Alert: बिना AIS मत करें ITR फाइल, फंस सकते हैं आप, जानिए क्या है AIS और क्यों जरूरी?

नए एआईएस फॉर्म में टैक्सपेयर्स को अलग-अलग माध्यमों से हुई सारी कमाई का ब्यौरा दिया रहता है. आयकर विभाग का कहना है कि AIS से आईटीआर फाइलिंग में पारदर्शिता लाने और टैक्सपेयर्स के लिए चीजें सरल होंगी. जानकार कहते हैं कि AIS की मदद से आयकर भरना बेहद आसान  हो जाता है.

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ITR फाइल करने से पहले AIS जरूरी ITR फाइल करने से पहले AIS जरूरी

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 20 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 2:31 PM IST

अगर आप इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return Filing) भरने की तैयारी में हैं तो बिल्कुल अभी हड़बड़ी न करें. दरअसल, फाइनेंशियल ईयर 2022-23 (FY23) के लिए ITR की डेडलाइन 31 जुलाई है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax Department) लगातार लोगों को ITR फाइल करने के लिए उत्साहित कर रहा है. जिससे पिछले कुछ वर्षों में आईटीआर भरने वालों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिली है. 

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पिछले कुछ वर्षों में आयकर विभाग ने ITR फाइलिंस प्रोसेस को और आसान बनाने का प्रयास किया है. इसलिए इस बार आईटीआर भरने से पहले आपको बदलावों के बारे में जान लेना चाहिए. 

रिटर्न भरने से पहले तैयार रखें ये कागजात
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने ITR को आसान बनाने के लिए एआईएस (AIS) यानी एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट (Annual Information Statement) और टीआईएस (TIS) यानी टैक्सपेयर इंफॉर्मेशन समरी (Taxpayer Information Summary) की शुरुआत की है. विभाग का कहना है कि AIS से आईटीआर फाइलिंग में पारदर्शिता लाने और टैक्सपेयर्स के लिए चीजें सरल होंगी. जानकार कहते हैं कि AIS की मदद से आयकर भरना बेहद आसान  हो जाता है. इसलिए ITR भरने से पहले AIS आपके पास होना चाहिए. जब तक AIS आपको न मिल जाए, ITR फाइल न करें. क्योंकि बिना AIS आईटीआर फाइल करने पर आंकड़ों में अंतर आ सकता है. हालांकि अभी अपडेट AIS उपलब्ध नहीं है, लेकिन संभावना है कि मई के पहले हफ्ते में टैक्सपेयर्स के लिए यह दस्तावेज उपलब्ध रहेगा.  

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एआईएस क्या है? 
नए एआईएस फॉर्म में टैक्सपेयर्स को अलग-अलग माध्यमों से हुई सारी कमाई का ब्यौरा दिया रहता है. इनमें सेविंग अकाउंट से ब्याज के रूप में हुई कमाई (Saving Account Interest Income), रेकरिंग और फिक्स्ड डिपॉजिट से इनकम (Recurring and Fixed Deposit Income), डिविडेंड के रूप में मिले पैसे (Income From Dividend), म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) समेत सिक्योरिटीज के लेन-देन से हुई आय, विदेश से मिले पैसे आदि शामिल हैं. आईटीआर फाइलिंग को आसान बनाने के लिए सभी तरह का ट्रांजेक्शन आपको AIS में दिख जाएगा. इसमें टैक्सपेयर्स को टैक्सेबल राशि (Taxable Amount) की एकमुश्त जानकारी मिल जाती है. पहले विभाग ने इसे ट्रायल के आधार पर शुरू किया था, अब इसे कंपल्सरी कर दिया गया है.

