भारतीय शेयर बाजार (Share Market) ने आज एक इतिहास रच दिया है. कुछ महीने पहले तक निफ्टी के लिए 25000 अंक एक बड़ी मंजिल थी, पिछले दिनों कारोबार के दौरान के कई दिन निफ्टी ने 25000 अंक को पार किया था. लेकिन क्लोजिंग के वक्त निफ्टी 25000 अंक से नीचे लुढ़क जाता था.
लेकिन गुरुवार को निफ्टी ने उस बैरिकेड को तोड़ दिया, और कारोबार के अंत में निफ्टी 59 अंक चढ़कर 25,010.90 पर बंद हुआ. साइक्लोजिकल तौर पर 25 हजार के ऊपर बंद होना बाजार के लिए अच्छा संकेत माना जा रहा है. वहीं, सेंसेक्स 126.21 अंक मजबूत होकर रिकॉर्ड 81,867.55 अंक पर बंद हुआ.
निफ्टी ने रचा इतिहास
बता दें, बुधवार को सेंसेक्स (Sensex) 285.94 अंक या 0.35 फीसद बढ़कर 81,741.34 पर बंद हुआ था, जबकि निफ्टी 93.85 अंक या 0.38 फीसद बढ़कर 24,951.15 पर बंद हुआ था. सबकी नजर इसपर थी, कि किस दिन निफ्टी 25 हजार से ऊपर बंद होगा.
इस एतिहासिक क्लोजिंग के पीछे कुछ बड़े शेयरों ने बड़ी भूमिका निभाई है, निफ्टी-50 में शामिल पावर ग्रिड में 3.63 फीसदी की तेजी, कोल इंडिया में 3.48 फीसदी, ONGC में 3.41 फीसदी और अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर में 1.57 फीसदी की तेजी दर्ज की गई.
वहीं OIL के शेयर 3.76 फीसदी की तेजी और अजंता फॉर्मा के शेयर में 3.42 फीसदी की तेजी देखी गई, वहीं स्मॉलकैप कैटेगरी में FSL के शेयर में 10 फीसदी, पावर इंडिया के शेयर में 6.83 फीसदी की तेजी दर्ज की गई. वहीं गिरने वालों के शेयरों में Sona Software के शेयर में 10 फीसदी, ACC के शेयर में करीब 4 फीसदी की गिरावट देखी गई.
निफ्टी का इतिहास
गौरतलब है कि निफ्टी (Nifty) में पिछले एक साल के दौरान 27 फीसदी की तेजी आई है. वहीं 5 साल में 127.43 फीसदी की तेजी आई है, यानी 5 साल में इंडेक्स डबल हो गया है.
अगर निफ्टी के इतिहास पर नजर डालें तो साल 1999 में करीब 900 अंक पर था, वहीं साल 2010 में 6000 अंक के करीब था, जबकि 2020 में निफ्टी 12000 अंक के करीब था. वहीं कोरोना काल के निफ्टी गिरकर 7600 अंक पर पहुंच गया था, और पिछले 4 साल में निफ्टी इस स्तर से एतिहासिक 25 हजार अंक तक पहुंच गया है. इस दौरान निफ्टी में तिगुनी से ज्यादा तेजी देखी गई.
aajtak.in