पहली तिमाही में इकोनॉमी को लग सकता है झटका, GDP को लेकर इस एजेंसी का आया अनुमान

GDP Forecast: इक्रा के मुताबिक पहली तिमाही में सरकारी खर्च में आई गिरावट और शहरी उपभोक्ता डिमांड में कमी की वजह से आर्थिक विकास दर में गिरावट आने की आशंका है. 30 अगस्त को MoSPI जून तिमाही की विकास दर के आधिकारिक डेटा को जारी करेगी.

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 22 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 7:50 PM IST

इस महीने के आखिर में अप्रैल-जून तिमाही की विकास दर का ऐलान हो जाएगा. इसके आने से पहले भारत की विकास दर को लेकर रेटिंग एजेंसी इक्रा (ICRA) ने बड़ा अनुमान जताया है. इक्रा की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था 2024-25 की पहली तिमाही में दमदार प्रदर्शन नहीं कर पाएगी. 

रेटिंग एजेंसी ने अप्रैल-जून तिमाही को लेकर अनुमान जताया है कि इस दौरान भारत की इकोनॉमिक ग्रोथ 6 फीसदी पर आ जाएगी. इससे पहले यानी जनवरी-मार्च तिमाही में इकोनॉमिक ग्रोथ 7.8 फीसदी थी जबकि अप्रैल-जून 2023 में देश की विकास दर 8.2 फीसदी रही थी. ऐसे में अगर ये अनुमान सही साबित हुआ तो ये 6 तिमाहियों का सबसे निचला स्तर होगा.

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2024-25 में 6.8% विकास दर!
हालांकि एजेंसी ने कहा है कि पहली तिमाही में गिरावट के बावजूद बाकी की तिमाहियों में GDP ग्रोथ में तेजी आएगी. इक्रा का अनुमान है कि 2024-25 में भारत की विकास दर 6.8 फीसदी रहेगी जो 2023-24 के 8.2 फीसदी से काफी कम है. अगर 2024-25 के लिए RBI समेत अलग अलग एजेंसियों के अनुमानों की बात करें तो RBI ने अपनी हालिया पॉलिसी में मौजूदा कारोबारी साल में 7.2 परसेंट विकास दर का अनुमान जताया है. 

वहीं वित्त मंत्रालय का अनुमान है कि इस साल देश का ग्रोथ रेट साढ़े 6 से 7 परसेंट की रेंज में रहेगा. फिक्की और IMF ने इस साल के लिए 7 फीसदी विकास दर का अनुमान लगाया है. वर्ल्ड बैंक ने 6.6 फीसदी, मॉर्गन स्टेनली ने 6.8 फीसदी और डेलॉयट ने 7 से 7.2 परसेंट विकास दर का अनुमान लगाया है.

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30 अगस्त को आएंगे विकास दर के आंकड़े
इक्रा के मुताबिक पहली तिमाही में सरकारी खर्च में आई गिरावट और शहरी उपभोक्ता डिमांड में कमी की वजह से आर्थिक विकास दर में गिरावट आने की आशंका है. 30 अगस्त को MoSPI जून तिमाही की विकास दर के आधिकारिक डेटा को जारी करेगी. RBI के कंज्यूमर कॉन्फिडेंस इंडेक्स के मुताबिक शहरी कंज्यूमर कॉन्फिडेंस में काफी गिरावट दर्ज की गई है. 

वहीं पिछले साल के कमजोर मानसून के लंबे समय तक बने रहने वाले असर और 2024 के मानसून की असमान शुरुआत ने ग्रामीण सेंटीमेंट्स में सुधार को भी रोक दिया है. इक्रा के अर्थशास्त्रियों के मुताबिक हीटवेव ने अलग अलग सेक्टर्स में लोगों को प्रभावित किया है. हालांकि इससे पावर डिमांड में शानदार तेजी देखने को मिली और एसी-कूलर-फ्रिज की बिक्री ने भी इस बार भीषण गर्मी के असर से रिकॉर्ड बनाया था.

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