पिछले एक साल में गोल्ड के दाम में इतनी तेजी आई, जो कई दशकों में भी नहीं हुआ. सोने ने एक साल के दौरान भारतीय शेयर बाजार से भी ज्यादा का रिटर्न दिया है, जिस कारण सोने के खरीदार भी मालामाल हुए हैं. आज भी सोना ने रिकॉर्ड हाई को टच किया है. मंगलवार को सोना 1,17,561 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया.
भारत का कुल सोने का भंडार भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और आम लोगों के पास है. अब इस सोने की कुल वैल्यू बढ़कर ₹30 लाख करोड़ या 3.29 ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा की हो चुकी है. यह कई देशों के GDP और भारत के कुल विदेशी मुद्रा भंडार से करीब 10 गुना ज्यादा है.
RBI गोल्ड रिजर्व
भारतीय रिजर्व बैंक के पास 879.58 मीट्रिक टन सोना है, जो अब तक का सबसे ज्यादा है. 30 सितंबर तक इस भंडार की वैल्यू ₹10.28 लाख करोड़ ($115.7 बिलियन) था. ठीक एक साल पहले, इसी सोने का मूल्य ₹2.74 लाख करोड़ था. यह वैल्यू में कुल 275% की वृद्धि है, जो ज्यादा खरीदारी से नहीं, बल्कि कीमतों में बढ़ोतरी से हुई है.
यह आरबीआई की ओर से दशकों में हासिल किया गया सबसे बड़ा लाभ है और इसमें मुद्रा जोखिम शून्य है. भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में सोने की हिस्सेदारी पिछले साल के 8-9% से बढ़कर 12.5% से अधिक हो गई है. इसमें आरबीआई द्वारा पिछले तीन महीनों में एक भी टन गोल्ड की खरीदारी भी शामिल है. केंद्रीय बैंक ने जून 2025 में अपनी सोने की खरीद रोक दी है.
भारतीय लोगों के पास कितना सोना?
रिजर्व बैंक के अलावा भारतीय परिवारों के पास अनुमानित 25,000 टन सोना है, जो देश के कुल भंडार का 95% से ज्यादा है. मौजूदा कीमत पर इस भंडार की कीमत ₹29.21 लाख करोड़ या 3.29 ट्रिलियन डॉलर है. यह न सिर्फ दुनिया का सबसे बड़ा प्राइवेट गोल्ड भंडार है, बल्कि यह टॉप 10 केंद्रीय बैंकों के आधिकारिक भंडार से भी ज्यादा है.
भारत के पास कुल कितना सोना
यह विशाल भंडार भारत में सोने के प्रति लगाव, दहेज की परंपरा और महंगाई से बचाव के कारण है. यह भारत में आंतरिक मजबूती भी दे रहा है. भारत का कुल सोना केंद्रीय और घरेलू दोनों मिलाकर 25,800 टन है. बता दें कि भारत के पास इतना सोना सिर्फ उसके नागरिकों की तिजोरियों, लॉकरों और ज्वेलरी के बक्सों में रिजर्व रखने के कारण संभव हो पाई है. जबकि दूसरे देशों में सोना केंद्रीय बैंक द्वारा ज्यादा स्टोर किया जाता है.
आजतक बिजनेस डेस्क