आमतौर पर सैलरीड क्लास फॉर्म-16 (Form-16) के आधार पर ITR फाइल कर देता है. हालांकि इसके अलावा भी कई तरह के इनकम और यहां तक कि गिफ्ट भी इनकम टैक्स के दायरे में आते हैं. AIS और TIS यहीं पर टैक्सपेयर्स के लिए मददगार साबित होता है. एआईएस में आपको सैलरी के अलावा अन्य स्रोतों से हुई हर उस कमाई का ब्यौरा मिल जाता है, जिन्हें इनकम टैक्स एक्ट 1961 (Income Tax Act 1961) के तहत स्पेसिफाई किया गया है. मतलब इसमें हर उस इनकम की जानकारी मिलेगी, जो टैक्सेबल कैटेगरी का है. सरल शब्दों में कहें तो किसी एक फाइनेंशियल ईयर (Financial Year) के दौरान किए गए सारे वित्तीय लेन-देन (Financial Transaction) के डिटेल्ड स्टेटमेंट को AIS कह सकते हैं. टीआईएस इसी का सारांश होता है.

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ऐसे ऑनलाइन डाउनलोड करें एआईएस/टीआईएस (How to Download AIS/TIS)...

सबसे पहले इनकम टैक्स फाइलिंग पोर्टल (www.incometax.gov.in) पर जाएं.
अब पैन नंबर (PAN Number), पासवर्ड की मदद से अपने अकाउंट में लॉग इन करें.
ऊपर मेन्यू में सर्विसेज टैब पर जाएं.
ड्रॉपडाउन में 'Annual Information Statement (AIS)' को सेलेक्ट करें.
प्रोसीड पर क्लिक करते ही एक अलग वेबसाइट ओपन होगी.
नई वेबसाइट पर AIS के ऑप्शन को सेलेक्ट करें.
अब आपको AIS और TIS दोनों डाउनलोड करने का ऑप्शन मिलेगा.
आप AIS और TIS को PDF या JSON फॉर्मेट में डाउनलोड कर सकते हैं.

इसके अलावा अब AIS ऐप भी लॉन्च हो गया है. जिसका नाम AIS For Taxpayers है. इसकी मदद से करदाता एनुअल इन्फॉर्मेशन स्टेटमेंट (AIS) या टैक्सपेयर इन्फॉर्मेशन समरी (TIS) में उपलब्ध जानकारी को आसानी से अपने फोन पर देख सकेंगे. ये मोबाइल एप्लिकेशन Google Play और App Store से फ्री में डाउनलोड की जा सकती है.


AIS ऐप पर रजिस्ट्रेशन का प्रोसेस
अपने मोबाइल फोन में Google Play Store को ओपन करें.
अब सर्च ऑप्शन में AIS for Taxpayers टाइप करके सर्च करें.
इसके बाद आपकी मोबाइल स्क्रीन पर AIS एप दिखाई देगा. 
इसके आगे दिए गए इंस्टॉल ऑप्शन पर क्लिक करें और ये डाउनलोड हो जाएगा. 
फोन में ऐप डाउनलोड होने के बाद आप इसे खोलें और पैन कार्ड डिटेल भरें. 
पैन डिटेल के जरिए अपना रजिस्ट्रेशन करने के बाद आपके रजिस्टर्ड नंबर पर OTP आएगा. 
इस ओटीपी और ई-फाइलिंग पोर्टल पर रजिस्टर्ड ई-मेल से ऑथिंटिकेशन करना होगा. 
इसके बाद, आप मोबाइल 4 अंकों का पिन सेट कर इसका इस्तेमाल शुरू कर सकते हैं. 

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AIS App के जरिए टैक्सपेयर्स 46 तरह के लेन-देन की जानकारियां अपने मोबाइल फोन पर पा सकते हैं. इसके अलावा इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करना भी इससे आसान हो जाएगा. इसपर उपलब्ध जानकारियों के जरिए टैक्सपेयर आईटीआर दाखिल करते समय होने वाली गलतियों से बच सकते हैं. 

इसके अलावा रिटर्न फाइल करने से पहले कुछ कागजात को तैयार रखें. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट जिन कागजातों की बात कर रहा है, उनमें फॉर्म 16, बैंक स्टेटमेंट, बैंक से मिला इंटेरेस्ट सर्टिफिकेट, अगर होम लोन है तो उसका स्टेटमेंट जरूरी है. 

 

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