोरोना

भारत-पाक सीमा के अंतिम गांवों में राशन खत्म, मदद को उतरी BSF

दिनेश कुमार
  • 10 अप्रैल 2020,
  • अपडेटेड 5:43 PM IST
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राजस्थान में भारत-पाकिस्तान बॉर्डर के अंतिम गांव लॉकडाउन से बुरी तरह प्रभावित हो रहे थे. ऐसे में बीएसएफ (बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स) के जवान गांव वालों की मदद के लिए आगे आए हैं. सीमा पर लगे गांव के लोग भी सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए कोरोना से सुरक्षा के लिए जारी निर्देशों का पूरी तरह पालन कर रहे हैं.

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राज्य में लॉकडाउन लागू हुए गुरुवार को 19 दिन पूरे हो चुके हैं. बॉर्डर पर देश की सीमाओं की रक्षा करने वाले जवान अब इस महामारी में भी भारत-पाक सीमा से सटे गांवो में खाद्य सामग्री पहुंचा रहे हैं जो काबिले तारीफ है. पूरे देश में लॉकडाउन 25 मार्च से शुरू हुआ था लेकिन राजस्थान में लॉकडाउन 22 मार्च से ही शुरू हो गया था.

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भारत और पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध में इन गांवों में रहने वाले लोगों ने सेना के जवानों के साथ कंधे से कंधे मिलाकर युद्ध लड़ने में सेना की मदद की थी. अब BSF की अलग-अलग बटालियन दर्जनों गांवों में जरूरतमंदो को खाद्य सामग्री बांटकर उनकी मदद कर रही हैं. ऐसा करते हुए सोशल डिस्टेंसिंग का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है.

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बीएसएफ के एक जवान ने बताया कि संपूर्ण विश्व कोरोना महामारी से लड़ रहा है और संपूर्ण भारत में लॉकडाउन कर दिया गया है. भारत की केंद्र, राज्य सरकारें, संस्थाएं, संगठन, हर व्यक्ति जरूरतमंदो की मदद करते हुए खाद्य सामग्री और अन्य वस्तुएं पहुंचा रहे हैं. सीमा सुरक्षा बल ने भी सीमा से सटे गांव में जुम्मे की बस्ती, अकली सहित दर्जनों गांव में खाद्य सामग्री दी है. उन्होंने कहा कि हमारा फर्ज भी बनता है कि इस विकट हालात में जरूरतमंदो की सहायता करें.

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बता दें कि राजस्थान के बाड़मेर जिले में भारत-पाकिस्तान की 270 किलोमीटर लंबी सीमा मिलती है. यहां बसे गांवों में वैसे ही गरीबी का आलम रहता है. लॉकडाउन के बाद यहां किराने की दुकानों का सामान भी खत्म हो गया और लाने की कोई व्यवस्था भी नहीं है. ऐसे में सीमा पर लगे बीएसएफ जवानों ने गांव वालों को राशन पहुंचाने का बीड़ा उठाया है. 
 

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