RBI Repo Rate: आज बड़ा ऐलान... घटेगी आपके Loan की EMI या बढ़ेगा बोझ, कुछ देर में चलेगा पता

RBI MPC Result Day: भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा बस कुछ देर बाद सुबह 10 बजे एमपीसी बैठक में लिए गए फैसलों के बारे में ऐलान करेंगे. Repo Rate को लेकर लिया गया फैसला आपके लोन की ईएमआई पर सीधा असर डालेगा.

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आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा करेंगे रेपो रेट को लेकर बड़ा ऐलान (Photo: PTI/Shashank Parade) आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा करेंगे रेपो रेट को लेकर बड़ा ऐलान (Photo: PTI/Shashank Parade)

आजतक बिजनेस डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 06 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 11:31 AM IST

होम लोन लिया है या फिर ऑटो लोन... आज का दिन Loan लेने वालों के लिए खास है, क्योंकि बस कुछ देर में ही भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) मीटिंग के नतीजे आने वाले हैं. रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा रेपो रेट (Repo Rate) पर बड़ा ऐलान करते हुए बताएंगे कि आपके लोन की ईएमआई (Loan EMI) घटेगी या फिर बढ़ जाएगा बोझ. केंद्रीय बैंक ने लगातार तीन बैठकों में रेपो रेट कट का तोहफा दिया है और अब ये घटकर 5.50 फीसदी पर आ गया है. 

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मिल सकता है 25% रेपो रेट कट का तोहफा! 
साल 2025 लोन लेने वाले ग्राहकों के लिए खासा फायदेमंद साबित हुए है, क्योंकि एक-दो बार नहीं, बल्कि लगातार तीन बार RBI ने उन्हें Repo Rate Cut का तोहफा दिया है. फरवरी और अप्रैल में हुई बैठक के बाद जहां 25-25 फीसदी की कटौती की गई थी, तो बीते जून महीने में तो रिजर्व बैंक ने रेपो रेट 50 बेसिस पॉइंट घटाकर इसे 5.50 फीसदी पर ला दिया. आज आने वाले MPC Results से इससे भी तमाम रिपोर्ट्स में ब्याज दरों में कमी की उम्मीद जताई जा रही है और कहा जा रहा है Loan लेने वाले ग्राहकों के 25% कटौती का एक और तोहफा दिया जा सकता है. 

ये अनुमान एमपीसी बैठक के नतीजों से ठीक पहले स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने जताया है. एसबीआई की ईकोरैप रिसर्च रिपोर्ट में कहा गया है कि 25 फीसदी रेपो रेट कट का ये फैसला दरअसल, दिवाली (Diwali 2025) से पहले कर्ज वितरण में इजाफा करने के साथ ही इकोनॉमिक एक्टिविटीज में तेजी लाने के लिए उठाया जा सकता है. हालांकि, कई एक्सपर्ट्स का ये भी मानना है कि लगातार कटौतियों के बाद अब केंद्रीय बैंक इन्हें यथावत भी रख सकता है.

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सुबह 10 बजे RBI गवर्नर करेंगे बड़ा ऐलान
आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा (Sanjay Malhotra) बुधवार की सुबह 10 बजे रिजर्व बैंक एमपीसी बैठक के नतीजों का ऐलान करेंगे और इसमें लिए गए बड़े फैसलों के बारे में बताएंगे. अगस्त की MPC Meet इसलिए भी खास है, क्योंकि ये ऐसे समय में आयोजित की जा रही है, जबकि भारत और अमेरिका आमने सामना हैं. India-US Trade Deal अभी नहीं हो सकी है और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) भारत पर 25% का हाई टैरिफ लगाने बाद लगातार नई धमकियां (Trump Warns India) देते जा रहे हैं. 

Repo Rate को ऐसे समझें
यहां ये जान लेना जरूरी है कि आखिर ये रेपो रेट होता क्या है और कैसे ये सीधे आपके लोन की ईएमआई को प्रभावित करता है. तो बता दें कि Repo Rate वह ब्याज दर है, जिस पर RBI देश के तमाम बैंकों को कर्ज देता है और इसमें उतार-चढ़ाव सीधे लोन लेने वाले ग्राहकों पर असर डालता है. क्योंकि जब रिजर्व बैंक इस रेपो रेट को घटाने का फैसला करता है यानी Repo Rate Cut करता है, तो बैंकों को सस्ता लोन मिलता है और वे Home Loan, Auto Loan और पर्सनल लोन लेने वाले ग्राहकों को भी ब्याज दरें कम करते हुए तोहफा देते हैं. 

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महंगाई का रेपो रेट से कनेक्शन
किसी भी देश में जब महंगाई बढती है, तो वहां का केंद्रीय बैंक रेपो रेट या नीतिगत ब्याज दरों को एक हथियार के रूप में इस्तेमाल करता है और इसके जरिए Inflation को कंट्रोल में लाने का प्रयास करता है. इसका सीधा प्रोसेस है, जब महंगाई चरम पर पहुंचती है, तो अर्थव्यवस्था में मनी फ्लो कम करने की कोशिश करते हुए रेपो रेट बढ़ा देते हैं, जिससे बैंकों को मिलने वाला कर्ज महंगा होता है और ग्राहकों के लिए भी ये महंगा हो जाता है. मनी फ्लो घटने से डिमांड घटती है और महंगाई में कमी देखने को मिलती है.

ठीक यही तरीका मनी फ्लो को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. फिलहाल, की बात करें, तो भारत में खुदरा महंगाई दर (Retail Inflation) रिजर्व बैंक के तय दायरे 2%–6% के बीच बनी हुई है. यही कारण है कि तमाम एक्सपर्ट्स एक और कटौती की भी उम्मीद जता रहे हैं. 

खुदरा महंगाई 5 साल के निचले स्तर पर
जुलाई महीने में फूड प्रोडक्ट्स के रेट घटने की वजह से खुदरा महंगाई दर (Retail Inflation Rate) में बड़ी गिरावट दर्ज की गई थी. July CPI Data देखें, तो सरकार ने बताया था कि ये सालाना आधार पर घटकर 3.54% पर आ गई है. इससे पहले जून महीने में महंगाई दर 5.08% रही थी. जुलाई में खुदरा महंगाई दर का ये आंकड़ा बीते 59 महीने यानी लगभग 5 साल में सबसे कम है. बता दें कि इससे पहले, खुदरा महंगाई दर सितंबर- 2019 में 4 फीसदी से नीचे रही थी.

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