क्या होते हैं Green Bond?, बजट में हुआ था ऐलान, अब मंजूरी देने की तैयारी

Green Bond लाने का ऐलान सरकार की ओर से देश का आम बजट पेश करने करने के दौरान किया गया था. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि ये बॉन्ड Indian Economy को पर्यावरण के लिए अनुकूल बनाने की दिशा में एक नींव विकिसत करने वाला कदम है.

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ग्रीन बॉन्ड की रूपरेखा तैयार, सरकार जल्द दे सकती है मंजूरी ग्रीन बॉन्ड की रूपरेखा तैयार, सरकार जल्द दे सकती है मंजूरी

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 10 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 1:38 PM IST

केंद्र सरकार जल्द ही मंजूरी देते हुए ग्रीन बॉन्ड (Green Bond) जारी कर सकती है. वित्त मंत्रालय ने सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड की रुपरेखा तैयार कर ली है. सरकार की योजना इस वित्त वर्ष की दूसरी छिमाही में 16,000 करोड़ रुपये के बॉन्ड जारी करने की है. इसका उपयोग कार्बन उत्सर्जन को कम करने में मदद करने वाली परियोजनाओं में किया जाएगा.  

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वित्त मंत्री ने बजट में किया था ऐलान
Green Bond लाने का ऐलान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने इस वित्त वर्ष के अपने बजट भाषण के दौरान किया था. यह चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही के लिए उधारी कार्यक्रम का एक हिस्सा है. पीटीआई की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया कि रूपरेखा तैयार है और इसे जल्द ही मंजूरी दी जा सकती है. इससे जुटाई गई रकम का इस्तेमाल उन सरकारी क्षेत्र की परियोजनाओं में होगा, जो अर्थव्यवस्था में कार्बन उत्सर्जन को कम करने में मदद करने वाली हैं. 

लंबी अवधि के होंगे ये ग्रीन बॉन्ड
सरकार का लक्ष्य इन ग्रीन बॉन्ड के जरिए विदेशी निवेशकों को लुभाने का भी है. रिपोर्ट की मानें तो ये डोमिनेटेड और लंबी अवधि के बॉन्ड होंगे. गौरतलब है कि वैश्विक स्तर पर इस तरह के ग्रीन बॉन्ड इन्वेस्टर्स को खासा आकर्षित करते हैं और एसेट लिंक होने के कारण सरकारों के लिए इन बॉन्ड पर फंड जुटाना आसान हो जाता है. केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष की दूसरी (अक्टूबर से मार्च) छमाही के लिए 5.92 लाख करोड़ रुपये उधार लेने का लक्ष्य तय किया है. 

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Green Bond को ऐसे समझें
ग्रीन बॉन्ड दरअसल, वे बॉन्ड होते हैं जिनका उपयोग सरकार ऐसी वित्तीय परियोजनाओं में करती है जिसका पर्यावरण पर सकारात्मक असर पड़ता है. इस तरह के बॉन्ड यूरोपीय निवेश बैंक और विश्व बैंक ने 2007 में लॉन्च किए थे. दूसरे शब्दों में कहें तो Green Bond एक उभरता हुआ आशाजनक तंत्र है, जो ग्रीन परियोजनाओं के लिए धन जुटाने में मदद करता है. 

ग्रीन बॉन्ड में क्या शामिल है?
ग्रीन बॉन्ड को मंजूरी देने के बाद भारत अब उन चुनिंदा देशों के ग्रुप में शामिल हो जाएगा, जिनमें मुख्य रूप से यूरोपीय देश हैं और जिन्होंने इस तरह के बांड जारी किए हैं. बता दें, सौर फोटोवोल्टिक पैनलों के घरेलू निर्माण में वृद्धि, कोयले से चलने वाल ताप विद्युत संयंत्रों में बायोमास पेलेट का उपयोग, शहरी क्षेत्रों में सार्वजनिक परिवहन और इलेकट्रिक वाहनों के उच्च उपयोग की ओर बदलाव को बढ़ावा देने और पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव डालने वाली परियोजनाओं को वित्त पोषित करने के लिए ग्रीन बांड जारी किए जाएंगे.


 

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