Indian Railway Rules: क्या ट्रेन में अचानक मौत से मिलता है मुआवजा? जानिए रेलवे का एक-एक नियम

अक्‍सर लोगों के सवाल रहते हैं कि अगर ट्रेन हादसा (Train Accident) नहीं हुआ है, लेकिन किसी व्यक्ति की ट्रेन में सफर करते हुए मौत हो जाए, तब क्या उस शख्स को मुआवजा दिया जाता है?

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aajtak.in

  • नई दिल्‍ली ,
  • 09 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 1:05 PM IST

भारतीय रेलवे से हर दिन लाखों लोग ट्रेन से सफर करते हैं, क्‍योंकि ट्रेन से सफर करना सबसे ज्‍यादा आरामदायक, सुरक्षित और सस्‍ता माना जाता है. इसके अलावा, कई और कारण है, जिससे लोग लंबी दूरी के लिए रेलवे की मदद लेते हैं. भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने ट्रेन से सफर करने वाले लोगों के लिए कुछ नियम भी बनाए हैं, ताकि सफर के दौरान यात्रियों को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े. रेलवे से जुड़े कई नियमों (Train Journey Rules) के बारे में बहुत से लोगों जानकारी भी नहीं होती है. ऐसा ही नियम ट्रेन हादसा और सफर के दौरान मौत से भी जुड़ा हुआ है. 

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अक्‍सर लोगों के सवाल रहते हैं कि अगर ट्रेन हादसा (Train Accident) नहीं हुआ है, लेकिन किसी व्यक्ति की ट्रेन में सफर के दौरान मौत हो जाए, तब क्या उस शख्स को मुआवजा मिलता है? अगर आपका भी ऐसा ही कोई सवाल है तो आइए जानते हैं इसके बारे में पूरी डिटेल. 

हादसे पर मिलता है मुआवजा 
भारतीय रेल परिवहन विभाग के नियम के मुताबिक, अगर ट्रेन के अंदर किसी व्यक्ति की मौत रेलवे के कारण होती है, तो भारतीय रेलवे (Indian Railways) उसे इसके लिए मुआवजा देता है. लेकिन अगर किसी भी बीमारी या दूसरी किसी वजह से उसकी मौत ट्रेन में बैठे बिठाए हो जाती है, तो भारतीय रेलवे की तरफ से इसके लिए कोई मुआवजा नहीं दिया जाता है. 

चढ़ते-उतरते वक्‍त हादसे पर मिलेगा मुआवजा? 
अक्‍सर ऐसा देखा जाता है कि भारतीय रेलवे में कई यात्री चढ़ते-उतरते वक्‍त हादसे का शिकार हो जाते हैं. कई लोगों की ट्रेन के नीचे आने से मौत तक हो जाती है या गंभीर चोट लग जाती है. ऐसी स्थिति में अगर गलती यात्रियों की होती है तो मुआवजा नहीं मिलता है. वहीं अगर ट्रेन में चढ़ते-उतरते समय किसी की मौत रेलवे के कारण होती है, तो रेलवे मुआवज़ा देता है. 

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सुसाइड करने पर नहीं मिलता कोई मुआवजा
वहीं कई बार देखा गया है कि कई व्‍यक्ति ट्रेन के आगे कुदकर सुसाइड करने की कोशिश कर चुके हैं. जिस कारण कई लोगों की मौत भी हो जाती है और कई लोग घायल भी हो जाते हैं. रेलवे सुसाइड करने या कोशिश करने वालों को कोई मुआवजा नहीं देता है. 

कब मिलता है मुआवजा? 
भारतीय रेलवे किसी व्‍यक्ति को तभी मुआवजा जारी करता है, जब रेलवे की गलती होती है. अगर किसी ट्रेन का एक्‍सीडेंट हो जाए तो उसमें घायल व्‍यक्तियों और मृतकों को मुआवजा जारी किया जाता है. 

कितना मिलता है मुआवजा? 
IRCTC ट्रेन से सफर करने वाले यात्रियों को महज 35 पैसे के लगभग शून्य प्रीमियम पर 10 लाख रुपये तक का बीमा कवर प्रदान करता है. यह यात्रियों के लिए सबसे सस्ता और सबसे अच्छा बीमा कवर माना जाता है. IRCTC ऐप या वेबसाइट के जरिए ट्रेन टिकट बुक करते हैं तो पेमेंट प्रॉसेसे के दौरान इंश्‍योरेंस का विकल्‍प दिया जाता है. इसे सेलेक्‍ट करते हैं तो आपको 35 पैसे में ये बीमा कवर मिल जाता है. खास बात ये है कि एक PNR जितने भी यात्रियों के टिकट बुक किए जा सकते हैं और उन सभी पर ये इंश्‍योरेंस लागू होता है. 

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किसे कितना मिलता है मुआवजा? 
IRCTC द्वारा दिए जाने वाले इस बीमा कवर के संबंध में जारी दिशा-निर्देशों के मुताबिक, अगर यात्रा के दौरान कोई हादसा होता है और यात्री चोटिल होता है, तो फिर चोट के कारण अस्पताल में भर्ती होने पर उसे 2 लाख रुपये का कवर दिए जाने का प्रावधान है. इसके अलावा, स्थायी आंशिक विकलांगता के लिए 7.5 लाख रुपये का कवर दिए जाने का प्रावधान है. इस बीच अगर हादसे में किसी यात्री की जान चली जाती है, तो फिर उसके परिवार को 10 लाख रुपये और स्थायी पूर्ण विकलांगता होने पर भी 10 लाख रुपये का कवर दिया जाता है.

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